अमरावतीमुख्य समाचार

गोल्ड लोन घोटाले में दो स्वर्णकारों की गिरफ्तारी

शेखर वर्मा व ओमप्रकाश सोनी को पुलिस ने लिया हिरासत में

* 29 तक दोनों सराफा व्यवसायी रहेंगे पुलिस कस्टडी रिमांड में
* असली सोने को बदलकर नकली सोने के आभूषण लॉकर मेें रखने का मामला
अमरावती/दि.26- स्थानीय राजापेठ परिसर स्थित यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के लॉकरों में रखे गये बैंक के कर्जधारक खातेदारों की ओर से गिरवी के तौर पर प्राप्त असली सोने के आभूषणों को बदलकर वहां नकली सोने के आभूषण रखने तथा फर्जी खाताधारकों के नाम पर नकली सोने के आभूषण गिरवी दर्शाकर बैंक से कर्ज हासिल करने के मामले में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस ने अब शहर के दो सराफा व्यवसायियों को अपनी हिरासत में लिया है. जिसके तहत सोमवार की शाम शेखर वर्मा तथा ओमप्रकाश सोनी नामक दो सुवर्णकारों की गिरफ्तारी की गई. जिन्हें अदालत में पेश करते हुए 29 सितंबर तक पुलिस कस्टडी रिमांड भी हासिल किया गया.
उल्लेखनीय है कि, करीब पौने 2 करोड रूपये मूल्य के 5 किलो 400 ग्राम सोने की अदलाबदली और अफरातफरी के इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा पुलिस द्वारा विगत सोमवार 19 सितंबर की शाम बैंक के तत्कालीन शाखा व्यवस्थापक जतीन प्रेमचंद कुंद्रा (34, अजमेर, राजस्थान) सहित गौरव पुरूषोत्तम शिंदे (42, महादेव खोरी), पवन अरूण तांडेकर (34, हमालपुरा) तथा सतीश भोजने (36, हमालपुरा) ऐसे कुल चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. जिन्हें उस समय अदालत में पेश किये जाने पर चारों आरोपियों को 26 सितंबर तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी हुआ था. ऐसे में पीसीआर की अवधि खत्म होने पर चारों आरोपियों को एक बार फिर कोर्ट के सामने पेश किया गया. जहां पुलिस की मांग को स्वीकार करते हुए अदालत ने चारों आरोपियों के पीसीआर की अवधि को तीन दिनों के लिए बढा दिया. ऐसे में अब चारों आरोपी आगामी 29 सितंबर तक पुलिस की कस्टडी में रहेंगे. वहीं अब गत रोज पुलिस के हत्थे चढे शेखर वर्मा व ओमप्रकाश सोनी नामक दो सराफा व्यवसायियों को भी अदालत ने 29 सितंबर तक पुलिस कस्टडी रिमांड में रखने का आदेश जारी किया है. ऐसे में सभी 6 आरोपियों से आर्थिक अपराध शाखा द्वारा एक साथ पूछताछ की जायेगी और पुलिस को पूरी उम्मीद है कि, इस पूछताछ में कोई पुख्ता जानकारी व सबूत जरूर प्राप्त होंगे.
* ऐसे सामने आया था पूरा मामला
बता दें कि, स्थानीय अकोली रोड परिसर के आंचल विहार कालोनी में रहनेवाले उज्वल मलसने नामक व्यक्ति ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की राजापेठ शाखा में अपना 100 ग्राम सोना गिरवी रखते हुए उस पर 3.30 लाख रूपयों का कर्ज लिया था और कर्ज की किश्त अदा करने के बाद जब बैंक में गिरवी रखे अपने सोने के आभूषण वापिस लिये, तो पता चला कि, उसे बैंक द्वारा नकली सोने के आभूषण दिये जा रहे है. ऐसे में उज्वल मलसने द्वारा बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों पर अपने साढे पांच लाख रूपये मूल्यवाले असली सोने के गहने हडप लिये जाने का आरोप लगाते हुए राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करायी गई थी. जिसके आधार पर राजापेठ पुलिस ने 12 अगस्त को बैंक के स्थानीय प्रबंधन के खिलाफ जालसाजी का मामला दाखिल किया था. पश्चात इस बैंक के और भी कुछ कर्जधारकों की ओर से बैंक प्रबंधन के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं को लेकर