निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स के मंजूर नक्शे में दो धार्मिक स्थलों का समावेश नहीं !
नवाथे मल्टीप्लेक्स को लेकर तीन मामले न्यायप्रविष्ट
अमरावती / दि.30- नवाथे चौक स्थित प्लॉट नं-7, शीट नं 64 के सर्वे नं 40 पर स्थित 7442.70 स्क्वेयर मीटर जगर पर मल्टीप्लेक्स बनाने की निविदा जारी की है. उल्लेखनिय है कि, जो निविदा मनपाने जारी की है उसके निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स के मंजूर नक्शे में कहीं पर भी दो धार्मिक स्थलों को समावेश नहीं है. वर्ष 2006 में जब पहली बार मनपा प्रशासन ने नवाथे मल्टीप्लेक्स के निर्माण का ठेका नागपुर के श्रीराम बुलिकॉन को दिया था, उस सम निर्माणाधीन नक्शे में नवाथे रंगोली पर्ल के सामने स्थित हनुमान मंदिर का उल्लेख नहीं किया गया था, लेकिन उसके बाद मल्टीप्लेक्स के निर्माणाधीन स्थल पर नाले से सटकर शीतला माता मंदिर का निर्माण किया गया है. इसलिए नियम के अनुसार नवाथे पर बनने वाले मल्टीप्लेक्स व कमर्शियल मार्केट के मंजूर नक्शे में मनपा ने हनुमान मंदिर और शीतला माता मंदिर का उल्लेख करना जरूरी था, किंतु मंजूर नक्शे में इसका उल्लेख नहीं. मनपा द्वारा जारी की गई निविदा पर संबंधितों को आपत्ति दर्ज करनी है. बतादें कि, नवाथे चौक पर बनने वाले नवाथे मल्टीप्लेक्स व कमर्शियल मार्केट के निर्माण को लेकर मनपा ने चार दिन पहले ही निविदा प्रक्रिया आरंभ की है.
न्यायप्रविष्ट मामलों का ख्ाुलासा जरूरी
नवाथे मल्टीप्लेक्स कॉम्प्लेक्स को लेकर तीन मामले न्यायप्रविष्ट है. मनपा ने नई निविदा प्रक्रिया घोषित करते समय निविदा धारकों की जानकारी के लिए इन न्यायप्रविष्ट मामलों का भी खुलासा करना जरूरी था, जो कि नहीं किया गया. बतादें कि,मल्टीप्लेक्स के निर्माण का विषय वर्ष २००६ से विवादों में घिरता जा रहा है. वर्तमान में नागपुर हाईकोर्ट में दो और सुप्रीम कोर्ट में एक इस तरह इसी कॉम्प्लेक्स को लेकर नीत मामले न्यायप्रविष्ट है. नागपुर हाईकोर्ट में याचिका क्रमांक एए/४/२०१४ और डब्ल्यू पी/४१७८/२०१७ तथा सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी एनओ १०६७४/२०१९ यह मामले न्यायप्रविष्ट है.
अंतिम निर्णय मंजूर करना होगा
नवाथे मल्टीप्लेक्स के मुद्दे पर हाईकोर्ट के नागपुर खंडपीठ में दाखिल की गई याचिका पर अंतिम आदेश देते हुए हाईकोर्ट ने मनपा को नए तरीके से निविदा निकालने की मंजूरी दी है. लेकिन नियमों के अधीन रहकर यह मंजूरी दी गई. जिसमें कहा गया है कि, न्यायालय में दाखिल की गई याचिका पर जो भी अंतिम निर्णय होगा वह निविदा धारक को मंजूर करना होगा.