अमरावती

कार्तिक एकादशी से घर-घर में तुलसी विवाह की धूम

तुलसी विवाह से होती है मांगलिक कार्यो की शुरुआत

अमरावती/दि.18 – दीपावली के पश्चात कार्तिक एकादशी से तुलसी विवाह प्रारंभ हो जाता है. इस साल 15 नवंबर से तुलसी विवाह का शुभारंभ हुआ. 15 नवंबर से घर-घर में तुलसी विवाह की धूम मची हुई है. इसी दिन से विवाह मुहूर्त की शुरुआत होती है. पौराणिक कथा के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीनों के लिए अपने शयन कक्ष में आराम करते है. कार्तिक महीने की एकादशी को वे उठते है. इस एकादशी को देवउठनी एकादशी भी कहा जाता है. इसी दिन से मंगल कार्यो की शुरुआत होती है.
घर-घर में महीलाएं पारंपरिक परिधान धारण कर तुलसी वृंदावन को आंगन में सजाकर पूजन करते है. कहा जाता है कि तुलसी विवाह करवाने से कन्यादान का पुण्य मिलता है. खासकर जिनके घरों में बेटीयां नहीं होती वे तुलसी विवाह का आयोजन कर कन्यादान का पुण्य कमाते है. देशभर में 15 नंवबर से तुलसी विवाह की शुरुआत हुई है. घर-घर में महिलाएं उत्साह के साथ तुलसी विवाह का आयोजन कर रही है. बच्चें भी इस दिन जमकर आतिशबाजी करते है बच्चों में भी उत्साह दिखाई दे रहा है.

इस तरह करें तुलसी विवाह

कार्तिक एकादशी के दिन से सभी मांगलिक कार्यो की शुरुआत की जाता है. इसलिए तुलसी विवाह की प्रथा है तुलसी विवाह करवाए जाने से कन्यादान का पुण्य प्राप्त होता है ऐसी मान्यता है. तुलसी विवाह के पूर्व तुलसी वृंदावन का रंगरोगन कर उसे सुशोभित करे, वृंदावन में गन्ना या ज्वारी की खोपडी बनाकर फूलों से सजाए, तुलसी वृंदावन में राधा कृष्ण का चित्र निकाले, तुलसी को चुनरी या फिर लाल रंग का वस्त्र ओढाकर मंगलसूत्र, चूडी, नथ, बिछिया आदि से सुशोभित करे व तुलसी की ओटी भरे. इसके साथ ही बेर, भाजी, आंवला अर्पित कर पूजन करे.

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