भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने लगाया आरोप
प्रतिनिधि/दि.२२
अमरावती – बहुजन कल्याण विभाग के जरिये संचालित भटक्या व विमुक्त जाति की आश्रमशालाओं की जांच के काम में बडे पैमाने पर आर्थिक गडबडियां हो रही है तथा प्रत्येक आश्रमशाला की जांच हेतु २ लाख रूपये का ‘रेट‘ तय किया गया है और अमरावती संभाग के १६३ आश्रमशालाओं का मूल्यांकन दो-दो लाख रूपये लेकर ही किया गया है. इस आशय का आरोप भाजपा की जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने लगाया है.
अपने द्वारा लगाये गये आरोप में भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी ने कहा कि, बहुजन कल्याणमंत्री विजय वडेट्टीवार ने विमुक्त जाति व भटक्या जमाति की आश्रमशालाए सही ढंग से चल रहीं है अथवा नहीं, इसका क्रॉस मूल्यांकन अन्य जिलोें के अधिकारियों के मार्फत करने के निर्देश दिये. जिसके तहत जांच अधिकारियों द्वारा वस्तुस्थिति पर आधारित मूल्यांकन करना अपेक्षित था, लेकिन जांच के काम को संबंधित अधिकारियों ने अपने लिये एक अवसर के तौर पर लिया. जिसके तहत औरंगाबाद के प्रादेशिक समाज कल्याण आयुक्त शेख व निरीक्षक अंधारे ने इस जांच के बाद कई ‘ढ‘ आश्रमशालाओं को दो लाख रूपये लेकर ‘अ‘ का दर्जा दिया. वहीं कई बेहतरीन आश्रमशालाओें से मूल्यांकन हेतु रूपये नहीं मिलने के चलते जानबूझकर उनकी रिपोर्ट को प्रलंबित रखा गया है. साथ ही संबंधित संस्थाचालकों को बहुजन कल्याण विभाग की ओर से संदेश दिये जा रहे है कि, वे दो लाख रूपये लेकर आये और ‘अ‘ दर्जा मूल्यांकन लेकर जाये.
भाजपा जिलाध्यक्ष निवेदिता चौधरी इसे बेहद गंभीर मामला बताते हुए इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाये जाने की मांग राज्य के नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस को सौंपे पत्र में की है. जिसमें कहा गया है कि, जिन संस्थाचालकों ने अपने क्षेत्र के विधायक, सांसद व मंत्रियों से इस मामले की शिकायत की है, उनकी आश्रमशालाओं का मूल्यांकन जानबूझकर खराब किया जाता है. बहुजन कल्याण राज्यमंत्री बच्चु कडू के गृह जिले में ही ऐसा बडे पैमाने पर हो रहा है. ऐसे में इस पुरे मामले की सघनतापूर्वक जांच की जानी चाहिये.