शाखाओं में विभाजित समाज को एकत्रित लाने का प्रयास करे
अ.भा. महासभा सभापति संदीप काबरा का सुझाव
* महेश भवन में संवाद एवं चर्चासत्र का आयोजन
अमरावती/ दि.14-माहेश्वरी समाज केवल विदर्भ में ही नहीं बल्कि पूरे देश में अग्रसर है. समाज की संख्या भले ही सीमित है. लेकिन इसका योगदान सर्वश्रेष्ठ है. किंतु समाज में यह सर्वश्रेष्ठता दिखाई नहीं देती. जनसंख्या के मुकाबले सीमित परिवार होने के बावजूद हम खुद को शाखाओं में विभाजित कर चुके है. जिसके कारण समाज के प्रत्येक नागरिक का एक दूसरे के साथ समन्वय का अभाव दिखाई दे रहा है. सर्वप्रथम हमें शाखाओं के विभाजन को समन्वय में तब्दील कर समाज को एक बार फिर एकत्रित लाने का प्रयास करना चाहिए, ऐसा सुझाव अखिल भारतीय महासभा के सभापति संदीप काबरा ने माहेश्वरी समाज बंधुओं को दिया.
* स्थानीय बडनेरा मार्ग पर स्थित महेश भवन में शुक्रवार की शाम अमरावती जिला माहेश्वरी संगठन अंतर्गत विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी संगठन के सहयोग से माहेश्वरी समाज बंधुओं के लिए आयोजित चर्चासत्र पर संवाद कार्यक्रम के अवसर पर वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में सभापति कार्यालय के संयुक्त मंत्री नारायण राठी, मध्यांचल के संयुक्त मंत्री दिनेश राठी, विदर्भ प्रादेशिक माहेश्वरी संगठन अध्यक्ष सीए दामोदर सारडा, अध्यक्ष अशोकचंद्र राठी, माहेश्वरी पंचायत अध्यक्ष प्रा. जगदीश कलंत्री, डॉ. सूर्यप्रकाश मालानी, महेश सेवा समिति अध्यक्ष एड. आर. बी अटल उपस्थित थे.
कार्यक्रम में संदीप काबरा ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ऐसे कार्यक्रमों के माध्यम से हमें नई उर्जा प्राप्त होती है. विदर्भ में हमेशा ही माहेश्वरी समाज आगे रहा है और देश मेें माहेश्वरी समाज ने विदर्भ का स्थान सर्वोच्च रखा है. स्वतंत्रता की लडाई में भी विदर्भ के समाज बंधुओं ने हमेशा ही योगदान दिया.े जिसका इतिहास गवाह हैं. विदर्भ ने सार्वधिक समय तक महासभा का नेतृत्व भी किया. लेकिन कहीं न कहीं विकास की गति के साथ समाज का तालमेल बैठाने में हम कम साबित हुए हैं. समाज हर क्षेेत्र में उन्नति और प्रगति कर रहा है. लेकिन समाज में जागृत नागरिकों की संख्या कम हैं. यह दिखाई दे रहा है.
माहेश्वरी समाज के अंतिम छोर तक कार्य करने की संकल्पना महासभा के द्बारा समाज तक पहुंचाने की कोशिश की गई. लेकिन यह कार्य करते हुए कहीं न कहीं समाज जो विविध शाखाओं में विभाजित हो चुका है. उनके बीच समन्वय का अभाव दिखाई देने लगा है. माहेश्वरी समाज हमेशा ही सेवा निर्माण जीडीपी और अन्य दृष्टि से प्रथम पायदान पर रहा है. अगर इतिहास के पन्नों को पलटा जाए तो माहेश्वरी समाज की संस्कृति एवं इतिहास अमरावती को काशी बना सकता है. इतनी उनमें क्षमता है. बावजूद इसके हम संख्या से बटे, कार्यकर्ता बटे और समन्वय भी बटा है.
अगर हमें अंतिम छोर तक कार्य करना है तो सर्वप्रथम हमें समाज के हर वर्ग को एक मंच पर लाने की कोशिश करनी होगी और सभी में समन्वय बनाना होगा. तभी हम समाज में गरीब को उच्च श्रेणी में ला सकते हैं. कार्यक्रम में उपस्थित अन्य मान्यवरों ने भी अपने विचार व्यक्त किए. इसके अलावा उपस्थित समाज बंधुओं की राय जानने का भी प्रयास किया गया. कार्यक्रम का संचालन सीए राजेश चांडक ने किया.
कार्यक्रम में अशोक राठी, संजय भूतडा, प्रमोद राठी, अमित मंत्री, सीताराम राठी, बिहारीलाल बूब, प्रवीणकुमार चांडक, प्रकाश पनपालिया, संजय जाजू, राजेश मूंधडा, रानी करवा, कृष्णा राठी, उर्मिला कलंत्री, पूजा तापडिया, शिल्पी मंत्री, कमलकिशोर मालानी, सपना चांडक, नीलेश डागा, अमित लढ्ढा, प्रा. सीताराम राठी, अनिल सिकची, राजेश चांडक, रामेश्वर भंडारी, मीनल डागा, अशोक सोनी, शंकरलाल भूतडा, घनश्याम नावंदर, नंदकिशोर लढ्ढा, अजय राठी, लीला राठी, अरूण टवानी, नंदकिशोर राठी, शोभा बांगड, पुरूषोत्तम मूंधडा, वीरेंद्र लढ्ढा, विनोद कलंत्री, कविता राठी, अनिल पनपालिया के साथ बडी संख्या में समाज बंधु उपस्थित थे.