ओमिक्रॉन के दो नये सब वेरियंट
जिनोम सिक्वेंसिंग के तहत 18 में से दो सैम्पलों में पाया गया जनुकिय बदल
अमरावती/दि.24 – देश में डेल्टा प्लस वेरियंट की पहली जानकारी अमरावती में ही दर्ज हुई थी. वहीं अब ओमिक्रॉन के सब वेरियंट रहनेवाले बीए-1 व बीए-2 नामक दो वायरस की जानकारी भी अमरावती जिले से सामने आयी है. पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला से 18 सैम्पलों के संदर्भ में प्राप्त जिनोम सिक्वेेंसिंग टेस्ट रिपोर्ट में पता चला है कि, दो सैम्पलों में ओमिक्रॉन वेरियंट तथा 11 सैम्पलों में बीए-1 व 5 सैम्पलों में बी-2 से वेरियंट पाया गया है.
बता दें कि, कोविड वायरस की जणुकिय रचना लगातार बदलती रहती है. जिसकी वजह से ही इससे पहले कोविड संक्रमण की दो लहरें आ चुकी है. वहीं अब कोविड वायरस की जणुकिय रचना में बदलाव होने के चलते ओमिक्रॉन नामक वेरियंट तैयार हुआ है. जिसकी वजह से तीसरी लहर का खतरा सामने है और इस समय अमरावती जिले में कोविड संक्रमण की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है. जिसके मद्देनजर विदेश से आये नागरिकों और उनके संपर्क में आये लोगों के थ्रोट स्वैब सैम्पलोें को व्होल जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट के लिए पुणे व दिल्ली की प्रयोगशालाओं में भिजवाया जा रहा है. जिसके चलते अब तक 21 सैम्पलों में ओमिक्रॉन वेरियंट का संक्रमण पाया जा चुका है. इसके अलावा बुधवार को प्राप्त रिपोर्ट में कुछ सैम्पलों में ओमिक्रॉन का सब वेरियंट पाये जाने की जानकारी भी सामने आयी है.
इस संदर्भ में जानकारी देते हुए संगाबा अमरावती विद्यापीठ की कोविड टेस्ट लैब के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत ठाकरे ने बताया कि, इस समय भारत सहित दुनिया के डेनमार्क, स्वीडन व सिंगापुर जैसे देशों में ओमिक्रॉन के सब वेरियंट से संक्रमित मरीज पाये गये है और दुनिया के करीब 40 देशों में नये वेरियंट का संक्रमण फैलने की संभावना जताई गई है. इस वेरियंट के संक्रमण की रफ्तार भी ओमिक्रॉन के संक्रमण की तरह है. लेकिन इसे लेकर बहुत अधिक चिंता करने या घबराने की जरूरत नहीं है.
‘स्टेल्थ मायक्रॉन’ के रूप में सब वेरियंट की पहचान
ओमिक्रॉन संदेहित सैम्पलों को खोजने हेतु एक किट दी गई है. जिसमें ‘एस जीन ड्रॉप’ रहने पर संबंधित सैम्पल को ओमिक्रॉन संदेहित दर्शाया जाता है. किंतु अब सामने आये दोनों तरह के नये सब वेरियंट से संक्रमित मरीजों के सैम्पलों में एस जीन दिखाई देता है. जिससे लैब के तकनीकी विशेषज्ञों में संभ्रम की स्थिति पैदा होती है. इस तरह के सैम्पलों को ‘स्टेल्थ मायक्रॉन’ कहा जाता है.
– डॉ. नीरज धनवटे
तकनीकी अधिकारी, संगाबा अमरावती विवि कोविड टेस्ट लैब
और भी 45 नये सैम्पल जांच हेतु भेजने है
पुणे स्थित एनआयवी की प्रयोगशाला में जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट के लिए भेजे गये 18 सैम्पलों में से 16 सैम्पलों में ओमिक्रॉन वेरियंट के दो नये सब वेरियंट पाये गये है. इससे पहले भी कोविड वायरस द्वारा खुद में किये गये जणुकिय बदलाव की वजह से उत्पन्न हुआ डेल्टा वेरियंट अमरावती जिले में ही पाया गया था. वहीं अब जिले में पहली बार ओमिक्रॉन वेरियंट के दो नये सब वेरियंट पाये गये है. हालांकि इसमें चिंता करने जैसी कोई बात नहीं. क्योंकि हर वायरस खुद की संरचना में बदलाव करता ही है.
– डॉ. प्रशांत ठाकरे
नोडल अधिकारी, संगाबा अमरावती विवि कोविड टेस्ट लैब
वायरस की जणुकिय रचना में बदलाव
अन्य सभी वायरसों की तरह कोविड वायरस की जणुकिय रचना में भी बदलाव होता रहता है और अब तक इसके कई वेरियंट सामने आये है. इसी के तहत अब ओमिक्रॉन वेरियंट के दो नये सब वेरियंट सामने आये है. जिनकी सिटी वैल्यू 18 से 24 के दरम्यान रहने की जानकारी है. जिसके चलते इन नये सब वेरियंट की संक्रमण दर ओमिक्रॉन वेरियंट के बराबर अथवा इससे कुछ अधिक ही हो सकती है.
डेल्टा का भी संक्रमण कायम
जिले में पहली व दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार रहनेवाला डेल्टा वायरस अब भी कई सैम्पलों में पाया जा रहा है. इसके साथ ही कुछ सैम्पलों में डेल्टा प्लस वेरियंट का संक्रमण भी देखा गया है. किंतु अब टीकाकरण का प्रतिशत बढ जाने की वजह से मरीजों में बीमारी के लक्षण काफी सौम्य है.
अब तक 35 में से 24 पॉजीटीव
जानकारी के मुताबिक स्थानीय कोविड टेस्ट लैब के जरिये प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के दोनोें टीके लगाने के बाद भी पॉजीटीव पाये गये लोगों में से 25 सैम्पल तथा बूस्टर डोज लगवाने के बाद पॉजीटीव आये कुछ लोगों सहित टीकाकरण नहीं करवानेवाले व संक्रमण की वजह से मृत होनेवाले मरीजों के 15 सैम्पल जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट हेतु पुणे स्थित एनआयवी की प्रयोगशाला में भिजवाये जायेंगे. वहीं इससे पहले अब तक 35 सैम्पल जांच हेतु भेजे गये थे. जिसमें से 24 मरीजोें की रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है.