अमरावती

सदोष मनुष्यवध के अपराध में दो आरोपियों को तीन माह कारावास

प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय के आदेश

* माहुली जहांगिर पुलिस थाना क्षेत्र के साप्ताहिक बाजार की घटना
अमरावती/ दि.8 – माहुली जहांगिर पुलिस थाना क्षेत्र के साप्ताहिक बाजार में पोते ने दुकान से आम उठाकर चख लिया. इस बात पर आरोपी अब्दुल शहबाज व अब्दुल ऐजाज ने गुणवंत खंडारे की बेदम पिटाई की. इसके कारण पेट की अतडी फट जाने से इलाज के दौरान गुणवंत की मौत हो गई. प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति रविंद्र जोशी की अदालत ने हत्या के अपराध को सदोष मनुष्यवध के अपराध में तब्दील कर दोनों आरोपियों को तीन माह साधे कारावास की सजा सुनाई. सरकारी वकील मंगेश भागवत ने दलीले पेश की.
अब्दुल शहबाज अब्दुल सलाम (46), अब्दुल ऐजाज अब्दुल सलाम (37, दोनों नांदगांव पेठ) यह दोनों सजा पाने वाले आरोपियों के नाम है. सागर गुणवंत खंडारे (22, माहुली जहांगिर) ने माहुली जहांगिर पुलिस थाने में दी शिकायत के अनुसार 5 जुलाई 2017 को उसके पिता गुणवंत खंडारे पोते के साथ साप्ताहिक बाजार में गए थे. दोनों आरोपी आम बेच रहे थे. गुणवंत के पोते ने आम चखकर देखा, इस बात को लेकर गुणवंत और आरोपियों के बीच विवाद हुआ. उसके बाद शाम के वक्त गुणवंत घर के पास बाजार में फिर से घुमने गए. तब दोनों आरोपियों ने गुणवंत खंडारे को लातघुसे से पेट पर निर्दयता के साथ मारा. इस समय उनका लडका सागर और उसके रिश्तेदार वहां पहुंचे. उन्होंने पिता को आरोपियों के चंगुल से हटाकर बाजू के ओटे पर बिठाया. इसके बाद सागर खंडारे व उसके भाई ने माहुली जहांगिर पुलिस थाने में शिकायत दी. इस समय आरोपी भी गुणवंत खंडारे व सागर खंडारे के खिलाफ शिकायत देने पुलिस थाने पहुंचे थे.
मारपीट में गुणवंत खंडारे के पेट में गहरी मार लगी थी. उन्हें तत्काल माहुली जहांगिर के ग्रामीण अस्पताल के बाद अमरावती के जिला सामान्य अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया, पंरतु गुणवंत खंडारे की तबीयत काफी बिगड गई. तब उन्हें आगे इलाज के लिए नागपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया. 7 जून 2017 को अंदर से पेट की अतडियां फट जाने के कारण ऑपरेशन किया गया. 8 जून 2017 को इलाज के दौरान गुणवंत खंडारे की मौत हो गई. इसपर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ दफा 302 के तहत अपराध दर्ज कर तहकीकात करने के बाद दोषारोपपत्र अदालत में दायर किया.
इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील मंगेश भागवत ने आरोपियों के खिलाफ दोष सिध्द करने के लिए 10 गवाहों के बयान लिये. घटना के समय चष्मदीद गवाह और डॉक्टर के सबूतों को मान्य करते हुए आरोपियों के खिलाफ प्रमुख जिला व सत्र न्यायालय के न्यायमूर्ति रविंद्र जोशी की अदालत ने दफा 302 हत्या के अपराध को दफा 304 (2) सदोष मनुष्यवध में तब्दील कर दोनों आरोपियों को 3 माह साधा कारावास और प्रति 5 हजार रुपए जुर्माना, अगर जुर्माना नहीं भरा तो अतिरिक्त 1 माह की कारावास की सजा, नुकसान भरपाई के रुप में शिकायतकर्ता को आरोपियों की ओर से 9 हजार रुपए नुकसान भरपाई देने के आदेश दिये गए है. इस मुकदमे में सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील मंगेश भागवत ने दलिले पेश की. जांच अधिकारी एपीआई बी. एच. ब्राह्मणे ने तहकीकात पूरी की. पैरवी अधिकारी के रुप में हेडकाँस्टेबल राजू खंडारे व एनपीसी अरुण एम. हटवार ने कामकाज में सहायता की.

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