एक साल से बंद पडे है चिखलदरा के पवन उर्जा के दो पंखे
पिछले 20 सालों में मेडा ने नहीं किया कोई विकास

* सुजलॉन कंपनी के पैसे नहीं देने से बंद पडे है पंखे
चिखलदरा/दि.22-चिखलदरा से सटे मोेथा गांव के पास मेडा (महाराष्ट्र एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी) द्वारा खरीदी गई 50 हेक्टेयर जमीन पर वर्ष 2003 में तत्कालीन केंद्रीय उर्जा मंत्री अनंत गिते द्वारा उद्घाटित किए गए पवन उर्जा के दो पंखे पिछले एक साल से बंद पडे है. किंतु मेडा द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिए जाने के चलते रोज निर्मित होने वाले 2 मेगावॉट बिजली उत्पादन का जहां नुकसान हो रहा है, वहीं पिछले 20 वर्षों में ली गई 50 हेक्टेयर जमीन का उपयोग नहीं किए जाने के चलते भी यहां का विकास रुका है. वहीं पास ही स्थित मध्य प्रदेश के कुकुरु-खामला में इस तरह के 100 पंखे लग चुके है. मगर यहां का आंकडा पिछले 20 वर्षों में 2 से 3 नहीं हो पाया है. जिसमें मेडा की लापरवाही है या जिले के पदाधिकारियों का ध्यान नहीं देना या इस पर काम नहीं करना वजह हो सकती है. मगर रोज 2 मेगावॉट बिजली उत्पन्न करने वाले यह दो पंखे पिछले एक साल से बंद रहने का कारण मेडा तथा सुजलॉन कंपनी के बीच पैसों के लेन-देन का चक्कर होने की विश्वसनीय जानकारी मिली है.
प्राप्त जानकारी के अनुसार कंपनी के द्वरा इस प्रोजेक्ट की 20 वर्ष की गारंटी तथा देखरेख की जिम्मेदारी ली गई थी. 2023 में 20 वर्ष पूर्ण होने पर कंपनी द्वारा वइस प्रकल्प का स्ट्रक्चर ऑडिट किया जाना है. तथा वह आगे कितने वर्ष चल सकता है, यह ठहराया जाना है. तथा उसके कौनसे पार्ट बदलना है, यह ठहराया जाना है. सह सब प्रक्रिया एक वर्ष पूर्व से शुरु की जाती है. लेकिन वर्ष 2023 से लेकर आज तक यह पंखे बंद पडे है. फिरभी इस ओर कोई ध्यान देने तैयार नहीं. इसके पिछे का मूल कारण है कि, इस संदर्भ में कोई जनप्रतिनिधि या जनता आवाज उठाने तैयार नहीं रहने के चलते मेडा द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. संबंधित अधिकारियों एवं प्रशासन ने बंद पडे पंखे शुरु कराने तथा यहां ऐसे कई पंखे लगाने की आवश्यकताा है. साथही उतनी क्षमता यहां होने से उसका फायदा भी लिया जा सकेगा.