अमरावती के दो सपूत हाईकोर्ट जस्टिस बनने की राह पर
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने प्रस्तावित किए हैं दोनों के नाम

* मुंबई हाईकोर्ट के लिए कुल 3 नाम हुए है प्रस्तावित
* 3 में से 2 नाम जिले के वरिष्ठ विधिज्ञों के
* न्या. श्याम चांडक व नीरज धोटे के नामों का समावेश
* न्या. चांडक इस समय पुणे के प्रमुख जिला न्यायाधीश
* न्या. धोटे है राज्य विधि विभाग के प्रधान सचिव
अमरावती/दि.12 – गत रोज देश की सर्वोच्च अदालत के कोलेजियम ने महाराष्ट्र राज्य के मुंबई हाईकोर्ट में जस्टिस के तौर पर नियुक्ति हेतु 3 नामों की सिफारिश केंद्र सरकार व राष्ट्रपति के पास भेजी है. इन 3 नामों में न्या. श्याम छगनलाल चांडक, न्या. नीरज प्रदीप धोटे व न्या. अभय जयनारायण मंत्री के नामों का समावेश है. इसमें से न्या. श्याम चांडक व न्या. नीरज धोटे मुलत: अमरावती जिले से वास्ता रखते है और उनकी पैदाइश व प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा सहित पढाई-लिखाई भी अमरावती में ही हुई है. ऐसे में अमरावती शहर व जिले से वास्ता रखने वाले 2 वरिष्ठ विधिज्ञ इस समय हाईकोर्ट जस्टिस बनने की राह पर है. इसे अमरावती शहर व जिले सहित समूचे पश्चिम विदर्भ संभाग के लिए गौरववाली बात माना जा सकता है.
बता दें कि, इन तीनों नामों को सबसे पहले मुंबई हाईकोर्ट के कोलेजियम द्बारा प्रस्तावित करते हुए सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के पास भेजा गया और तीनों नामों को हाईकोर्ट जस्टिस हेतु पूरी तरह से योग्य मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट न्यायमूर्ति के पद पर नियुक्ति दिए जाने की सिफारिश केंद्र सरकार व राष्ट्रपति के पास विगत 10 अक्तूबर को ही भेजी है. इन 3 नामों में न्या. श्याम चांडक, नीरज धोटे व अभय मंत्री का समावेश है. जिसमें से न्या. अभय मंत्री जालना जिले की अंबड तहसील से वास्ता रखते है. वहीं न्या. श्याम चांडक मुलत: अमरावती शहर के निवासी है तथा न्या. नीरज धोटे अमरावती जिले की वरुड तहसील से वास्ता रखते है. साथ ही न्या. श्याम चांडक इस समय पुणे के प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश के तौर पर पदस्थ है तथा इससे पहले कई जिलों में जिला व सत्र न्यायाधीश पद का जिम्मा संभाल चुके न्या. नीरज धोटे इस समय राज्य के विधि विभाग में प्रधान सचिव पद का जिम्मा संभाल रहे है.
* अमरावती कोर्ट से प्रैक्टिस शुरु की थी न्या. श्याम चांडक ने
जानकारी के मुताबिक 10 दिसंबर 1970 को जन्मे न्या. श्याम चांडक के पिता एड. छगनलाल चांडक अपने समय में नामांकित वकील हुआ करते थे तथा उनका जयस्तंभ चौक स्थित मोहता बिल्डिंग में ऑफिस हुआ करता था. मोती नगर परिसर में रहने वाले एड. छगनलाल चांडक को कुल 7 संताने हुई. जिनमें 5 बेटों व 2 बेटियों का समावेश रहा. न्या. श्याम चांडक पांचों भाईयों में सबसे छोटे है. उनसे बडे एड. कमल चांडक, प्रा. सुरेंद्र चांडक, डॉ. ललित चांडक व हेमंत चांडक नामक 4 भाई है. जिसमें से एड. कमल व प्रा. सुरेंद्र चांडक का बीते दिनों देहावसान हो गया. वहीं उन्हें लीला व सोनी चांडक नामक 2 बहने है. स्थानीय मणिबाई गुजराती हाईस्कूल से कक्षा 10 वी तक पढाई करने के बाद न्या. श्याम चांडक ने केशरबाई लाहोटी महाविद्यालय से बी.कॉम की पढाई पूरी की तथा डॉ. पंजाबराव देशमुख विधि महाविद्यालय से एलएलबी की पढाई पूरी करते हुए सन 1994 में वकालत की डिग्री हासिल की. जिसके उपरान्त उन्होंने एड. मिर्जा वसीम अहमद के मार्गदर्शन में सहायक के तौर पर काम करना शुरु किया तथा वकालत के गूर सीखे. जिसके उपरान्त उन्होंने सरकारी अधिवक्ता के तौर पर काम करने हेतु स्पर्धा परीक्षा उत्तीर्ण करते हुए वर्ष 2002 से 2008 तक अंजनगांव सुर्जी के प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में सहायक सरकारी अभियोक्ता के रुप में अपनी सेवाएं प्रदान की और इसी दौरान उन्होंने जज बनने हेतु परीक्षा उत्तीर्ण की. जिसके चलते उन्हें जिला न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति मिली और वे मुंबई शहर दिवानी व सत्र न्यायाधीश के तौर पर पदस्थ हुए. इसके पश्चात उन्होंने नागपुर, माजलगांव (बीड) में जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश तथा धुलिया व कोल्हापुर में प्रथम जिला व सत्र न्यायाधीश के तौर पर अपनी सेवाएं दी. इस दौरान वे 2 बार मुंबई हाईकोर्ट में रजिस्ट्रार के तौर पर भी नियुक्त हुए तथा इस समय वर्ष 2022 से पुणे के प्रथम जिला व सत्र न्यायाधीश के तौर पर कार्य कर रहे है. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मुंबई हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति के पद हेतु पूरी तरह से योग्य पाते हुए उनके नाम की सिफारिश केंद्र सरकार से की.
