नैक मूल्यांकन की समस्या हल करने दो समितियां
पुणे/दि.15- राज्य में महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन करते समय किस तरह की समस्याएं व दिक्कतें आती है. इसका अध्ययन करते हुए पर्याय सुझाने तथा मूल्यांकन की प्रक्रिया को अधिक सरल करने हेतु उपाय योजनाओं का सुझाव देने हेतु उच्च व तंत्रशिक्षा विभाग ने दो समितियों का गठन किया है. इन समितियों द्बारा रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद उसे राज्य सरकार की ओर से राष्ट्रीय मूल्यांकन व अधिस्वीकृति परिषद के पास भेजा जाएगा.
उल्लेखनीय है कि, उच्च शिक्षा संस्थाओं के लिए नैक मूल्यांकन करना बेहद अनिवार्य व आवश्यक है. परंतु इसके बावजूद कई महाविद्यालयों द्बारा इसकी ओर अनदेखी की जाती है. इस संदर्भ में उच्च शिक्षा विभाग द्बारा बार-बार निर्देश देने के बाद भी उसका कोई विशेष परिणाम नहीं हुआ. इसके चलते नैक मूल्यांकन व पुनर्मूल्यांकन नहीं करने वाले महाविद्यालयों की संलग्नता को रद्द करने का आदेश सभी विद्यापीठों को दिया गया है. साथ ही उच्च व तंत्र शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने भी कुलगुरुओं की बैठक लेते हुए नैक मूल्यांकन प्रक्रिया नहीं करने वाले महाविद्यालयों की सूची तैयार कर उन पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसी पार्श्वभूमि पर मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने हाल ही में एक बार फिर एक समिक्षा बैठक बुलाई. जिसमें दो समितियों का गठन किया गया.
* गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए उच्च शिक्षा विभाग पूरी तरह से कटिबद्ध है. जिसके चलते महाविद्यालयों का नैक मूल्यांकन करवाने को लेकर पूरी प्राथमिकता दी जा रही है और नैक मूल्यांकन नहीं करवाने वाले महाविद्यालयों को विद्यापीठों की ओर से कारण बताओ नाटीस दी जा रही है. नैक मूल्यांकन की प्रक्रिया को आसान करने तथा समस्याओं को हल करने हेतु कुछ उपाय करने हेतु अध्ययन करने के लिए समिति द्बारा रिपोर्ट पेश की जाएगी. नैक मूल्यांकन में महाराष्ट्र को एक आदर्श बनाते हुए अन्य राज्यों को इस संदर्भ में मार्गदर्शन किया जाएगा.
– डॉ. शैलेंद्र देवलानकर,
उच्च शिक्षा संचालक.