अमरावती/दि.२९ – स्थानीय पंचायत समिती अंतर्गत आनेवाले कठोरा बु. ग्राम पंचायत में १४ वे वित्त आयोग के काम में अफरातफरी करने के मामले को लेकर दो ग्रामसेवकों को निलंबित किया है. निलंबित किये गये ग्रामसेवकों के नाम तुकाराम जाधव व एस. व्ही. बादशे बताये गये है. इन दोनोें ग्रामसेवकों की विभागांतर्गत जांच करने का आदेश भी मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमोल येडगे द्वारा जारी किया गया है.
जानकारी के मुताबिक कठोरा बु. के पूर्व सरपंच बाबाराव दहीकर तथा किरण महल्ले ने इस संदर्भ में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पास शिकायत दर्ज करायी थी. जिसके अनुसार तीन सदस्यीय जांच समिती का मामले की जांच हेतु गठन किया गया था. इस समिती द्वारा की गई जांच में कठोरा ग्राम पंचायत को दोषी पाया गया और यहां पर आर्थिक गडबडियां होने की बात में तथ्य भी पाये गये. जिसके आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी अमोल येडगे ने दो ग्रामसेवकों को निलंबित करने के आदेश २५ सितंबर को जारी किये.
कठोरा बु. ग्राम पंचायत में पहले बतौर ग्रामसेवक एस. व्ही. बादशे कार्यरत थे. उनके कार्यकाल में १४ वे वित्त आयोग के तहत प्राप्त निधी में अफरातफरी होने की शिकायत प्राप्त हुई थी. जिसके बाद बादशे का यहां से तबादला हुआ और उनके स्थान पर तुकाराम जाधव की नियुक्ती हुई. लेकिन जाधव ने सामान्य फंड की रकम एक ही आपूर्तिकर्ता को दो बार अदा की. साथ ही अन्य कुछ आर्थिक गडबडियां की. जिसके संदर्भ में शिकायत मिलने के चलते जाधव को भी निलंबित किया गया. निलंबन कालावधी में ग्रामसेवक बादशे को अचलपुर पंस मुख्यालय व जाधव को दर्यापुर पंस मुख्यालय से अटैच किया गया है
कठोरा ग्रापं में १४ वे वित्त आयोग की निधी व अन्य कामों को लेकर तीन सदस्यीय समिती गठित की गई थी. जिसकी रिपोर्ट में सकृतदर्शनी दोषी पाये जाने के चलते दो ग्रामसेवकों पर विभागीय जांच पूरी होने तक निलंबन की कार्रवाई की गई है. विभागीय जांच पूरी होने के बाद दोनों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
-अमोल येडगे मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिप, अमरावती.