शिकायतें मिलनी शुरू हो गई थी. ऐसे में मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई. वहीं खुद बैंक प्रबंधन ने अपने स्तर पर बैंक का ऑडिट करवाना शुरू किया. जिसमें पता चला कि, बैंक के कई लॉकरों में रखे असली सोने के आभूषणों को गायब करते हुए वहां पर नकली सोने के आभूषण रखे गये है. यह जानकारी सामने आते ही बैंक के लॉकरधारकों व गोल्ड लोन कर्जधारकों में हडकंप मच गया. साथ ही सबसे सनसनीखेज जानकारी तो यह थी कि, गोल्ड लोन से संबंधित 22 मामले ऐसे है, जिनमें कोई कर्जधारक ही नहीं है. यानी जिन नामों पर कर्ज आवंटित दिखाया गया है, उस नाम के किसी व्यक्ति ने बैंक से कर्ज ही नहीं लिया है और उस व्यक्ति के नाम पर नकली सोने के आभूषण को गिरवी दर्शाते हुए बैंक द्वारा कर्ज भी आवंटित कर दिया गया. जाहीर है कि, बैंक अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत के बिना ऐसा करना संभव ही नहीं है. ऐसे में आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक को उसकी ऑडिट रिपोर्ट मंगवायी और अब ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त होते ही बैंक के तत्कालीन शाखा व्यवस्थापक सहित चार कर्मचारियों को जांच हेतु अपनी हिरासत में लिया है.
* 22 फर्जी कर्जधारकों के नाम पर नकली सोना गिरवी रखकर निकाला कर्ज
पुलिस सूत्रों के मुताबिक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की राजापेठ शाखा में कुल 59 लॉकर्स में से 5,400 ग्राम नकली सोना बरामद हुआ है. जिसमें से 37 लॉकर्स ऐसे है जिनमें 37 ग्राहकों द्वारा गोल्ड लोन प्राप्त करने हेतु गिरवी रखे गये 2,700 ग्राम असली सोने के गहने रखे हुए थे और कर्ज की अदायगी के बाद इन गहनोें को वापिस लौटाना है. लेकिन अब इन 37 लॉकर्स में से नकली सोने के आभूषण बरामद हुए है. ऐसे में गोल्ड लोन कर्जधारकों में हडकंप व्याप्त है. वहीं शेष 22 लॉकर्स में से भी 2,700 ग्राम नकली सोना बरामद हुआ है. सर्वाधिक हैरत की बात यह है कि, यह सोना जिन कर्जधारकों की ओर से गिरवी दर्शाया गया है, उन खाताधारकों ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से अपना कोई सोना गिरवी रखते हुए कर्ज ही नहीं लिया और उन्हें यह पता ही नहीं है कि, उनके नाम पर कोई कर्ज भी आवंटित है. जिसका ब्याज उनके सिर पर चढ रहा है. यानी बैंक से वास्ता रखनेवाले कुछ अधिकारियोें व कर्मचारियों ने जहां एक ओर बैंक के 37 कर्जधारक ग्राहकों का असली सोना हडप करते हुए उनके साथ जालसाजी की. वहीं दूसरी ओर 22 ग्राहकों के नाम फर्जी तरीके से लोन केस बनाकर बैंक के लॉकर में नकली सोना रखते हुए कर्ज की राशि हासिल कर उसे आपस में बांट लिया और इस जरिये अपनी ही बैंक को चुना लगाया.

* शेखर वर्मा का हैं शहर में भव्य शोरूम
बता दें कि, यूनियन बैेंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों के साथ मिलकर असली सोने की बजाय लॉकर मेें रखने हेतु नकली सोने के आभूषण बनाकर देने के मामले में धरे गये शेखर वर्मा नामक सराफा व्यवसायी का स्थानीय रायली प्लॉट में छोटेलाल बजरंगलाल वर्मा नामक भव्य शोरूम है. साथ ही इस फर्म को शहर के सराफा व्यवसाय में काफी भरोसेमंद पेढी माना जाता है. वहीं ओमप्रकाश सोनी का भी शहर के सराफा व्यवसाय में अच्छा-खासा नाम और काम है. ऐसे में दो नामांकित सराफा व्यवसायियों को यूनियन बैैंक गोल्ड लोन घोटाला मामले में पुलिस द्वारा गिरफ्तार किये जाने के चलते शहर सहित जिले के सराफा व्यवसायियों में अच्छा-खासा हडकंप व्याप्त है.

Related Articles

Back to top button