अमरावती

भारतीय महाविद्यालय में दो दिवसीय व्याख्यान माला हुई

अमरावती/दि.23 – संत गाडगेबाबा अमरावती विद्यापीठ अमरावती द्वारा संचालित भारतीय महाविद्यालय अमरावती में वैश्विक महिला दिन निमित्त दो दिवसीय व्याखान माला संपन्न हुई.
महाविद्यालय में 8 मार्च को हितगुज विद्यार्थी समूह समुपदेशन केन्द्र द्वारा पहला व्याख्यान संपन्न हुआ. इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. आराधना वैद्य, कार्यक्रम के वक्ता मार्गदर्शक डॉ. विजया मारोतकर थी. कार्यक्रम की प्रास्ताविक व अतिथियों का परिचय देते समय प्रा. डॉ. अलका गायकवाड, मराठी विभाग प्रमुख ने कहा कि महिलाओं ने अपने अस्तित्व में समय-समय पर किए संघर्ष अपना स्वप्न साकार करने के लिए वैश्विक महिला दिन उत्साह से मनाया जाता है. इसके साथ ही स्त्री के कार्यकर्तुत्व की समाज में उनके स्थान की संघर्ष की व उसके मार्ग पर अडचने आने की चर्चा इस निमित्त से की जाए यह उद्देश्य रखकर इस व्याख्यान माला का आयोजन किया है. ऐसा उन्होंने कहा.
इस अवसर पर प्रमुख वक्ता डॉ. विजया मारोतकर ने समाज के सभी स्तर पर स्त्री समस्या के सबंध में विस्तार से चर्चा की. खेत मजदूरी के लिए घर से बाहर जानेवाली स्त्री से लेकर बडे-बडे पद पर कार्यरत रहनेवाली स्त्री तक सभी क्षेत्र में समाज के पुरूषो का कैसे सामना करना पडता है यह उन्होंने अनेक उदाहरण देकर स्पष्ट किया. स्त्री सक्षमीकरण के लिए समाज की मानसिकता बदलना कितना आवश्यक है, ऐसा प्रतिपादन उन्होंने किया.
कार्यक्रम का प्रास्ताविक व अतिथियों का परिचय डॉ. दया पांडे ने करते हुए कहा कि स्त्रीया समाज के विविध क्षेत्र में आगे है. समझ व नासमझी के कारण स्वयं के स्वास्थ्य की ओर व ध्यान नहीं देती है. जिन्दगी की दौडभाग मेंं स्वयं को सिध्द करने के प्रयास में स्वयं के स्वास्थ्य की देखभाल करना महत्वपूर्ण है. उस संबंध में उन्हें मार्गदर्शन देना चाहिए. उस द़ृष्टि से व्याख्यान माला का आयोजन किया गया, ऐसा उन्होंने कहा. कार्यक्रम के वक्ता डॉ. सुमेधा पांढरकर ने स्त्री सबलीकरण स्वास्थ्य का महत्व इस विषय पर चर्चा की.

Related Articles

Back to top button