अमरावतीमहाराष्ट्र

दो बिल्डरों ने अधिकारियों की मदद से हडपी जमीने

पत्रवार्ता में राजेश बलखंडे ने लगाया आरोप

अमरावती /दि.27– शहर के नवसारी सर्वे नंबर-23 में जमीनें हडपकर इमारतें बनाई गई है. शहर के वरुण मालु व पीएस एसोसिएट्स के प्रवीण महल्ले ने वर्ष 2020 से भूमि अभिलेख कार्यालय के तत्कालीन उपाधीक्षक अनिल फुलझेले के आशीर्वाद से सर्वसामान्य लोगों की जमीनों पर गैर कानूनी तरीके से कब्जा किया. इस आशय का आरोप राजेश बलखंडे द्वारा गत रोज यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में किया गया.
इस पत्रवार्ता में आरोप लगाया गया कि, इन दोनों बिल्डरों ने शहर के नामांकित वकीलों के जरिए कई फर्जी केसेस भी दाखिल किये है तथा न्यायालयीन मामलों में वकीलों के जरिए अदालत की दिशाभूल करने व तारीख पर तारीख लेते हुए मामले को लटकाए रखने के काम किये जा रहे है. ऐसे में अदालत ने यह काम करने वाले वकीलों की सनद को रद्द करना चाहिए.
इसके साथ ही इस पत्रवार्ता में यह आरोप भी लगाया गया है कि, इस मामले में तत्कालीन तहसीलदार संतोष काकडे ने कोई सघन अध्ययन अथवा दस्तावेजों की पडताल किये बिना बिल्डर के साथ संपर्क कर उसे जमीन हडप करने में एक तरह से मदद ही की है. साथ ही तत्कालीन उपविभागीय अधिकारी उदय राजपुत ने सेवानिवृत्त होने से एक दिन पहले सर्वसामान्यों का हक छिनने वाला निर्णय दिया था. राजेश बलखंडे का कहना रहा कि, भूमि अभिलेख कार्यालय द्वारा सन 2009-10, सन 2017, सन 2020-21 व सन 2023 की नापजोख में बदलाव करते हुए सामान्य व्यक्ति की 18 आर खेत जमीन उस जगह पर नहीं रहने की बात दर्शायी गई और फिर इस जगह पर बिल्डर का अनधिकृत कब्जा देते हुए उस जगह को हडप करने हेतु मदद की गई. इस मामले में भूमि अभिलेख कार्यालय में जापजोख हेतु आवेदन किये जाने पर उस समय संबंधितों को नोटीस भी नहीं दी जा रही थी, बल्कि यह गडबडी करने हेतु एक ही दिन के दौरान भूमि अभिलेख कार्यालय में कोर्ट कमिश्नर के तौर पर अनिल फुलझेले की नियुक्ति कर बिल्डर की मदद की गई, ऐसा आरोपी भी राजेश बलखंडे ने इस पत्रवार्ता में लगाया.
इसके साथ ही राजेश बलखंडे का इस पत्रवार्ता में यह भी कहना रहा कि, सर्वे क्रमांक-23 मौजे नवसारी में 1.51 आर खेत जमीन की नापजोख करने हेतु एक ही दिन एक ही समय पर भूमि अभिलेख कार्यालय के सर्वेअर ज्योत्सना दुभाडे, नीता नेहारे व गणेश कोलणकर एवं निजी सर्वेअर प्रवीण नवरंगे को भेजा गया था तथा नापजोख होने के बाद कोर्ट कमिश्नर की मोजणीदार निता निहारे को छूट्टी पर भेजकर ‘क’ प्रत देर से प्रस्तुत की गई. साथ ही ‘क’ प्रत पर मोजणीदार छाननी लिपिक डोंगरे व अधीक्षक अनिल फुलझेले द्वारा मोजणी व गलत नाम की कोई पडताल न करते हुए इसे कोर्ट में काफी विलंब से पेश करते थे. जिसके चलते बिल्डर को उस जगह हेतु एनए व निर्माणकार्य की अनुमति तहसील कार्यालय मनपा से दी गई. साथ ही उस जगह पर कब्जा करने के लिए बिल्डर को सहायता की गई. महावितरण द्वारा उस जगह पर लगाए गए बिजली के पोल से बिजली का धडल्ले के साथ उपयोग किया जा रहा है और महावितरण भी वरुण मालू व प्रवीण महल्ले की इस काम में सहायता कर रही है, ऐसा आरोप भी राजेश बलखंडे द्वारा इस पत्रवार्ता में लगाया गया.
इस पत्रवार्ता में राजेश बलखंडे सहित रमेशचंद्र मुरके, भास्कर रिठे, नीलेश बिजवे व आशादेवी बजाज आदि उपस्थित थे.

* आपसी मिलीभगत से कई लोगों की जमीनें गडप
इस पत्रवार्ता में रमेशचंद्र मुरके ने बताया कि, नवसारी परिसर में मालू बिल्डर ने जब से खेत जमीन खरीदनी शुरु की, तब से प्रत्येक नापजोख में बदलाव किया जाने लगा और परिसर की अन्य जमीनों को हडपने की द़ृष्टि से ही जानबूझकर ऐसी नापजोख की गई. नापजोख के लिए हमेशा ही कुछ चुनिंदा अधिकारियों व कर्मचारियों को भेजा जाता रहा. इसी के तहत नवसारी सर्वे क्रमांक-85/5 की कृषि जमीन के पुराने नापजोख वाले क्षेत्रफल एक हेक्टेअर 97 आर में भूमि अभिलेख के उपाधीक्षक अनिल फुलझेले व उनकी ‘चांडाल चौकडी’ द्वारा किया गया. जिसके चलते करीब 7 से 8 लोगों की जमीनों को हडप लिया गया है.

* पुश्तैनी जमीनों की नापजोख में की गई गडबडी
पत्रवार्ता में उपस्थित भास्कर रिठे ने बताया कि, उक्त परिसर में विगत कई दशकों से उनकी पुश्तैनी कृषि भूमि है. परंतु इस परिसर में मालू बिल्डर द्वारा खेत जमीनों को खरीदने के बाद उनके द्वारा कराई गई नापजोख में बडे पैमाने पर बदलाव किया गया और जमीन को हडप लिया गया. उनकी जमीन रिकॉर्ड पर दिखाई देती है. परंतु हकीकत में उनकी जमीन पर एक इमारत बन चुकी है. यानि रिकॉर्ड पर दिखाई देने वाली उनकी जमीन को भूमि अभिलेख उपाधीक्षक कार्यालय के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करते हुए हडप लिया गया. साथ ही इसकी शिकायत करने पर टालमटोल वाला रवैय्या अपनाते हुए मामले को जानबूझकर टाले रखा गया.

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