अमरावतीमहाराष्ट्र

दो प्रतिव्ददी 2019 से चढ रहे एक साथ विधानसभा की सीढियां

जहां एक निर्वाचन क्षेत्र में हारने के बाद 2019 में दूसरे ने बदला था चुनाव क्षेत्र

* अब दोनों ही महायुति के समर्थन सेें जीत कर बने विधायक
अमरावती/दि.5– बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र यह हमेशा ही चर्चा का केंद्र रहा है. इस निर्वाचन क्षेत्र से कई बडे नेताओं ने विधानसभा की सीट से विजय प्राप्त कर राज्य में अपने काम का डंका बजाया है. वही इस निर्वाचन क्षेत्र में पिछले चार बार विधानसभा में युवा स्वाभिमान पार्टी के विधायक रवि राणा का वर्चस्व बना हुआ है. लेकिन कभी इनके कट्टर प्रतिव्दंदी माने जाने वाले संजय खोडके ने इस निर्वाचन में 2019 में उनकी पत्नी विधायक सुलभा खोडके की पराजय के बाद निर्वाचन क्षेत्र बदल कर अमरावती से 2019 में चुनाव लडा और बीजेपी के उम्मीदवार को हरा कर अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार असेंबली पहुंची थी. जो कि इस बार यानी 2024 के चुनाव में भी वे अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार व विधायक के रुप में तीसरी बार विधानसभा पहुंची है. तो वही रवि राणा ने भी बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र सेे चौका मारते हुए विधानसभा की सीढीयां चढने में कामयाब हुए है. इन दोनों नेताओं की बात करें इस बार दोनों ही कट्टर प्रतिव्दंदी माने जाने वाले नेता महायुति गठबंधन के सहयोग से अपनी जीत का परचम लहरा रहे हैं.
बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में नजर दौडाई जाए तो यहां का मुकाबला सुलभा खोडके के लिए काफी रोमांच भरा रहा. 2004 के विधानसभा चुनाव में सुलभा खोडके ने उस समय अखंड राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लडा था. जिसमें उन्हें 54995 वोट हासिल किए थे. वही शिवसेना (अखंड) के उम्मीदवार ज्ञानेश्वर धाने पाटील को हराकर वे पहली बार बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधायक बनी थी. इसी तरह 2009 में सुलभा खोडके दोबारा अखंड राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से चुनाव लडी. जहां उनका मुकाबला अखंड शिवसेना के संजय बंड तथा निर्दलीय यानी युवा स्वाभिमानी पार्टी से चुनाव लड रहे रवि राणा से हुआ. इस चुनाव में सुलभा खोडके को सिर्फ 54260 वोट ही मिले जिसमें वे दूसरे नंबर रही. वही अखंड शिवसेना के संजय बंड ने 39408 वोट प्राप्त किए थे तथा रवि राणा ने निर्दलीय के रुप में 73031 वोट प्राप्त कर पहली बार विधायकी का मजा चखा था. इस युवा विधायक ने फिर यहां से अपनी शानदार राजनीतिक पारी की शुरूआत की थी. जिसके बाद उन्होंने कभी पलट कर नहीं देखा. 2014 के चुनाव में भी विधायक रवि राणा का मुकाबला शिवसेना के संजय बंड व इंडियन नेशनल कॉग्रेस की उम्मीदवार सुलभा संजय खोडके से हुआ. 2014 के चुनाव में रवि राणा ने 46827 वोट पाकर जीत हासिल की थी. वही सुलभा खोडके को 33897 वोट मिले थे तो संजय बंड को 39408 वोट प्राप्त हुए थे. रवि राणा के दूसरी बार विधायक बनने के बाद संजय खोडके ने 2019 में अमरावती निर्वाचन क्षेत्र का रुख किया और यहां से अपनी पत्नी को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारियां शुरू कर दी. लगातार लोगों से संपर्क व जरुरतमंदो के काम पूरे करवाने से उनकी छवि लोगों में अलग छाप छोडती चली गयी. जिसके बाद 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से सुलभा खोडके को मौका दिया और कांग्रेस से नाराज चल रहे