अमरावती

दो दिन में ढाई लाख पीएम खाते में जमा

बोगस लाभार्थियों से वसूल करने के आदेश

चांदूर बाजार/दि. १० – केंद्र शासन ने पीएम किसान योजना अंतर्गत किसानों को वर्ष के पीछे ६ हजार रुपए का लाभ दिया. मगर इसका लाभ सामान्य किसानों के साथ धनाडी और आयकर भरने वालों ने भी उठाया. यह बात जांच में उजागर हुई, ऐसे बोगस लाभार्थियों से वसूल करने के आदेश चांदूर बाजार तहसील कार्यालय को प्राप्त हुए है. उसके आधार पर सभी अपात्र लाभार्थियों को महसूल विभाग से नोटिस भेजा गया है, उन्हें बैंक खाता नंबर दिया गया है, उस खाते में अलग से ऑनलाइन व चेक व्दारा रुपए जमा करने की सुविधा दी गई थी, तहसील कार्यालय में चेक स्वीकार करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है.
वापस आने वाली रकम जमा करने के लिए पीएम किसान तहसीलदार चांदूर बाजार इस नाम से सेंट्रल बैंक शिरजगांव बंड शाखा में खाता खोला गया है. इस खाते में दो दिन में २ लाख ५० हजार रुपए नगद व चेक के व्दारा जमा होने की जानकारी प्रभारी तहसीलदार अर्जुन वांदे ने दी. तहसील प्रशासन ने वसूली प्रक्रिया शुरु की है. इसमें आयकर दाता पर विशेष ध्यान केंद्रीत किया गया है. वसूली में सहयोग न करने वालों के खिलाफ फौजदारी दर्ज करने के आदेश भी केंद्र सरकार ने दिये है. केवल चांदूर बाजार तहसील में ५६७ आयकर दाताओं ने इस योजना का लाभ लिया, ऐसी बात उजागर हुई है, इसमें ४ करोड ६८ लाख रुपए वसूली की प्रक्रिया शुरु की गई है.
तहसील में इस योजना का लाभ लेने वाले व्यवसायी, शिक्षक, डॉक्टर, चार्टर्ड अकाउंटंट नौकरी पेशा वाले समेत १० हजार से अधिक निवृत्ति वेतन लेने वाले किसानों का भी समावेश है. ऐसा जांच में सामने आया है. ऐसे ५६७ बोगस लाभार्थियों से वसूल किया जाएगा, यह वसूली करीब ४ करोड ६८ लाख रुपए है. तहसील में पीएम किसान योजना अंतर्गत ३१ हजार ३७८ किसानों के नाम दर्ज हैं. इसमें से २९ हजार ११० किसान योजना का लाभ लेने के लिए पात्र होने की बात जांच में उजागर हुई हैं. बोगस लाभार्थियों आंकडे और अधिक बढने की संंभावना महसूल प्रशासन ने व्यक्त की है.

ऑनलाइन पंजीयन में हुई गडबडी

केंद्र शासन की पीएम किसान योजना के शुरुआत में अल्प तथा अति अल्प भूधारक किसान के लिए घोषित की गई थी. वर्ष २०१९ के लोकसभा चुनाव के बाद यह योजना व्यापक रुप से कुछ नियम व शर्तों के आधार पर बढाकर इसमें सभी किसानों का समावेश किया गया. मगर कुछ किसानों ने योजना की शर्त तोडकर ऑनलाइन पंजीयन किया, इससे यह घोटाला होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इसमें आयकरदाताओं ने भी पंजीयन कराया. पति, पत्नी में से एक को लाभ उठाने की सुविधा है फिर भी दोनों ने लाभ उठाएं. १८ से २४ आयु के किसान पुत्र इस योजना में अपात्र ठहराये जा सकते है.

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