नंबर प्लेट बदलकर दो लक्झरी बसे चल रही थी सडक पर
आरटीओ ने उजागर की जालसाजी, लाखों रुपयों का कर बचाने भिडाई थी जुगत
अमरावती /दि.19– प्रादेशिक परिवहन कार्यालय का बकाया रहने वाला कर अदा करने से बचने हेतु दो लक्झरी बसों को नंबर प्लेट बदलकर चलाया जा रहा था. इन दोनों लक्झरी बसों को आरटीओ ने जब्त करते हुए कार्रवाई की. इन दोनों बसों को करीब 18 लाख रुपयों का कर बकाया रहने की जानकारी सामने आयी है. जिससे बचने हेतु इन दोनों वाहनों की नंबर प्लेट बदलकर उन्हें दूसरे राज्य में चलाने हेतु भेज दिया गया था.
जानकारी के मुताबिक प्रादेशिक परिवहन कार्यालय अंतर्गत वझ्झर चेक प्वॉईंट पर दो 45 सीटर ट्रैवल्स बसे पकडी गई. इन दोनों ट्रैवल्स बसों पर असली नंबर प्लेट की बजाय फर्जी नंबर प्लेट लगाई गई थी. जिसकी जानकारी सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सिद्धार्थ ठोके को प्राप्त हुई थी. जिसके बाद उन्होंने जब एक बस के चेसिस का निरीक्षण किया, तो पता चला कि, उसका असली वाहन क्रमांक एमएच-40/एटी-5400 है. लेकिन उस पर एमपी-13/पी-3177 यह नंबर प्लेट लगी हुई थी. यह वाहन नागपुर में रहने वाली प्रियंका बागडी नामक महिला के नाम पर है. वहीं दूसरे वाहन पर युपी-95/टी-4962 की नंबर प्लेट लगी हुई थी. परंतु उसी चेसीस नंबर की पृष्टी नहीं हो पायी. जिससे उक्त वाहन का असली क्रमांक क्या है और वह किसके नाम पर पंजीकृत है, इसकी खोजबीन की जा रही है.
* दोनों वाहनों के दस्तावेज पाये गये फर्जी
नागपुर से इंदौर की ओर जाने वाली निजी ट्रैवल्स की लक्झरी बसों को जब आरटीओ के वझ्झर स्थित चेक प्वॉईंट पर रुकवाकर दस्तावेजों की जांच पडताल की गई, तो दोनों वाहनों के दस्तावेज भी फर्जी पाये गये. साथ ही मोटर वाहन निरीक्षक दीपक मेहरकर द्वारा दोनों बस चालकों से जब पूछताछ की गई, तो उन्होंने कोई समाधानकारक जवाब भी नहीं दिया. जिसके चलते उडनदस्ते के मोटर वाहन निरीक्षक वैभव गुल्हाने, राजन सरदेसाई, गणेश वरुटे व सागर ठोसरे ने दोनों बसों को परतवाडा से अपने कब्जे में लिया. आरटीओ राजाभाउ गीते व उपप्रादेशिक परिवहन अधिकारी राज बागडी के मार्गदर्शन में सहायक प्रादेशिक परिवहन अधिकारी सिद्धार्थ ठोके व वाहन निरीक्षक दीपक मेहरकर द्वारा इस मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है.