डॉ. सुनील देशमुख ने भाजपा से चुनाव लडा था. जिसमें उनकी पराजय हुई. सुलभा खोडके को इस चुनाव में 82581 वोट प्राप्त हुए थे और डॉ. सुनील देशमुख को 64313 वोट मिले थे. वही बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से रवि राणा का मुकाबला फिर एक बार शिवसेना की प्रिती बंड से हुआ. इस वक्त संजय बंड के देहांत के बाद कई शिवसैनिकों की मांग पर स्व. संजय बंड की पत्नी प्रिती बंड को इस चुनाव में उतारा गया. मगर लोगों की सांत्वाना व सिंपती यहां काम नहीं आयी. रवि राणा ने इस चुनाव में 90460 वोट प्राप्त किए तो प्रिती बंड को सिर्फ 74919 वोट ही मिले थे. जिसमें रवि राणा ने तिसरी हैट्रिक मार कर विजयी हासिल की थी. इस बार 2024 का मुकाबला भी बडनेरा व अमरावती के लिए बडा रोमांचकारी रहा. आखरी पलों तक मैच किसके पलडे में जाएंगा यह कह पाना मुश्किल था. इस बार नेताओं ने पब्लिक का चेहरा पढ नहीं पाए. जिसके कारण पब्लिक किसे जीताना चाहती है. यह कह पाना मुश्किल था. जहां बडनेरा और अमरावती निर्वाचन क्षेत्र में लडाई त्रिकोणिय साबित हो रही थी. बडनेरा में विधायक राणा को इस बार 1 लाख से अधिक वोट प्राप्त हुए और उन्होंने कडी टक्कर देते हुए कुल 1, 27,800 वोट प्राप्त किए. वही निर्दलीय उम्मीदवार प्रिती बंड के कार्यकर्ताओं व्दारा इतनी महेनत करने के बावजूद भी उन्हें सिर्फ 60 हजार वोट यानी 60,826 वोटो पर ही सिमटना पडा. वही शिवसेना (उध्दव ठाकरे गुट) के सुनील खराटे को सिर्फ 7,121 वोट ही मिल पाए. वही अमरावती विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार चुनाव लड रही सुलभा संजय खोडके ने कडी टक्कर देते हुए 82,581 वोट प्राप्त कर जीत हासील की. वही इस बार कांग्रेस से चुनाव लड रहे डॉ. सुनील देशमुख को 54,674 वोट तो अमरावती से ही दूसरी बार चुनाव लड रहे लेफ्टि. डॉ.अलीम पटेल (आजाद समाज पार्टी) ने 54,591 वोट हासिल किया. इस बार यानी 2024 के चुनाव में अलीम पटेल ने पूरा माहौल बदल कर रख दिया था. जिसके कारण चुनाव की तारीख घोषित होने से लेकर चुनाव परिणाम के अंतिम राऊंड तक चुनाव परिणाम किसके पलडे में जाता है. यह कह पाना किसी के बस में नहीं था. वही सुलभा संजय खोडके ने अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से दूसरी बार शानदार जीत हासील कर विधानसभा पहुंचने में कामयाब रही. अब नयी सरकार में किसे मंत्री पद से नवाजा जाता है. इस पर दोनों निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं सहित उनके कार्यकर्ताओं में उत्सुकता से इंतजार देखा जा रहा है.

2019 से पहुंच रहे विधानसभा
बता दें कि सुलभा संजय खोडके ने अमरावती से व रवि राणा ने अपने ही निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडते हुए 2019 के चुनाव में सफलता हासिल की और दोनों कट्टर प्रतिव्दंदी एक साथ विधानसभा की सिढीयां चढने में कामयाब हुए.

दोनों को इस बार महायुति का साथ
इस बार 2024 के विधानसभा चुनाव में बडनेरा से रवि राणा ने भले ही निर्दलीय चुनाव लडा हो मगर उन्हें इस बार के चुनाव में हमेशा की तरह महायुति गठबंधन का साथ मिला था. तो वही महायुति की गठबंधन में रहने वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) से घडी निशानी पर सुलभा खोडके ने चुनाव में सफलता हासिल की. दोनो ही विधायक महायुति के समर्थन से इस बार भी चुनाव जीतने में कामयाब रहे है और दोनों ही नेताओं को मंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा है.

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