दो माह में 4 हजार से लुढकी तुअर
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अमरावती /दि. 18– इस समय अमरावती जिले व राज्य सहित समूचे देश में तुअर की अच्छी-खासी मांग है और तुअर की बडे पैमाने पर खरीदी भी हो रही है. साथ ही तुअर को अच्छे दाम भी मिल रहे है. जिसके चलते किसानों ने तुअर की बडे पैमाने पर बुआई की है. इसी दौरान विदेशों से तुअर की आयात शुरु हो गई और कर्नाटक में भी तुअर का उत्पादन बढने की खबरे सामने आई. जिसका परिणाम बाजार पर पडा और विगत दो माह के भीतर तुअर के दामों में प्रति क्विंटल में 4 हजार रुपए की गिरावट आई.
इस वर्ष राज्य में करीब 12 लाख हेक्टेअर क्षेत्र में तुअर की बुआई हुई है. गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष तुअर का बुआई क्षेत्र काफी हद तक बढ गया है. ऐसे में तुअर बंपर पैदावार होने की पूरी उम्मीद है. जिसके चलते किसानों को तुअर से अच्छी-खासी आय होने की आस बंधी थी. परंतु इसी दौरान बाजार में हुए उलटफेर की वजह से तुअर के दामों में अचानक ही गिरावट आनी शुरु हो गई. जिससे किसान तुअर को लेकर काफी हद तक निराश दिखाई देने लगे.
* ऐसे लुढके दाम
सन 2024 में अप्रैल माह से तुअर के दामों में सुधार होना शुरु हुआ था तथा 8 से 9 हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम पर बिकनेवाली तुअर नवंबर माह के दौरान 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल के स्तर तक पहुंच गई थी. दामों की यह स्थिति एक माह तक कायम थी. परंतु दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह से तुअर के दामों का लुढकना शुरु हुआ और 12 हजार रुपए प्रति क्विंटल से घटकर 6500-7300 रुपए प्रति क्विंटल तक आ पहुंचे.
* विदर्भ की प्रमुख फसल है तुअर
बता दें कि, विदर्भ में तुअर का बुआई क्षेत्र करीब 5 लाख हेक्टेअर के आसपास है और कई किसानों ने मिश्र फसल के तौर पर तुअर की बुआई की है. इसके अलावा कुछ स्थानों पर म्हाडा तुअर की बुआई हुई है. अच्छे दाम मिलने की उम्मीद के चलते किसानों ने तुअर की बुआई की थी और अब तुअर की पैदावार होने पर किसानों को अच्छी-खासी आय होने की आस भी थी. परंतु हकिकत में बाजार की स्थितियां उनकी उम्मीदों के सर्वथा विपरित है.
* कर्नाटक ने दिया 450 रुपयों का बोनस
जनवरी माह में कर्नाटक की तुअर का बाजार में आना शुरु हुआ. इसके साथ ही तुवर के दामों में गिरावट भी आने लगी. जिसके चलते कर्नाटक सरकार ने गारंटी मूल्य के साथ 450 रुपयों का बोनस दिया. जिससे कर्नाटक के किसानों को 8 हजार रुपए प्रति क्विंटल के दाम मिल रहे है. वहीं अब महाराष्ट्र में भी पैदावार अधिक होने के चलते तुअर के दाम लुढक रहे है. लेकिन महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों को मुआवजे के तौर पर कोई बोनस नहीं दिया जा रहा.
* खरीदी केंद्र शुरु होने की प्रतीक्षा
इस वर्ष ज्यादा लंबे समय तक चली बारिश की वजह से किसानों को तुअर उत्पादन में काफी हद तक नुकसान का सामना करना पडा. हालांकि इसके बावजूद राज्य में 12 लाख टन तुअर की पैदावार होने की संभावना जताई गई. जिसके चलते सरकार ने न्यूनतम गारंटी मूल्य पर सरकारी खरीदी केंद्रों के जरिए 2 लाख 97 हजार टन तुअर की खरीदी का नियोजन किया है. परंतु अभी यह खरीदी केंद्र शुरु होने बाकी है. वहीं दूसरी ओर खुले बाजार में तुअर के दाम अचानक से लुढक गए है. सरकार द्वारा तुअर के लिए 7550 रुपए प्रति क्विंटल का न्यूनतम गारंटी मूल्य तय किया गया है. जिसकी ऐवज में किसानों को काफी कम दाम मिल रहे है.