अमरावती

खुशाल गोपे हत्याकांड में दो आरोपी गिरफ्तार

अंजनगांव बारी-कोंडेश्वर मार्ग पर मिली थी खुशाल की सडी-गली लाश

* पैसे चुराने की वजह से खुशाल को उतारा गया मौत के घाट
* दोनोें आरोपियों ने अपना जुर्म किया कबूल
अमरावती-दि.19  विगत 8 सितंबर को बडनेरा पुलिस थानांतर्गत कोंडेश्वर से अंजनगांव बारी मार्ग पर नीलगिरी के जंगल में जुनी बस्ती परिसर के पांच बंगला निवासी खुशाल उर्फ छोटू तेजअण्णा गोपे नामक 22 वर्षीय युवक की लाश सडी-गली अवस्था में पानी के गढ्ढे से बरामद हुई थी. जिसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ कि, उसे चाकू से वार करते हुए मौत के घाट उतारा गया था. ऐसे में मृतक के भाई रमण गोपे की शिकायत पर दो युवकों के खिलाफ हत्या का अपराध दर्ज करते हुए बडनेरा पुलिस ने शनिवार की रात जुनी बस्ती बडनेरा के कंपासपुरा में रहनेवाले संकेत नरेंद्र पिंगले (22) तथा रोशन दिलीप झंझाड (24) नामक दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. जिन्होंने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में अपना अपराध कबूल करते हुए बताया कि, खुशाल गोपे ने उनके करीब 14 से 15 हजार रूपये चुरा लिये थे. जिसके बारे में पूछताछ करने पर उनके बीच झगडा हुआ था और उन्होंने खुशाल गोपे को चाकू से सपासप वार करते हुए मौत के घाट उतार दिया था.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक पांच बंगला परिसर निवासी खुशाल उर्फ छोटू गोपे विगत 4 सितंबर को अकस्मात ही अपने घर से लापता हो गया था. पश्चात चार दिन बाद 8 सितंबर को उसकी लाश अंजनगांव बारी मार्ग पर नीलगिरी जंगल क्षेत्र से बेहद सडी-गली अवस्था में बरामद हुई थी. लाश की स्थिति इतनी खराब थी कि, पुलिस ने पंचनामा करने के बाद मौके पर ही लाश का पोस्टमार्टम करवाया और गोपे परिजनों की सहमति लेकर लाश को मौके पर ही दफन कर दिया गया. उस समय पुलिस इस मामले को आकस्मिक मौत का मामला मानकर चल रही थी, क्योंकि खुशाल उर्फ छोटू गोपे पीने-खाने का शौकीन था और अक्सर शराब पीकर इधर-उधर घुमता रहता था. ऐसे में प्राथमिक अनुमान लगाया गया था कि, शायद वह शराब के नशे में धूत होकर नीलगिरी वनक्षेत्र की तरफ गया होगा. जहां पर पानी से भरे गढ्ढे में गिरकर उसकी मौत हो गई होगी. चूंकि लाश तीन-चार दिनों तक वहीं पर पडी रही. अत: पूरी तरह से खराब हो गई. लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट के सामने आते ही पूरा मामला पलट गया, क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक खुशाल गोपे के शरीर पर चाकू के गहरे घाव थे. जिसकी वजह से उसकी जान गई. ऐसे में खुशाल के भाई रमण गोपे ने हमेशा ही खुशाल के साथ रहनेवाले कुछ लोगों पर संदेह जताते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि, शायद इनमें से ही किसी ने खुशाल गोपे के पास रहनेवाले पैसों को लेकर उससे झगडा किया और खुशाल द्वारा पैसे देने से मना करने पर उसे चाकू जैसे हथियार से सपासप वार करते हुए मौत के घाट उतार दिया. इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने धारा 302 व 34 के तहत हत्या का अपराध दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू की और शनिवार की रात कंपासपुरा परिसर में रहनेवाले संकेत पिंगले व रोशन जंजाल को गिरफ्तार किया. जिन्होंने पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में बताया कि, खुशाल गोपे उन दोनों का परिचित और दोस्त था और तीनों ही टाटा एस चारपहिया वाहन में सवार होकर बडनेरा की अलग-अलग दुकानों में जाकर सामन बेचने का काम करते थे. इसी के तहत 2 सितंबर को संकेत चारपहिया वाहन से पांच बंगला इलाके में सामान बेचने गया था. इस समय खुशाल उसके साथ था और जब संकेत अपनी कैश बैग को गाडी के डैश बोर्ड पर रखकर सामान पहुंचाने के लिए एक दुकान में गया, तो खुशाल ने उस बैग से करीब 15 हजार रूपये चुरा लिये. इस बात का पता शाम को मालिक के सामने हिसाब देते समय चला. लेकिन पूछताछ में खुशाल ने पैसे चुराने की बात से मना किया. परंतु बाद में संकेत को पता चला कि, खुशाल इन दिनों काफी पैसा खर्च कर रहा है. जिससे यह स्पष्ट हो गया कि, पैसे उसने ही चुराये थे. ऐसे में वह रोशन जंजाल को अपने साथ लेकर 4 सितंबर को खुशाल से मिला और दोनोें उसे शराब पीने के लिए अपने साथ लेकर गये और कोेंडेश्वर-अंजनगांव बारी मार्ग पर एक जगह रूककर शराब पीने लगे. जहां पर संकेत और खुशाल में एक बार फिर पैसों को लेकर झगडा हुआ. जिसमें दोनों ने मिलकर खुशाल पर सपासप चाकू चलाये. जिससे उसकी मौत हो गई. पश्चात उसके शव को वही नाले में फेंक कर दोनों आरोपी लौट आये और इसके करीब चार दिन बाद खुशाल का शव सडी-गली अवस्था में उस नाले से बरामद हुआ था.
खुशाल गोपे हत्याकांड का खुलासा करने के साथ ही उसके दोनों हत्यारों को पकडने की कार्रवाई शहर पुलिस आयुक्त डॉ. आरती सिंह के मार्गदर्शन और पुलिस निरीक्षक बाबाराव अवचार व पुलिस निरीक्षक विजय दिघे के नेतृत्व में पुलिस उपनिरीक्षक मारोटकर, शैलेश मोरे, विकास वाकोडे, इरफान रायलीवाले, अभिजीत गावंडे, अ. रहीम अ. कदीर तथा मनमोहन दहातोंडे की टीम द्वारा की गई.

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