मुलत: अमरावती से वास्ता रखने वाले न्या. श्याम चांडक की ससुराल नागपुर में है और उनकी धर्मपत्नी डॉ. राधा चांडक पेशे से चिकित्सक है. साथ ही उनका बेटा मानस चांडक इस समय एमबीबीएस के प्रथम वर्ष का छात्र है और बेटी तनीषा चांडक कक्षा 11 वीं की छात्रा है. विशेष उल्लेखनीय है कि, अमरावती जिला बार एसो. के पूर्व अध्यक्ष एड. नंदकिशोर कलंत्री व एड. शोएब खान सहित एड. शब्बीर हुसैन व एड. मधु राठी किसी समय न्या. चांडक के समकालीन रह चुके है और इन सभी लोगों ने हाईकोर्ट जस्टिस के तौर पर नियुक्ति हेतु न्या. चांडक के नाम की सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्बारा सिफारिश किए जाने पर खुशी जताई है. इसके साथ ही न्या. चांडक के चांदूर रेल्वे तहसील अंतर्गत स्थित पैतृक गांव सोनोरा में भी इस खबर के चलते खुशी का माहौल है.
* टेंभूरखेडा गांव से निकलकर न्या. धोटे ने साबित की अपनी योग्यता
सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम द्बारा मुंबई हाईकोर्ट में जस्टिस पद पर नियुक्ति हेतु प्रस्तावित किए गए नामों में न्या. नीरज प्रदीप धोटे के नाम का भी समावेश है. जो इस समय महाराष्ट्र सरकार में प्रधान विधि सचिव के तौर पर पदस्थ है. अमरावती जिले की वरुड तहसील अंतर्गत टेंभूरखेडा नामक छोटे से गांव से वास्ता रखने वाले न्या. नीरज धोटे ने अपनी योग्यता के दम पर विधि क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई और वे कई जिलों में जिला व सत्र न्यायाधीश के महत्वपूर्ण पद पर सेवा देने के उपरान्त इस समय राज्य के विधि विभाग में प्रधान सचिव के तौर पर कार्यरत है. न्या. नीरज धोटे के पिता प्रदीप उर्फ बाबासाहब धोटे की पहचान वरुड क्षेत्र में राजनीतिज्ञ एवं समाजसेवी के तौर पर रही और वे वरुड पंचायत समिति के सभापति भी रहे. 28 जुलाई 1970 को जन्मे न्या. नीरज धोटे की प्राथमिक शिक्षा-दीक्षा उनके गांव में ही हुई. पश्चात उन्होंने स्थानीय मणिबाई गुजराती हाईस्कूल से कक्षा 10 वीं व 12 वीं की बोर्ड परीक्षा उत्तीर्ण की. जिसके उपरान्त उन्होंने नागपुर से वाणिज्य स्नातक की पदवी प्राप्त करते हुए नागपुर से ही विधि स्नातक की पदवी प्राप्त की और नागपुर हाईकोर्ट में वकील के तौर पर काम करना शुरु किया. पश्चात कुछ समय बाद उन्होंने सरकारी विधि सेवा में आने हेतु परीक्षा देते हुए सरकारी अभियोक्ता व जिला न्यायाधीश के तौर पर भी काम किया और वे जालना व पुणे जिले में प्रथम जिला व सत्र न्यायाधीश के पद पर भी पदस्थ रहे. जिसके उपरान्त विधि संबंधी ज्ञान पर उनकी मजबूत पकड एवं उनकी योग्यता को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें राज्य के विधि विभाग में प्रधान सचिव के तौर पर नियुक्ति दी. जहां पर वे इस समय भी पदस्थ है. वहीं उनकी योग्यता को देखते हुए मुंबई उच्च न्यायालय के कोलेजियम ने उनका नाम न्यायमूर्ति पद हेतु सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के पास प्रस्तावित किया है और सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने उनके नाम को योग्य पाते हुए उनकी अनुशंसा केंद्र सरकार के समक्ष की है. जिसके चलते वरुड तहसील सहित अमरावती व नागपुर के विधि क्षेत्र में हर्ष का माहौल देखा जा रहा है.