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केवल 10 हजार रुपए में तय हुआ था विवाह
अमरावती/दि.27 – महिला व बालविकास मंत्रालय में 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए नि:शुल्क आपातकालिन सेवा श्ाुरु की है. चाईल्ड लाइन क्रमांक 1098 पर मिली जानकारी के अनुसार परतवाडा पुलिस ने एक ही गांव में दो लोगों का बालविवाह रोकने में सफलता पायी. चाईल्ड लाइन की टीम को जांच में पता चला कि, एक नाबालिग के पिता का इसके पहले ही देहांत हो चुका था. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण नाबालिग की मां तथा परिजनों ने केवल 10 हजार रुपए में विवाह तय किया था. वहीं दूसरे नाबालिग को रुढीवादी परंपरा के कारण विवाह की खाई में झोंका जा रहा था. दोनों का जीवन इस टीम ने बचाया है.
खबर मिलने के बाद चाईल्ड लाइन व जिला बाल सुरक्षा कक्ष, बाल कल्याण समिति को इसकी जानकारी दी. चाईल्ड लाइन व जिला बाल सुरक्षा कक्ष की टीम ने दोनों ही नाबालिग के घर में भेंट दी और उनका बाल विवाह होने से रोका. इन बालिकाओं के अभिभावकों के खिलाफ बाल विवाह प्रतिबंध कानून 2006 के तहत कार्रवाई की गई. साथ ही बालका 18 वर्ष की होने तक विवाह नहीं कराने का लिखित बाँड भरवाया. इसके अलावा सक्षम अधिकारी के सामने उन्हें उपस्थित रहने के आदेश दिये.
जिस व्यक्ति ने केवल 10 हजार रुपए में नाबालिग का विवाह तय करवाया था. उसकी खोज की जा रही है, दोनों नाबालिग की चाईल्ड लाइन व जिला बाल सुरक्षा कक्ष व्दारा अमरावती में देखभाल की जा रही है. हव्याप्र मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य, सचिव माधुरी चेंडके, चाईल्ड लाइन के संचालक प्रा.डॉ. नितीन काले, जिला महिला व बालविकास अधिकारी डॉ. उमेश टेकाडे, बाल कल्याण समिति सदस्य अंजली गुलक्षे, जिला बाल सुरक्षा अधिकारी अजय डबले के साथ सीमा भाकरे, आकाश बरबट, चाईल्ड लाइन टीम समन्वयक अमित कपूर, समुपदेशक सपना गजभिये, मीरा राजगुरु, पंकज शिणगारे, सरिता राउत, अजय देशमुख, शंकर वाघमारे, वृषभ मुंदे आदि कार्रवाई में शामिल थे.