अमरावती

बेमौसम बारिश से तुअर की फसल झुकी और कपास भी हुआ गीला

संतरों का भी गिरना शुरु

* संभाग में 244 भेड और गाय की मौत, 22 मकानों को नुकसान
* ठंड बढी, तडके घना कोहरा, दो दिनों बाद सूर्य के हुए दर्शन
अमरावती/दि. 29– रविवार देर रात से जारी बेमौसम बारिश से कृषि माल को भारी नुकसान पहुंचा है. इस बारिश के कारण तुअर की फसल पूरी तरह झुक गई है, साथ ही कपास की फसल गीली हो गई है और संतरा गिरने लगा है. केले समेत सब्जी का भी नुकसान हुआ है. सब्जी की आवक फिलहाल नियमित है. इस बेमौसम बारिश से कितना नुकसान हुआ है यह आगामी दिनों में स्पष्ट होगा. मंगलवार 28 नवंबर को हुई बेमौसम बारिश के कारण संभाग के अकोला व बुलढाणा जिले में काफी नुकसान हुआ है. भेड, मवेशियों समेत कुल 244 जानवरों की मृत्यु हुई है. साथ ही 22 मकानों को नुकसान पहुंचा है. इनमें अमरावती जिले के 8 मकानों का समावेश है. संभाग में कुल 6619 हेक्टेयर क्षेत्र की खेती को नुकसान पहुंचा है. इनमें सब्जी, गेहूं, चना, तुअर, कपास, गन्ना, संतरा और केले की फसल का समावेश है. इस बारिश के कारण वातावरण में काफी बदलाव आकर ठंड बढ गई है. सुबह से घना कोहरा छाया रहता है. दो दिनों बाद बुधवार 29 नवंबर को सूर्य देवता के दर्शन हुए हैं.

रविवार देर रात से बेमौसम बारिश की शुरुआत हुई है. मौसम विभाग ने 30 नवंबर तक ऐसी ही परिस्थिति रहने के संकेत दिए है. अमरावती जिले के ग्रामीण इलाकों में कपास, तुअर और संतरे को भारी नुकसान पहुंचा है. बहार पर आया संतरा गिरने से उत्पादक परेशान हो गए हैं. कुछ संतरा उत्पादक किसानों ने व्यापारियों के साथ बिक्री का व्यवहार कर रखा था. लेकिन बेमौसम बारिश ने संतरा उत्पादक किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है. तुअर लहलहाती रहते इस बेमौसम बारिश से पूरी तरह झुक गई है. दो दिनों से बारिश शुरु रहने के कारण सब्जी उत्पादक किसानों में चिंता बढ गई है. उपज मंडी में भी कृषि माल की आवक घट गई है. पिछले तीन दिनों से बारिश के कारण मंडी बंद है.

मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक रविवार देर रात से इस बेमौसम बारिश की शुरुआत हुई. यह बारिश दिन की बजाए रात के समय अधिक हो रही है. इस बारिश के कारण ठंड काफी बढ गई है साथ ही घना कोहरा भी छाया रहता है. अमरावती जिले में सोमवार की देर रात से और मंगलवार को दिन में हुई बारिश के कारण 8 मकानों को नुकसान पहुंचा है. लेकिन जीवित हानी अथवा फसलों के नुकसान की जानकारी अब तक नहीं मिल पाई है. जिले में पिछले 24 घंटों में 28.1 मिमी औसतन बारिश हुई. इस बारिश के कारण मकानों को मामूली नुकसान पहुंचा है. चांदूर रेलवे तहसील में 6, चांदूर बाजार और चिखलदरा तहसील में प्रत्येकी 1 ऐसे 8 मकानों को नुकसान पहुंचने की जानकारी जिलाधिकारी कार्यालय ने दी है. मंगलवार 28 नवंबर को सुबह 10.30 बजे तक चांदूर बाजार तहसील में सर्वाधिक 36.9 मिमी, दर्यापुर तहसील में 34.7 मिमी, अंजनगांव सुर्जी 33 मिमी, मोर्शी 32.7 मिमी, अचलपुर 32.3 मिमी, चिखलदरा 31.3 मिमी, नांदगांव खंडेश्वर 31.1, भातकुली 27.4, चांदूर रेलवे 27.1, अमरावती 25.8, धामणगांव रेलवे 18.9, धारणी 18.6 और वरुड तहसील में 18.1 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है.

जिले की विविध तहसीलों के राजस्व मंडल में 50 मिमी से अधिक बारिश मोर्शी तहसील के रिद्धपुर, दर्यापुर, सामदा, थिलौरी, येवदा, अंजनगांव सुर्जी तहसील के विहीगांव, चांदूरबाजार तहसील के ब्राह्मणवाडाथडी मंडल में हुई है. 40 मिमी से अधिक बारिश धारणी तहसहील के हरिसाल, अमरावती तहसील के शिराला, नांदगांव खंडेश्वर तहसील के मंगरुल चव्हाला, पलसखेड, मोर्शी तहसील के नेरपिंगलाई, धामणगांव, दर्यापुर तहसील के दारापुर, खल्लार, अचलपुर तहसील के रासेगांव, असदपुर और चांदूर बाजार तसहील के शिरजगांव मंडल में हुई है. 30 नवंबर तक यह बारिश रहने का अनुमान मौसम विभाग का है.

