दो दिवसीय महात्मा फुले सत्यशोधक साहित्य सम्मेलन
वर्हाड विकास व उपेक्षित समाज महासंघ का आयोजन
अमरावती/दि.24 – वर्हाड विकास व उपेक्षित समाज महासंघ की ओर से क्रांतिज्योति सावित्रिबाई फुले के स्मृति दिन निमित्त गत 10 व 11 मार्च को दो दिवसीय ऑनलाइन बारहवां राज्यस्तरीय महात्मा फुले सत्यशोधक साहित्य सम्मेलन संपन्न हुआ. इस सत्यशोधक सम्मेलन के 11 मार्च को संपन्न परिवर्तनवादी कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कवि, लेखक, वक्ता व समाज प्रबोधनकर्ता प्रा. अरुण बुंदेले ने की तथा उन्होंने कवि सम्मलेन के प्रारंभ में सावित्रीबाई के कार्यो को अपनी अध्यक्षीय कविता पाठ के माध्यम से अभिवादन किया.
कवि सम्मेलन के मुख्य संयोजक सत्यशोधक दलित मित्र प्रा. श्रीकृष्ण बनसोड व जनसंपर्क अधिकारी प्रभाकर वानखडे थे. उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रा. अरुण बुंदेले ने कहा कि बहुजन समाज को जागरुक करने हेतु फुले, शाहु आंबेडकर की विचारधारा जनसामान्य तक पहुंचाने के लिए महात्मा फुले सत्यशोधक साहित्य सम्मेलन महत्वपूर्ण साबित होगा.
इस कवि सम्मेलन में कवियत्री प्रा. डॉ. अलका झाडे ने सावित्री ‘तु तर क्रांतिची जननी’ इस कविता से अपना काव्यपाठ कर सावित्रीबाई फुले के द्बारा किए गए कार्यो को शब्दबद्ध किया. कवियत्री शारदा गणोरकर ने क्रांतिज्योति सावित्री नामक कविता का पाठ कर सहनशीलता का वर्णन किया. कवि प्रभाकर वानखडे ने बाबासाहब ‘तूम्ही नसता तर’ नामक कविता का पठन कर बाबासाहब के द्बारा किए गए कार्यो का वर्णन किया. कवि मधुकर गराटे, कवि नरेशचंद काठोले ने भी कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया. कवि सम्मेलन का संचालन प्रभाकर वानखडे ने किया तथा आभार प्रवीण खांडवे ने माना.