अमरावतीमहाराष्ट्र

हतरु के पटवारी कार्यालय पर आदिवासियों ने ठोका ताला

हल्टीमेटम देकर भी मग्रारोगायो की मजदूरी नहीं मिलने से थे संतप्त

* आदिवासी मजदूरों की भूमिका से प्रशासन में मचा हडकंप
चिखलदरा /दि.4– कडी धूप में पसीना बहाकर मेहनत करने के बावजूद मेलघाट के आदिवासियों को विगत दो माह से महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनांतर्गत किये गये कामों की मजदूरी नहीं मिली थी. जिसके चलते आदिवासी मजदूरों ने पहले ही चेतावनी दी थी कि, यदि उन्हें 31 दिसंबर तक उनके हक की मजदूरी नहीं मिलती है, तो वे 2 जनवरी को हतरु के पटवारी कार्यालय पर ताला ठोंक देंगे. इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा मजदूरी देने में असफल रहने पर आदिवासियों ने अपनी घोषणा पर हकीकत में अमल किया और हतरु के सरपंच भैयालाल मावस्कर के नेतृत्व में गुरुवार को पटवारी कार्यालय पर वाकई ताला ठोंक दिया. जिसके चलते प्रशासन में अच्छा खासा हडकंप व्याप्त हो गया.
बता दें कि, मग्रारोगायो अंतर्गत राज्य में सर्वाधिक काम मेलघाट क्षेत्र की चिखलदरा तहसील में ही किये जाते है. जहां पर 60 से 70 हजार मजदूर इस योजनांतर्गत विविध कामों पर होते है. लेकिन अपने द्वारा किये गये कामों की मजदूरी मिलने हेतु आदिवासियों को हमेशा ही आंदोलन करने पडते है.
पता चला है कि, हतरु व परिसर के आदिवासियों ने दिसंबर माह में रोजगार गारंटी योजना के तहत वनखंड क्रमांक 474 की वन जमीन पर सीसीटी का काम किया था और यह काम करने में करीब 300 मजदूर शामिल थे. जिन्होंने मेहनत मजदूरी का काम किया था. लेकिन 5 सप्ताह से अधिक का समय बीत जाने के बावजूद भी इन मजदूरों को उनकी मजदूरी अदा नहीं की गई थी. जिसके चलते हतरु के उपसरपंच भैयालाल मावस्कर ने क्षेत्र के विधायक, तहसीलदार व संबंधित प्रशासन को निवेदन सौपते हुए 31 दिसंबर तक मजदूरों को उनकी मजदूरी अदा करने की मांग की थी. अन्यथा 2 जनवरी को पटवारी कार्यालय पर ताला ठोंकने की चेतावनी दी थी. चूंकि प्रशासन द्वारा 31 दिसंबर तक मजदूरों को उनकी मजदूरी अदा नहीं की गई. ऐसे में 2 जनवरी को क्षेत्र के आदिवासी मजदूरों ने पटवारी कार्यालय पर ताला ठोंकते हुए जोरदार निषेध प्रदर्शन किया.

* प्रशासन के हाथ-पांव फूले
आदिवासी मजदूरों द्वारा पटवारी कार्यालय पर ताला ठोंके जाने की जानकारी मिलते ही प्रशासनिक अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गये तथा अधिकारियों ने दौडभाग करनी शुरु की. जिसके तहत तहसीलदार जीवन मोरनकर को तुरंत ही हतरु गांव में आदिवासी मजदूरों के साथ ही चर्चा करने हेतु भेजा गया.

* आदिवासी मजदूरों की 5 सप्ताह से मजदूरी बकाया है. जिसे लेकर संबंधितों को निवेदन व अल्टीमेटम दिया गया था. जिसे प्रशासन ने गंभीरतापूर्वक नहीं लिया. ऐसे में अल्टीमेटम का समय समाप्त होते ही कल गुरुवार 2 जनवरी को पटवारी कार्यालय पर आदिवासी मजदूरों ने ताला ठोंक दिया.
– भैयालाल मावस्कर,
उपसरपंच, हतरु ग्राप.

* आदिवासी मजदूरों की ओर से निवेदन मिला था और हमने उन्हें आश्वस्त किया था कि, उन्हें उनकी मजदूरी की रकम का जल्द भुगतान होगा. जिसके चलते आदिवासियों ने आंदोलन नहीं करने की बात भी कही थी. लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अचानक ही आंदोलन किया है. ऐसे में प्रशासन द्वारा आदिवासी मजदूरों के साथ बातचीत की जा रही है.
– गजानन राजगडकर,
नायब तहसीलदार, चिखलदरा.

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