दो हजार करोड का खर्च गया पानी में, सिंचाई व्यवस्था शून्य
अमरावती प्रकल्प निर्माण विभाग की अनदेखी

* 12 हजार हेक्टेअर की सिंचाई का मामला अधर में लटका
अमरावती /दि. 7– निम्न पेढी सिंचाई प्रकल्प के लाभक्षेत्र में रहनेवाले अमरावती व अकोला जिले के हजारों किसानों की खेती के सिंचाई की स्वप्नपूर्ति जलसंपदा विभाग को अमरावती प्रकल्प लोक निर्माण विभाग की लालफिताशाही में अटक गई है. सन 2008 से इस सिंचाई प्रकल्प पर करीब दो हजार करोड रुपए खर्च हुए है. परंतु आगामी बारिश का सीजन शुरु होने में महज कुछ माह का समय बचा रहने के बावजूद इस प्रकल्प की घलभरणी नहीं हुई है. जिसके चलते इस बार भी इस प्रकल्प से सिंचाई व्यवस्था उपलब्ध हो पाएगी अथवा नहीं इसे लेकर हजारों किसानों को संदेह है.
बता दें कि, अमरावती जिले के दर्यापुर व अकोला जिले के मूर्तिजापुर जैसे खाणपाण पट्टेवाले हजारों किसानों के खेतों को पानी मिले, उनके सिंचाई का स्वप्न साकार हो इस हेतु सन 2008 में निम्न पेढी सिंचाई प्रकल्प की शुरुआत हुई थी. विगत 16-17 वर्षों में 161 करोड रुपए की मूल लागत रहनेवाला यह प्रकल्प दो हजार करोड रुपए की लागत पर जा पहुंचा. प्रकल्प बाधित गांवों के 2 हजार से अधिक परिवार प्रकल्प प्रभावित होने के साथ ही भूमिहीन भी हो गए परंतु कार्यकारी अभियंता की अनदेखी के चलते प्रभावितों का स्थलांतरण रुक गया. ऐसे में 12230 हेक्टेअर कृषि क्षेत्र वाली जमीन पर शाश्वत सिंचाई की व्यवस्था अब तक हकिकत में साकार नहीं हो पाई है. साथ ही हकिकत में नहरों से पानी कब छोडा जाएगा और प्रत्येक सिंचाई व्यवस्था कब शुरु होगी, यह बता पाने में प्रकल्प के अधिकारी भी नाकाम साबित हो रहे है. वहीं पुनर्वसन का प्रश्न हल नहीं हो पाने के चलते सिंचाई को लेकर देखा गया हराभरा स्वप्न अब भी अपनी शैशव अवस्था में ही खत्म हो गया.
* ऐसा है प्रकल्प
मूल प्रशासकीय कीमत – 161 करोड
निर्माण का प्रारंभ – सन 2008
सिंचाई क्षमता – 12230 हेक्टेअर
प्रभावित गांव – भातकुली तहसील के 5 गांव
भूसंपादन – 19 गांवों की 2335 हेक्टेअर जमीन
संशोधित प्रशासकीय मान्यता – 1639 करोड
* ऐसे बढी कीमत
इस प्रकल्प की मूल प्रशासकीय मान्यता वाली कीमत 261 करोड रुपए थी. जो वर्ष 2009 तक संशोधित करते हुए 594 करोड रुपए पर जा पहुंची. इसके बाद यह प्रकल्प 827 करोड रुपए की लागत मूल्य पर पहुंच गया और फिर सन 2016 में यह प्रकल्प 1639 करोड रुपए के लागत मूल्य पर जा पहुंचा. जिसकी अब अनुमानित लागत 2 हजार करोड से अधिक बताई जा रही है. जबकि अब तक इस प्रकल्प का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है और बांध के दरवाजे लगाने का काम तक बाकी है.
* खारपाण पट्टे में पहला सिंचाई प्रकल्प
भातकुली तहसील के निंभा में बनाए जा रहे निम्न पेढी प्रकल्प के जरिए भातकुली तहसील के 39 गांव तथा अकोला जिले की मूर्तिजापुर तहसील के 6 गांव में करीब 12230 हेक्टेअर जमीन पर शाश्वत सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी.
– प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत यह प्रकल्प 90 फीसद पूरा हो चुका है.
– सन 2008 में इस बांध का प्रत्यक्ष निर्माण कार्य शुरु होने के चलते अलणगांव, कुंड खुर्द, कुंड सर्जापुर, हातुर्णा व गोपगव्हाण जैसे गांव प्रभावित हुए है.
* गुणवत्तापूर्ण पुनर्वसन की बीना स्थलांतरण संभव ही नहीं है. जलसंपदा द्वारा दिए गए स्थलांतरित परिवारों के आंकडे और हकिकत में स्थलांतरित परिवारों की संख्या में काफी अधिक फर्क देखा जा सकता है.
– गौतम खंडारे
सरपंच अलणगांव.