अमरावती/दि.१६-वडाली वन विभाग ने मंगलवार की रात साढे १० बजे दो वन्यजीव उल्लू तस्करों को गिरफ्तार किया है. उनके कब्जे से एक घायल उल्लू को जब्त कर लिया गया है. इस उल्लू को बेचने के लिए नागपुर से अमरावती लाया गया. आरोपी योगेश ताराचंद सडमाके व दीपक झाडुलाल दसमेर है.
* जब्त उल्लू यूरेशियन ईगल
वनविभाग के वडाली वन रेंज के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि नागपुर से दो व्यक्ति यूरेशियन ईगल उल्लू के साथ बिक्री के लिए अमरावती आ रहे है. वनविभाग के मुताबिक दोनों आरोपियों को मंगलवार की रात अमरावती में गिरफ्तार किया गया. वनविभाग ने आरोपी के पास से घायल उल्लू को जब्त कर लिया है. उल्लू का इलाज कर आगे के इलाज के लिए वडाली एनिमल केयर सेंटर ले जाया गया था. वन विभाग ने दोनों आरोपियों से पूछताछ के बाद देर रात उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की है.
* मामला दर्ज
दोनों आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. फॉरेस्ट रेंजर शाम देशमुख, फॉरेस्ट रेंजर तिकले, चंद्रकांत छोले, प्रशांत खाडे, जीके म्हाशे, सचिन निकोस और वन मजदूर ओेंकार भूरे ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया . कार्रवाई में कार्स ऐसोसिएशन के पदाधिकारी राघवेंद्र नंदे के मार्गदर्शन में वन अपराध शाखा के विजू खोटे, सचिन शेलके, सर्वेश मराठेे और मुकेश जावरकर भी मौजूद रहेे.
* अंध विश्वास में उल्लू का प्रयोग
कई जगह पर उल्लू के नाखून पैसे बढाने के लिए तिजोरी में रखते है. काले जादू के लिए भी उल्लू का शिकार किया जाता है. लेकिन यह सब अंधविश्वास है. फिर भी इसके लिए बड़ी संख्या में उल्लुओं का शिकार किया जाता है. उल्लू पक्षी वन विभाग की श्रेणी ४ की सूची मेें है. इसलिए उल्लू रखना, उसका शिकार करना, उसके अवशेषो को रखना, उसके आवास को नष्ट करना वन्यजीव अधिनियम १९७२ के तहत अपराध है.
सागर मैदानकर,
वन्यजीव अभ्यासक