भूमि अभिलेख कार्यालय की महिला वरिष्ठों की प्रताडना से परेशान
जिलाधिकारी शैलेश नवाल ने दिये जांच के आदेश
चांदूर बाजार/प्रतिनिधि दि.५ – स्थानीय भूमि अभिलेख कार्यालय की एक महिला कर्मचारी को प्रताडित किया जा रहा है, वरिष्ठ अधिकारियों की प्रताडना से त्रस्त होकर इस पीडित महिला कर्मचारी ने आत्महत्या का प्रयास भी किया था. फिलहाल वह मानसिक तनाव में रहने से उसने इस प्रकार की शिकायत जिलाधिकारी व पुलिस अधिक्षक से की है. जिससे जिलाधिकारी ने इस शिकायत की जांच कर कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने के निर्देश जिला अधिक्षक भूमि अभिलेख, उपविभागीय अधिकारी अचलपुर व तहसीलदार चांदूर बाजार समेत पुलिस को भी दिये है.
चांदूर बाजार स्थित भूमि अभिलेख कार्यालय में भूमापक के रुप में कार्यरत रहने वाली एक महिला कर्मचारी ने कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उसे प्रताडित कर रहे है. इस तरह की शिकायत बिरसा क्रांतिदल की मदत से जिलाधिकारी को 27 मार्च को दी थी. जिलाधिकारी की सूचना के अनुसार निवासी उपजिलाधिकारी डॉ.नितीन व्यवहारे ने एक आदेश के तहत इस मामले की जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश जिला अधिक्षक भूमि अभिलेख व संबंधित अन्य यंत्रणा को भी दिये है, इस तरह की जानकारी बिरसा क्रांती दल के जिलाध्यक्ष अर्जुन युवनाते ने दिये. उस महिला कर्मचारी का मई 2020 का वेतन रोके जाने से उन्होंने उपअधिक्षक पद पर स्थित अधिकारी को वेतन निकाल देने की अपील की. उस समय उन्होंने मुहजोर बर्ताव करते हुए जातिवाचक शब्दों का इस्तेमाल कर वेतन निकालने से इंकार कर दिया. इसकी शिकायत वरिष्ठों से करने के बाद उसका प्रलंबित वेतन मिला. उस महिला कर्मचारी ने वरिष्ठों से शिकायत करने से संबंधित उपअधिक्षक ने दीक्षा को मानसिक रुप से प्रताडित करना शुरु किया. समय समय पर कुछ कारण न रहते हुए शो कॉज नोटीस देना, वेतन पत्रक न देना, एक ही दिन अतिरिक्त काम देना आदि आरोप दीक्षा ने किये थे. अभी तक उसे फरवरी 2021 का वेतन न मिलने की जानकारी उन्होंने दी. उसकी मानसिक प्रताडना शुरु रहने से मानसिक तनाव में रहने वाली उस महिला ने 5 मार्च को स्वयं को खत्म करने का आत्मघातकी निर्णय लिया था. यह मामला चांदूर बाजार पुलिस में जाने से जांच अधिकारियों ने भूमि अभिलेख के उपअधिक्षकों को समझ देकर मामला निपटाने का प्रयास किया था. किंतु फिर भी उप अधिक्षक के बर्ताव में कोई भी बदलाव नहीं आया. जिससे यह मामला समय पर ही हथिया नहीं गया तथा चांदूर बाजार में भी दीपाली चव्हाण मामले की पुनर्रावृत्ति होने की संभावना नकारी नहीं जा सकती. जिससे संबंधित उपअधिक्षक पर निलंबन की कार्रवाई करने की मांग की गई थी. उसके लिये सदीश बेठेकर, अतुल परतेकी, राजू काले, शशिकांत आत्राम, संतोष किरनाके, वैभव लोखंडे, नितीन लांबुलके, लक्ष्मी आत्राम आदि ने जिला पुलिस अधिक्षक हरि बालाजी एन को निवेदन दिया था, लेकिन अब जिलाधिकारी की ओर से जांच के आदेश आने से आगामी कार्रवाई की ओर सभी की नजरे लगी है.