अमरावती

अटल भूजल योजना द्वारा पुनर्भरण का प्रयास, 3 तहसीलों को लाभ

किल्लतग्रस्त 207 गांवों को बूस्टर

अमरावती/दि.14-बारह महीने व फल की उपज के लिए भूजल का अनियंत्रित उपसा होने से दिनोंदिन भूजल स्तर कम होते जा रहा है. जिसकी तुलना में भूजल पुनर्भरण नहीं होता. जिसके चलते चांदूर बाजार, मोर्शी व वरुड तहसील के अतिशोषित 207 गांवों में अब अटल योजना द्वारा भूजल संचयन में बढ़ोत्तरी होगी. सन 2025 तक यह प्रकल्प पूरा किया जायेगा. फिलहाल 12 गांवों की जल सुरक्षा के काम का लेखाजोखा तैयार हुआ हैं.
भूजल के विकास हेतु गांव स्तर पर सक्षम यंत्रणा निर्माण करने, पानी की मांग व आपूर्ति व्यवस्थापन सूत्र को अमल में लाकर भूजल संचयन में शाश्वता लाने, सुक्ष्म सिंचाई पद्धति का इस्तेमाल कर भूजल का इस्तेमाल मर्यादित करने आदि उपाय योजना द्वारा इन गांवों में पानी का पुनर्भरण कर भूजल संचयन बढ़ाया जाएगा.भूजल का स्तर 30 फूट नीचे जाने वाले गांवों का इस योजना में समावेश किया गया है. विशेष बात यह है कि इस योजना के सभी प्रकल्पों में महिलाओं का सहभाग होने की जानकारी जीएसडी की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक हिमा जोशी ने दी.
जिले की 90 ग्रामपंचायतों के 207 गांवों में अब पांच में से दूसरे चरण के काम शुरु है. योजना के लिए विश्व बैंक सहित केंद्र शासन का प्रत्येकी 50 प्रतिशत निधि रहेगा. बावजूद इसके जिला, उपविभाग, तहसील व गांवस्तर समितियों का गठन किया गया. राज्य शासन की पांच यंत्रणा की सहायता से ग्रामपंचायत निहाय ग्राम सुरक्षा लेखाजोखा तैयार किया जा रहा है. फिलहाल 12 गांवों के लेखाजोखा को गुणनियंत्रक समिति की मंजूरी मिलने की जानकारी है व यह सभी प्रक्रिया समाज माध्यम द्वारा सामने प्रस्तुत की जा रही है.
पालकों की अध्यक्षता में जिला समिति
योजना की प्रगति की समीक्षा लेने पालकमंत्री यशोमती ठाकूर की अध्यक्षता में जिला समिति व जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिलास्तरीय नियोजन व समन्वय समिति के अलावा अन्य दो समिति द्वारा समीक्षा ली जा रही है. वहीं काम के लिए ग्रामसभा ली जा रही है एवं योजना के कामों का तीसरी शासकीय योजना द्वारा मूल्यमापन किया जायेगा.
* भूजल संबंधी संपूर्ण जानकारी
भूजल सर्वेक्षण विभाग का निरीक्षण कुआं तैयार है. इस कुएं के भूजल स्तर की अद्यावत जानकारी योजना के संकेतस्थल पर उपलब्ध है. रिपोर्ट, भूजल पुनर्भरण नक्शा, जिस निरीक्षण कुएं का जलस्तर नीचे गया है, ऐसे भागों में विंधन कुआं तैयार कर अन्य जानकारी संकेतस्थल पर दी गई है.

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