अमरावती

नए कुएं के लिए ढाई लाख, दुरुस्ती हेतु 50 हजार का अनुदान

बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना

* किसानों को विकास का अवसर
अमरावती/दि.10- अनुसूचित जमाति प्रवर्ग के लाभार्थियों को सिंचाई की सुविधा के लिए राज्य शासन की ओर से बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना चलाई जा रही है. इस माध्यम से नए कुएं के लिए ढाई लाख एवं पुराने कुएं की दुरुस्ती के लिए 50 हजार रुपए का अनुदान दिया जाता है.
रोहयो व अन्य योजनाओं के माध्यम से किसानों को सिंचाई कुएं के लिए अनुदान मिलता है. रोजगार हमी योजना व नये से शुुरु की गई पोकरा योजना से कुए का लाभ दिया जाएगा. एसटी लाभार्थियों को बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना से सिंचाई कुएं सहित साहित्य के लिए अनुदान दिया जाता है. इस योजना का लाभ पात्र लाभार्थियों से लेने का आवाहन किया गया है. महारोहयो अंतर्गत रहने वाले कुएं को 4 लाख रुपए अनुदान होने से बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना के कुएं का अनुदान बढ़ाने की मांग की जा रही है.
* क्या है बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना?
अनुसूचित जमाति प्रवर्ग के किसानों की आर्थिक आय बढ़े, इसके लिए राज्य शासन की ओर से बिरसा मुंडा क्रांति योजना शुरु की जा रही है. इस योजना के माध्यम से सिर्फ अनुसूचित जमाति प्रवर्ग के किसानों को ही लाभ दिया जाता है.
* नए कुएं के लिए ढाई लाख रुपए
बिरसा मुंडा कृषि क्रांति योजना के माध्यम से सिंचाई कुएं का खोदकाम करने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए का अनुदान अनुसूचित प्रवर्ग के किसानों को दिया जाता है. बिरसा मुंडा क्रांति योजना के लाभार्थियों के लिए संबंधित किसान को ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत करना पड़ता है. कृषि विभाग के महाडीबीटी पोर्टल पर भेंट देकर ऑनलाईन आवेदन किया जा सकता है.
* लाभार्थी के लिए शर्त?
लाभार्थी अनुसूचित जमाति प्रवर्ग का होना चाहिए, उसके पास जाति प्रमाणपत्र होना आवश्यक है. किसान के पास जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए व किसान के पास औसत 0.4 हेक्टर व 6 हेक्टर तक खेत जमीन हो.
* किसके लिए कितना अनुदान?
काम अनुदान
कुएं की दुरुस्ती 50 हजार
बोअर लेने 20 हजार
डीजल, विद्युत पंप 20 हजार
बिजली कनेक्शन 10 हजार
खेत तालाब के अस्तरीकरण 1 लाख
सुक्ष्म व ठिंबक सिंचाई संच 50 हजार
तुषार सिंचन 25 हजार
पीवीसी, एचडीपी पाईप 30 हजार
मेलघाट के धारणी, चिखलदरा तहसील में बड़े पैमाने पर आदिवासी किसान रहते हैं. जिसके चलते गत तीन वर्ष में आदिवासी किसानों ने कुएं के लिए करीबन 500 ऑनलाईन आवेदन किए. बड़े पैमाने पर उसका शासन नियम से लाभ दिया जाता है.
– राम देशमुख, कृषि अधिकारी पंस, चिखलदरा

Related Articles

Back to top button