* भागवताचार्य देशपांडे का कहना
अमरावती/दि.12- घर, खेती बाड़ी, धन, गहने सभी बाह्य संपत्ति है. कम- अधिक हो सकती है. ईश्वर भक्ति सभी सुख और समाधान है. ईश्वर के निकट होना यहीं सच्ची संपत्ति होने की बात भागवताचार्य श्यामराव देशपांडे ने कही. वे दत्त मंदिर कुंभारवाड़ा में आयोजित भागवत ज्ञान यज्ञ में पांचवें दिन कथा का विवेचन कर रहे थे.
पंचम दिवस भगवान श्रीकृष्ण और ग्रंथ का पूजन एवं भागवताचार्य देशपांडे का स्वागत नरेश अतकरे, वैशाली अतकरे ने किया. कथा समाप्ति उपरांत वैद्यकीय क्षेत्र में पांच दशकों से सेवाभाव से कार्यरत डॉ. सी.सी. केला, प्रसिद्ध उद्योजक अरुणभाई टांक का पत्नी सहित शाल, श्रीफल, पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया. आरती में प्रदीप कोल्हे, क्षितिजा कोल्हे, अजय वर्मा, गिरीश कंधारी, रवि खराटे, स्नेहा खराटे की उपस्थिति रही. उसी प्रकार मुख्य यजमान चंद्रकांत हंबर्डे, मधुकर साउरकर, प्रभाकर केवले, वसंतराव साउरकर, धनंजय चतारे, अभिनंदन पेंढारी, अजय गंधे, अनंत साउरकर, प्रवीण अंबुलकर, मनोज केवले, अविनाश असनारे, अमोल दीक्षित, अशोक तांबस्कर, मधुकर रोतले, गजानन बाबरेकर, कृष्णराव कथवटे, दिनेश डोलारे, देवश्री डोले, राठीजी, सुनील जोशी, डॉ. मुदगल, दीपक हुंडीकर, नितिन व्यास उपस्थित थे.