आदिवासियों को 10 हजार रुपए का खावटी कर्ज दिया जाए
पूर्व मंत्री व विधायक यशोमति ठाकुर ने उठाई मांग
अमरावती/दि.10 – आदिवासियों को दिए जाने वाले खावटी कर्ज की रकम बेहद अत्यल्प है. साथ ही उनके स्थलांतरण का मसला भी बेहद गंभीर हो गया है. अत: 2 हजार रुपए के खावटी कर्ज को बढाकर 10 हजार रुपए किया जाना चाहिए. साथ ही स्थलांतरण को रोकने हेतु तत्काल उपाय भी किए जाने चाहिए. इस आशय की मांग तिवसा निर्वाचन क्षेत्र की विधायक तथा पूर्व पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने गत रोज विधान मंडल के बजट अधिवेशन में उठाई. इस समय आदिवासी विकास मंत्री विजयकुमार गावित ने सकारात्मक प्रतिसाद देते हुए कहा कि, इन दोनों मामलों पर सरकार द्बारा तुरंत ही ध्यान दिया जाएगा.
विधायक यशोमति ठाकुर ने कहा कि, अमरावती जिले के आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में आदिवासियों को काफी विलंब से खावटी कर्ज का वितरण होता है. खावटी कर्ज वितरण के संदर्भ में आदिवासी विभाग, महिला व बालविकास विभाग तथा वन विभाग इन तीनों विभागों ने एकसाथ बैठकर संयुक्त रुप से उपाय योजनाएं करनी चाहिए. लेकिन इन तीनों विभागों में किसी भी तरह का तालमेल नहीं है. जिसके चलते खावटी कर्ज वितरण के साथ ही आदिवासियों के स्थलांतरण का मसला अपनी जगह पर बना हुआ है. साथ ही धारणी में गरीबी, कुपोषण व रोजगार का अभाव जैसी समस्याएं भी बडे पैमाने पर व्याप्त है. जिसकी ओर सरकार का कोई ध्यान ही नहीं है. रोजगार का अभाव रहने की वजह से ही आदिवासियों का स्थलांतरण होता है. जिसे रोकने हेतु सरकार द्बारा कोई कदम नहीं उठाए जा रहे. बल्कि सारी योजनाएं कागजों पर ही चल रही है. खावटी कर्ज वितरण के लिए मोबाइल एप तैयार किया गया है. लेकिन वह पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया है. इसकी वजह से लाभार्थियों तक खावटी कर्ज नहीं पहुंच पा रहा है. इसके साथ ही सरकार द्बारा आदिवासी लाभार्थियों को प्रतिव्यक्ति 2 हजार रुपए नगद व 2 हजार रुपए मूल्य की वस्तूएं खावटी कर्ज के तौर पर वितरीत की जाती है. जिसे आदिवासियों के साथ एक तरह का मजाक कहा जा सकता है. अत: खावटी कर्ज में संशोधन करते हुए इसे 10 हजार रुपए किया जाना चाहिए. ऐसी मांग भी विधायक यशोमति ठाकुर द्बारा की गई. जिस पर जवाब देते हुए मंत्री विजयकुमार गावित ने दोनों मांगों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि, इसे लेकर जल्द ही आवश्यक उपाय योजनाएं की जाएंगी.