अमरावती/दि.5- एक के बाद एक आ रही छूट्टीयों के कारण फसल मंडी में आवक पर असर पडा है. इस बीच चने को नाफेड व्दारा अच्छा दाम दिए जाने से मंडी की बजाए खरीदी केंद्रों पर बेंचा जा रहा. वहीं तुअर की आवक बनी हुई है. किंतु व्यापारी सरकारी नीति के कारण संभ्रम में हैं. तुअर के स्टॉक की जानकारी देना बंधनकारक है. जिससे व्यापारी खरीदी को लेकर असमंजस्य में हैं.
* सप्ताह में चार दिन बंद
फसल मंडी में 29 मार्च से 2 अप्रैल तक वित्त वर्ष मार्च एंडिंग के कारण अवकाश था. सोमवार 3 अप्रैल को मंडी खुली. मंगलवार 4 अप्रैल को महावीर जयंती की छूट्टी रही. बुधवार को मंडी में थोडी बहुत आवक हुई. चना, तुअर, गेहूं, सोयाबीन की आवक रही. चने के 5-6 हजार बोरे आए. दाम 4500 से 4800 रुपए प्रति क्विंटल बोले गए. तुअर 3 हजार बोरे से अधिक आवक हुई. दाम 8 हजार से 8500 तक रहे. सोयाबीन के 5 हजार बोरे की आवक मंडी में हुई. रेट 5200 तक रहे. गेहूं को 2 हजार से 2300 के भाव पर खरीदा गया. करीब 2 हजार बोरे गेहूं की आवक हुई.
ैचने की आवक मंडी में कम और नाफेड के खरीदी केंद्रों पर ज्यादा हो रही है. नाफेड में चने को 5335 रुपए प्रति क्विंटल तक दाम मिल रहा है. उधर बताया गया कि, गत एक सप्ताह में सोयाबीन के भाव 200 रुपए प्रति क्विंटल बढे है. जबकि मार्केट में चना 50-100 रुपए कम रेट में खरीदा जा रहा है. कल गुरुवार 6 अप्रैल को हनुमान जयंती एवं 7 अप्रैल शुक्रवार को गुड फ्राइडे की छूट्टी रहेगी. रविवार 9 अप्रैल को फिर अवकाश है.