‘ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया’ एक गंभीर और दर्दनाक मस्तिष्क विकार

बीमारी को नजरअंदाज करना पड सकता है महंगा

* सरकारी सुपर स्पेशालिई में इलाज की सुविधा

अमरावती/दि.29‘ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया’ एक गंभीर और दर्दनाक मस्तिष्क विकार है. माथे, जबडे या चेहरे के एक तरफ बिजली के झटके जैसा तेज दर्द महसूस हो रहा हो या यह दर्द खाना खाते समय, बात करते समय, दांत साफ करते समय या हल्के स्पर्श से भी अचानक होता है तो ये लक्षण ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के हो सकते हैं, जो एक बहुत ही गंभीर, दुर्लभ और दर्दनाक मस्तिष्क विकार है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस ओर समय रहते ध्यान देने की जरूरत है.
इस रोग का निदान अक्सर गलत तरीकों से किया जाता है. इसका इलाज अक्सर दांत दर्द या माइग्रेन के रूप में किया जाता है. इससे उचित उपचार में देरी होती है और दर्द बढ जाता है.
इस स्थिति में दैनिक कार्य करना कठिन हो जाता है. कुछ लोग समाज से दूर रहने की कोशिश करते हैं क्योंकि वे दर्द से डरते हैं. यह असहनीय पीडा कुछ चरम कदम उठाने का कारण भी बन सकती है. इसलिए इस बीमारी को नजरअंदाज करने की बजाय तुरंत इलाज करना जरूरी है. विभागीय संदर्भ सेवा रूग्णालय में ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया की तकलीफ रहने वाले 6 मरीजों की सफर शल्यक्रिया भी की गई थी.

इस बीमारी से चेहरे पर तेज दर्द होता है. टी.एन. के कारण गालों, चेहरे के निचले हिस्से और आंखों के आसपास गंभीर, आघात जैसी सूजन हो जाती है. यह दर्द कुछ सेकंड से लेकर कुछ मिनट तक रह सकता है.

 ‘सुसाइड डिसीज’
इस बीमारी को ‘सुसाइड डिसीज’ भी कहा जाता है. क्योंकि, इस स्थिति में होने वाला गंभीर, अप्रत्याशित और असहनीय चेहरे का दर्द व्यक्ति को बहुत अधिक मानसिक और शारीरिक कष्ट पहुंचाता है.

एक गंभीर, दर्दनाक मस्तिष्क विकार
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया एक गंभीर दर्दनाक मस्तिष्क विकार है. मानव खोपडी से निकलने वाली 12 नसों में से इसे पांचवीं सबसे बडी तंत्रिका माना जाता है. यह शाखा माथे, खोपडी, तालू और सिर के अगले हिस्से को संवेदना पहुंचाती है.

मरीज मानसिक रूप से थकता है
ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया का असहनीय दर्द रोगी को मानसिक रूप से थका देता है. कई बार रोगी अपने सिर में दर्द को याद करते हुए अपने सिर को कपडे से ढक लेता है. इस रोग में दर्द का दौरा अचानक और बार-बार आता है इससे खाना खाना, बात करना और यहां तक कि दांत साफ करना भी मुश्किल हो जाता है

भले ही इस बीमारी को ‘सुसाइड डिसीज’ कहा जाता है. यह नाम दर्द के कारण पडा है. आधुनिक चिकित्सा, औषधि, नर्व ब्लॉक्स और शल्यक्रिया के विकल्पों ने कई रोगियों को टीएन को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करने में मदद की है.
-डॉ. अमोल ढगे,
न्यूरो सर्जन

क्या है कारगर उपाय?
टी.एन. का उपचार आमतौर पर दवा से किया जाता है. डॉक्टर टीएन के लिए विभिन्न प्रकार की दवाइयां लिखते हैं. अधिकतर, वे ऐसी दवाएं लिखते हैं जो आमतौर पर दौरे को रोकने के लिए उपयोग की जाती हैं. और यदि आवश्यक हो, तो ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया सर्जरी भी करते हैं.

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