दो वर्ष बाद बाजार में दिखाई दे रही होली के पर्व की रौनक
जगह-जगह सज गई रंगोें और पिचकारियों की दुकाने
* तरह-तरह के मुखौटे, टोपी व भोंगे भी हुए बिक्री के लिए उपलब्ध
अमरावती/दि.12– आगामी सप्ताह में 17 व 18 मार्च को रंग व उमंग का त्यौहार यानी होली व धुलिवंदन का पर्व मनाया जायेगा. विगत दो वर्षों से कोविड संक्रमण के चलते होली का पर्व नहीं मनाया जा सका था. ऐसे में दो वर्षों से होली का त्यौहार पूरी तरह से बेरंग व फिका नजर आ रहा था. किंतु इस बार कोविड संक्रमण की लहर का असर व प्रभाव काफी हद तक कम हो गया है. जिसके चलते इस बार सभी तरह के प्रतिबंध हटा दिये गये है और अब हर कोई पहले की तरह दिल खोलकर होली मना सकता है. इस बात के मद्देनजर इस समय शहर में जगह-जगह पर होली के रंगों और पिंचकारियों की दुकाने सज गई है. जहां पर तरह-तरह के रंगों सहित विभिन्न आकार-प्रकारवाली पिचकारियां बिक्री हेतु उपलब्ध है. इसके साथ ही होली पर हुडदंग मचाने के लिए विभिन्न आकार-प्रकारवाले चश्मे, विग, टोपियां, मुखौटे व भोंगे की दुकाने भी जगह-जगह सज गई है.
उल्लेखनीय है कि, होली के त्यौहार को सभी आयुवर्ग वाले लोगोें द्वारा पूरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाया जाता है. इस दिन सभी लोग अपनी पुरानी राजी-नाराजी को भुलाकर एक-दूसरे के साथ रंग और अबीर-गुलाल की होली खेलते है. साथ ही युवा वर्ग द्वारा अपने यार-दोस्तों की टोली के साथ होली का हुडदंग मचाया जाता है. किंतु विगत दो वर्षों से कोविड संक्रमण एवं लॉकडाउन के चलते होली के त्यौहार पर विविध प्रतिबंधों का साया मंडराता रहा. ऐसे में उमंग और उल्लास का प्रतिक रहनेवाला होलिका पर्व विगत दो वर्षों से पूरी तरह से सुना और फिका-फिका रहा. किंतु अब महामारी का खतरा पूरी तरह से टल गया है तथा प्रतिबंधात्मक नियमों को लगभग पूरी तरह से शिथिल कर दिया गया है. जिसके चलते इस बार हर कोई पहले की तरह दिल खोलकर पूरे उमंग व उल्लास के साथ होलिका पर्व मना सकता है. इस बात के मद्देनजर दो वर्ष बाद होली पर रंगों व पिचकारियों का व्यवसाय करनेवाले व्यापारियों के चेहरे पर रौनक लौटती दिखाई दे रही है और जगह-जगह पर रंगोें व पिचकारियों की दुकाने सज गई है.
हालांकि इस बार पहले की तुलना में होली पर प्रयुक्त होनेवाले रंगोें व पिचकारियों सहित अन्य साहित्य के दामों में थोडा-बहूत इजाफा भी हुआ है. साथ ही अब मेड इन चायना की बजाय मेड इन इंडियावाले उत्पादों की मांग भी काफी अधिक बढ गई है. विगत कुछ वर्षों के दौरान मेड इन चाईना वाले उत्पादों का आम उपभोक्ताओं द्वारा प्रयोग करना टाला जा रहा है.