अमरावती

तहसीलदार की कॉलर पकडने वाले दो को एक वर्ष सश्रम कारावास

जिला अदालत का फैसला

संजीवनी नगर गुणवंत बाबा मंदिर के पास रेती पकडने गए थे
अमरावती/ दि. 29- फ्रेजरपुरा पुलिस थाना क्षेत्र के संजीवनी नगर गुणवंत बाबा मंदिर के पास अवैध तरीके से रखी रेती पकडने के लिए गए तहसीलदार सुरेश बगले के साथ आरोपी नदीम अशपाक व अब्दुल फिरोज ने हुज्जतबाजी कर तहसीलदार की कॉलर पकडते हुए जान से मारने की धमकी दी. सरकारी कामकाज में बाधा निर्माण की. इस मुकदमे में जिला न्यायालय क्रमांक 3 के न्यायमूर्ति आर. वी. ताम्हानेकर की अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए एक वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई.
नदीम अशपाक (50) व अब्दुल फिरोज अब्दुल रज्जाक (38, दोनों चपरासीपुरा) यह दोनों दफा 353, सहधारा 34 के तहत दोषी करार देते हुए एक वर्ष सश्रम कारावास व 5 हजार रूपए प्रति जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर तीन माह साधा कारावास की सजा पाने वाले आरोपियों के नाम है. अदालत में दायर दोषारोप पत्र के अनुसार 28 अगस्त 2015 के दिन सुरेश रामसिंग बगले (43) यह तहसीलदार के रूप में कार्यरत थे. वे उनके साथी मंडल अधिकारियों के साथ रेती का भंडारण देखने के लिए गुणवंत बाबा मंदिर के पास गए थे. उस समय आरोपियों को रेतीघाट पुलिस थाने में ले जाने का कहा. उन आरोपियों ने हुज्जतबाजी करते हुए तहसीलदार की कॉलर पकडी, जान से मारने की धमकी दी, ट्रक कैसे ले जाते है, देखता हूॅ. ऐसी भी धमकी दी. इस शिकायत पर फ्रेजरपुरा पुलिस ने अपराध दर्ज किया. अदालत उपरोक्त सजा सुनाई. सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील रंजीत भेटालू ने दलीले पेश की. पुलिस उप निरीक्षक बी.के. कोली ने तहकीकात पूरी कर दोषारोपपत्र दायर किया. पैरवी अधिकारी के रूप में हेड कास्टेबल बाबाराव मेश्राम, अरूण हटवार ने कामकाज संभाला.

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