अमरावती दि. 6 – आकाश गंगा अपने आप में रहस्यमयी है. अब तक मनुष्य इसकी तह तक नहीं पहुंच पाया. जो कुछ मनुष्य के हाथ लगा है वह किसी चमत्कार से कम नहीं है. इसी तरह से खगोलीय घटना इस वर्ष आसमान में देखने को मिलेगी. इस बार दो दफा सूर्यग्रहण लगेंगे वे खग्रास रहेंगे और एक बार भारत से भी देखा जा सकता है. इसके अलावा दो बार पूर्ण चंद्रग्रहण देखने को मिलेगा.
पहला सूर्यग्रहण 30 अप्रैल को दिखाई देगा. चंद्र की गहरी परछाई दक्षिणगृह से पृथ्वी पर पडेगी. दक्षिण पैैसिफिक महासागर व दक्षिण अमेरिका के लोगों को उसके दर्शन होंगे. मध्य ऐशियाई देश व भारतीय को 25 अक्तूबर की राह देखना होगा. इस दिन दूसरा सूर्यग्रहण होगा जिसे भारत में देखा जा सकता है. चंद्रमा की परछाई पृथ्वी के उत्तरगृह पर पडेगी. पहला चंद्रग्रहण 15-16 मई को रहेगा. अमेरिका के अधिकांश क्षेत्र में दिखाई देगा. 8 मई को दूसरा चंद्रग्रहण होगा जिसका उत्तर अमेरिका समेत पूर्व एशियाई देश को भी अनुभव प्राप्त होगा.
5 ग्रहों के एक कतार में दर्शन
जून के अंतिम दो सप्ताह में 5 ग्रह देखने का अवसर आकाश प्रेमियों को मिलेगा. सूर्य की कतार में आनेवाले बुध,शुक्र, मंगल, गुरू व शनि एक सीधी रेखा में दिखाई देंगे. इसमें चंद्र भी होगा. पूर्व व दक्षिण पूर्व आकाश में तडके खुली आंखों से देखा जा सकता है. 18 जून को शनि के दर्शन होंगे. इसके बाद 21 जून को गुरू, 22 जून को मंगल, 26 जून को शुक्र और 27 जून को बुध ग्रह के स्पष्ट दर्शन होंगे. अच्छे टेलीस्कोप से वे कतार में देखे जा सकते है. 5 अप्रैल को गॉड ऑफ वॉर यानी मंगल व लॉर्ड ऑफ रिंग याने शनि ये दो ग्रह की युति दिखाई देगी.
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आकाश गंगा में और बहुत कुछ
– 13 फरवरी से 20 मार्च के बीच दक्षिणपूर्व आकाश में चमकनेवाले शुक्र के दर्शन होंगे. छोटे टेलीस्कोप से उसे सीधे देखा जा सकता है.
– 2 मार्च को बुध-शनि की युति और 12 मार्च को मंगल शुक्र की युति होगी.
– 21 अप्रैल को पश्चिम, उत्तर-पश्चिम आकाश में पैनस्टार धूमकेतू जाता हुआ देखा जाता हुआ दिखाई देगा. अन्य धूमकेतू की दर्शन होने की संभावना कम है.
– 27 से 30 अप्रैल को पूर्व व दक्षिण पूर्व होरीझोन में गुरू,शुक्र व मंगल की युति दिखाई देंगी.
– 30 व 31 मई को धीमी गति से उल्का वर्षाव होते हुए देखा जा सकता है. 12 अगस्त को पसिंड उल्का वर्षाव होगी.
– 13 जुलाई को 3,57, 264 किमी दूरी पर पूर्ण चंद्र (फूलमुन ) के दर्शन होंगे.
– 7 व 8 दिसंबर को मंगल व चंद्र की युति का आकर्षक नजारा देखा जा सकता है.
– 13 व 14 दिसंबर को मिथून उल्का वर्षाव का नजारा देखने लायक रहेगा.