राजकुमार पटेल के समर्थन में उतरे आदिवासी युवा
मंडी सभापति रोहित पटेल ने संभाली प्रचार की कमान
अमरावती/धारणी/दि.14 – जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से प्रहार जनशक्ति पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार पटेल के प्रचार व समर्थन हेतु अब क्षेत्र के आदिवासी युवा स्वयंस्फूर्त रुप से बडे पैमाने पर मैदान में उतर आये है तथा निर्वाचन क्षेत्र के गांव-गांव में घूमकर प्रहार प्रत्याशी राजकुमार पटेल का प्रचार भी कर रहे है. प्रहार प्रत्याशी राजकुमार पटेल के समर्थन हेतु मैदान में उतरे क्षेत्र के आदिवासी युवाओं का नेतृत्व धारणी फसल मंडी के सभापति रोहित पटेल द्वारा किया जा रहा है.
आज मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के धारणी शहर सहित आसपास के कई गांवों में मंडी सभापति रोहित पटेल के नेतृत्वतले प्रहार प्रत्याशी राजकुमार पटेल के प्रचार हेतु रैली व पदयात्रा निकाली गई. जिसका जगह-जगह शानदार स्वागत होने के साथ ही प्रहार प्रत्याशी राजकुमार पटेल की दावेदारी को जबर्दस्त समर्थन भी मिला. इस समय मेलघाट के मतदाताओं को संबोधित करते हुए मंडी सभापति रोहित पटेल द्वारा कहा गया कि, विगत 5 वर्षों के दौरान मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से विधायक रहने वाले राजकुमार पटेल ने पूरे निर्वाचन क्षेत्र के विकास हेतु जबर्दस्त काम किया है तथा करोडों रुपयों की निधि को मंजूरी दिलाते हुए क्षेत्र में कई विकास कामों व योजनाओं को शुरु कराया है. जिसके तहत चुनाव से ठीक पहले पिछले महीने ही मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र में 707 करोड रुपए की लागत वाले विभिन्न विकास कामों का भूमिपूजन व लोकार्पण हुआ. साथ ही कई विकास कामों की योजनाएं भी तैयार है. जिन्हें पूरा करने के लिए मेलघाट की जनता ने एक बार फिर राजकुमार पटेल को अपना विधायक चुनना चाहिए.
* इसको-उसको उंगली बताने वाले लोगों ने मेलघाट के लिए क्या किया?
– मंडी सभापति रोहित पटेल ने पूर्व सांसद नवनीत राणा पर साधा निशाना
मेलघाट क्षेत्र में प्रहार प्रत्याशी राजकुमार पटेल के प्रचार हेतु आयोजित रैली के दौरान एक सभा को संबोधित करते हुए मंडी सभापति रोहित पटेल ने कहा कि, जिले की पूर्व सांसद नवनीत राणा अक्सर यह कहती है कि, इसने ये नहीं किया, उसने वो नहीं किया. ऐसे में नवनीत राणा से पूछा जाना चाहिए कि, उन्होंने सांसद रहते हुए पूरे 5 साल के दौरान मेलघाट सहित अमरावती जिले के लिए क्या किया. साथ ही रोहित पटेल ने यह आरोप भी लगाया कि, सांसद रहने के दौरान नवनीत राणा ने मेलघाट के आदिवासी युवाओं के हाथ से रोजगार छिनने का काम किया और अब वे लोग आदिवासियों के लिए अपना प्यार दिखा रहे है.