अमरावती

सरकारी काम में रुकावट डालने वाले आरोपी को दो साल सश्रम कारावास

कोतवाली थाना क्षेत्र की 8 वर्ष पूर्व की घटना

अमरावती/ दि.21 – सरकारी काम में रुकावट डालने वाले आरोपी शेख समीर शेख बब्बू (30) को स्थानीय जिला न्यायाधीश 3 की अदालत ने आज दोषी करार देते हुए दो साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र में वर्ष 2014 में घटित हुई थी.
जानकारी के मुताबिक 19 दिसंबर 2014 को पुलिस जवान मधुकर पांडू गवई गांधी चौक में यातायात नियंत्रण के लिए ड्युटी पर तैनात था. तब शाम 5.25 बजे उसे दुपहिया वाहन पर तीन व्यक्ति बैठकर आते हुए दिखाई दिये. जवान मधुकर ने वाहन रोककर चालक का नाम पूछा तब उसने अपना नाम वलगांव के कसाबपुरा निवासी शेख समीर शेख बब्बू बताया. जब उसके वाहन के कागज पत्र और लाइसेंस मांगा गया तब उसने वाहन से भागने का प्रयास किया. जब उसे पकडा गया तब ट्राफिक जवान मधुकर गवई से धक्कामुक्की कर उसे जान से मारने की धमकी दी. तब नागरिकों ने उसे पकडकर रखा. इस घटना में मधुकर गवई घायल हो गया था. शासकीय काम में रुकावट निर्माण करने और मारपीट करने के मामले में कोतवाली पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 353, 332, 506 (ब) और 128 मोटार वाहन कानून के तहत मामला दर्ज किया. जांच अधिकारी सुनील जामनेकर ने प्रकरण की जांच कर चार्जशीट अदालत में दाखिल की. इस प्रकरण में सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से अतिरिक्त सरकारी वकील एड. पंकज रामेश्वर इंगले ने कुल 6 गवाहों को परखा. दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद जिला व सत्र न्यायाधीश (3) रविंद्र वी. ताम्हाणेकर की अदालत ने आज आरोपी को दोषी करार देते हुए धारा 353 के तहत 2 साल सश्रम कारावास और 2 हजार रुपए जुर्माना, जुर्माना अदा न करने पर 2 माह अतिरिक्त कारावास, धारा 332 के तहत 1 वर्ष सश्रम कारावास, 200 रुपए जुर्माना और जुर्मान अदा न करने पर 2 माह अतिरिक्त कारावास तथा 128 के तहत 500 रुपए जुर्माना अन्यथा 7 दिन अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई. पैरवी अधिकारी के रुप में हेडकाँस्टेबल बाबाराव मेश्राम, एनपीसी अरुण हटवार और विजय आडे ने काम संभाला.

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