* काली पान पिंपरी हुई सफेद
कटाई पर आई और कुछ लोगों ने खेत में ही सूखने रखी वनोषौधी बेमौसम बारिश के कारण और दो दिनों में ही सूर्य देवता के दर्शन न होने से काले की सफेद हो गई है. इस कारण फसलों का दर्जा कमजोर हो गया है. फसल को लगाया हुआ खर्च भी निकलना कठिन हो गया है. शुरुआत में किसानों ने सिंचन का इस्तेमाल कर इस फसल को सुरक्षित रखा था. अब उत्पादन लेने की नौबत आई तब बेमौसम बारिश ने पानी फेर दिया. अंजनगांव सुर्जी तहसील की केला और कपास समेत अन्य भी फसलों को भारी नुकसान होने की संभावना है. इस कारण किसान चिंता में है.

* संतरा उत्पादकों की चिंता बढी
दो दिनों से जिले में बारिश शुरु रहते वरुड तहसील में संतरा उत्पादकों की चिंता बढ गई है. बेमौसम बारिश के कारण संतरा गिरने लगा है और भाव में भी गिरावट आ गई है. बारिश के कारण सडकों पर किचड हो जाने से संतरा व्यापारियों के मालवाहक वाहन खेतों में न पहुंचने से संतरा तोडना बंद है. मजदूरों के हाथ में भी काम नहीं है. इस बारिश के कारण संतरा उत्पादकों की चिंता बढ गई है और उनका लाखों रुपए के नुकसान से इंकार नहीं किया जा सकता. वहीं वरूड तहसील में कपास चुनाई के पूर्व गीला हो गया. दूसरी तरफ गेहूं और चने की फसल को इस बारिश से लाभ होने वाला है.

* चांदूर रेलवे तहसील में फसलों को नुकसान
चांदूर रेलवे तहसील में दो दिनों से झमाझम बारिश शुरु है. कपास, तुअर और फल की फसलों का भारी मात्रा में नुकसान होने से जानकारी है. राजस्व विभाग व्दारा तत्काल सर्वेक्षण कर पंचनामे के बाद किसानों को मुआवजा देने की मांग शेतकरी संगठना के नेता प्रशांत शिरभाते ने की है. एक तरफ सोयाबीन की फसल भी भारी वर्षा के कारण हाथ न लगने से किसानों का नुकसान हुआ है. कपास और तुअर की फसल मिलने पर कर्ज चुकाने की आशा थी. लेकिन इस बेमौसम बारिश से भारी नुकसान होने के कारण किसानों की चिंता बढ गई है. शासन व्दारा आर्थिक सहायता करने की मांग की गई है.

* अकोला, बुलढाणा में सर्वाधिक नुकसान
बेमौसम बारिश के कारण संभाग के अकोला और बुलढाणा जिले में सर्वाधिक नुकसान हुआ है. 27 नवंबर से संभाग में बारिश शुरु है. इसमें अमरावती जिले में 28.1, अकोला जिले में 21.1, यवतमाल 16.1, बुलढाणा 23.3 और वाशिम जिले में 36.8 मिमी बारिश रिकॉर्ड हुई है. इसमें से यवतमाल जिले में 10 मंडल में अतिवृष्टि दर्ज हुई है. जीवित हानी और परिवार के स्थानांतरण की आंकडेवारी शून्य रही तो भी छोटे-बडे 244 पशुधन की मृत्यु हुई है. अमरावती और यवतमाल जिले में नुकसान कुछ न रहने की जानकारी राजस्व उपायुक्त गजेंद्र बावने ने दी. वाशिम जिले में 7 तथा बुलढाणा जिले में 29 राजस्व मंडल ने अतिवृष्टि होने की जानकारी है. वाशिम में 462 हेक्टेयर और बुलढाणा जिले में 36 हजार हेक्टेयर फसलों को नुकसान पहुंचा है. इन जिलों में 125 से अधिक भेडों की मृत्यु हुई है.

* नागपुर विभाग में बारिश का कहर, येलो अलर्ट
नागपुर विभाग में बेमौसम बारिश ने कहर ढाया हुआ है. गढचिरोली, गोंदिया और चंद्रपुर जिले में धान की खेती को भारी नुकसान पहुंचा है. चंद्रपुर जिले में चना, तुअर, गेहूं की फसलों को भी नुकसान हुआ है साथ ही सब्जी को भी क्षति पहुंची है. बेमौसम बारिश से वातावरण काफी बदल गया है. नागपुर में कश्मीर, शिमला जैसे वातावरण का अनुभव हो रहा है. मौसम विभाग ने 29 और 30 नवंबर को येलो अलर्ट जारी किया है. इस अवधि में बारिश की भी संभावना दर्शायी गई है. नागपुर समेत पूरे विदर्भ में बारिश हो रही है. रात को बारिश और दिन में बदरीले मौसम के कारण ठंड बढ गई है. गढचिरोली जिले के अधिकांश इलाकों में बेमौसम बारिश जारी है. काटकर रखा धान खराब होने की संभावना निर्माण हो गई है. चामोर्शी, कोरची, कुरखेडा तहसील में भारी वर्षा हुई है. अधिक समयावधि की धान की फसल की कटाई जोरशोर से शुरु है. कुछ किसानों की धान की कटाई पूर्ण हो गई है, लेकिन माल खेत में पडा है.
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