अमरावती

बोगस पीआर कार्ड मामले में मुख्य सूत्रधार समेत दो गिरफ्तार

आर्थिक अपराध शाखा की जांच के बाद कार्रवाई

अमरावती/दि.26 – शहर के कैम्प परिसर के 7 हजार 98 वर्ग फीट भूखंड का भूमि अभिलेख कार्यालय से बोगस पीआर कार्ड तैयार किया. उस पीआर कार्ड के आधार पर यह करोडो का भूखंड बेचा. इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने 15 दिन की जांच के बाद शुक्रवार 25 जून को अब तक की जांच का मुख्य सूत्रधार, भूखंड का फर्जी मालिक बने व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. संदीप चंद्रकांत राठी (47, एलआईसी कॉलोनी, प्रशांत नगर के पास, अमरावती), प्रकाश विठोबा ठाकरे (60, गुरुदेव नगर, मोझरी, तिवसा) इन दोनों को गिरफ्तार किया है. संदीप राठी यह प्रापर्टी ब्रोकर (दलाल) उसने ही यह साजिश रची, ऐसा पुलिस की जांच में सामने आया है. बावजूद इसके उनके पीछे कौन है, इस बाबत पुलिस की जांच शुरु है. कैम्प जैसे परिसर की इस भूखंड का मालिक एक महिला है, उस महिला ने ही फरवरी 2021 में पीआर कार्ड निकाला तब यह भूखंड प्रकाश विठोबा ठाकरे के नाम पर रहने की बात निदर्शन में आयी. जिससे मूल मालिक महिला ने इस मामले में भूमि अभिलेख से शिकायत की थी. उसके चलते भूमि अभिलेख ने जांच की और कार्यालय के दो कनिष्ठ लिपिकों पर बोगस पीआर कार्ड बनाने का आरोप रखकर इस तरह की रिपोर्ट पुलिस को पेश की. उस आधार पर गाडगे नगर पुलिस ने 8 जून को भूमि अभिलेख के दो कनिष्ठ लिपिको के खिलाफ धोखाधडी का अपराध दर्ज किया है. इस बीच आर्थिक अपराध शाखा ने जांच की तब इस समूचे मामले में उन दो लिपिकों समेत मुख्य ब्रोकर संदीप राठी रहने की बात सामने आयी है. प्रकाश विठोबा ठाकरे यह व्यक्ति खेत मजदूरी और रसोई का काम करता है. बीच में वह समृध्दि महामार्ग के काम पर एक ठेकेदार के पास रसोईयों का काम करता था. राठी ने ठाकरे को एक करोड रुपए के भूखंड का मालिक बनाया व प्रकाश विठोबा ठाकरे मालक रहने की बात दिखाकर 1992 में हुई बोगस खरीदी तेैयार की. इस बोगस खरीदी के आधार पर पीआर कार्ड भी तैयार कर लिया. इसी बोगस पीआर कार्ड व खरीदी के आधार पर यह भूखंड राठी ने बेचा था. किंतु इससे पहले ही पुलिस ने इस मामले का भंडाफोड करने से वह खरीदी व्यवहार पूरा नहीं हुआ. इस बीच इस काम में राठी के पीछे और कौन हेै, इस बाबत पुलिस जानकारी ले रही है. किंतु अब तक की जांच में राठी ही मुख्य सूत्रधार रहने की बात सामने आने से उसके साथ ही प्रकाश ठाकरे को गिरफ्तार किया गया है. यह कार्रवाई ईओडब्ल्यू के पीआई शिवाजी बचाटे, एपीआई अतुल वर, पीएसआई राजेंद्र शेंडे, रविंद्र केने, ईश्वर चके्र व साखरकर आदि ने की.

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