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उद्धव ने खुद आकर शिवसेना में कर दिया नई स्फूर्ति का संचार!

विश्लेषण

अमरावती/दि.11- शिवसेना उबाठा में अमरावती के निष्ठावानों का समावेश है. इनकी संख्या शिंदे गुट की तुलना में कही अधिक भी है. गत एक वर्ष से यह निष्ठावान जिस घड़ी का इंतजार कर रहे थे, वह सोमवार सुबह उन्हें प्राप्त हुई, जब अपने प्रमुख उद्धव बालासाहब ठाकरे से वे न केवल संवाद कर सके, अपितु उनके संबोधन से अपने आप में जोश भरा महसूस कर सके. उद्धव ठाकरे कमोबेश चार वर्ष बाद अमरावती आए हैं. उनके आने मात्र से जिले में शिवसेना की स्थापना के वक्त से जुड़े लोगों और कार्यकर्ताओं में अदभूत स्फूर्ति का संचार हो गया. ऐसा सभास्थल संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन एवं विश्रामगृह दोनों जगहों पर दिखाई पड़ा. अब प्रश्न यहीं है कि बदलते राजनीतिक समीकरणों में शिवसैनिक अपना यह जोश कहां तक कायम रख पाते हैं!
* राजनीतिक हालात बदल गए
उद्धव ठाकरे अनेक वर्षों बाद अमरावती पधारे. इससे पहले जब-जब अवसर आया, उद्धव ने आदित्य को अमरावती भेजा था. इसके बाद उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी छोड़नी पड़ी. उनकी पार्टी में विभाजन हो गया. अधिकांश विधायक, सांसद साथ छोड़कर चले गए. जिससे पश्चिम विदर्भ में भी सेना कार्यकर्ताओं का आत्मविश्वास डगमगा गया था. किन्तु उद्धव द्वारा राकांपा में फूट के बाद प्रदेश दौरे का आरंभ अमरावती से करने का निर्णय यहां के वफादार कार्यकर्ताओं को बहुत पसंद आया.
* सर्किट हाऊस पर भारी रश
अमरावती के शासकीय विश्रामगृह पर अरसे बाद इतनी भीड़ देखी गई. उद्धव ठाकरे द्वारा सर्किट हाऊस पर ठहरने और पदाधिकारियों की प्राथमिक चर्चा वहीं करने का निर्णय किया गया था. जिससे वहां अमरावती और अकोला जिले के शिवसैनिकों का उमड़ना स्वाभाविक था. किन्तु स्वयं एक पदाधिकारी ने चर्चा में स्वीकार किया कि इतनी संख्या में शिवसैनिक सर्किट हाऊस पहुंचेंगे, इसका उन्हें अंदाजा नहीं था. निश्चित ही गांव-देहात से हजारों शिवसैनिक न केवल बड़े दिनों बाद अपने प्रिय नेता से मिलने, उन्हें झलकभर देखने आये थे, बल्कि वे यह दर्शाने में भी सफल रहे कि प्रदेश की राजनीतिक उठापटक के बावजूद उन्हें अपने लीडर पर पूरा विश्वास है. निष्ठा है. आस्था है.
* महिलाओं की संख्या उल्लेखनीय
शिवसेना की अनेक ग्रामपंचायत सदस्य, सरपंच और गांव-देहात की नेत्रियां सर्किट हाऊस पर उद्धव ठाकरे को मिलने पहुंची थी. अनेक ने अपने क्षेत्र की समस्या और प्रकल्प विशेष के बारे में निवेदन भी लाये थे. पुलिस के इंतजाम पश्चात भी महिला कार्यकर्ताओं की संख्या इतनी थी कि थोड़ी आपाधापी सर्किट हाऊस के दालन में हो ही गई. इसे भी उद्धव के प्रति आस्था और निष्ठा से जोड़कर देखा जा सकता है. कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल पूर्व मंत्री यशोमति ठाकुर की अगुआई में उद्धव से सर्किट हाऊस के कक्ष में मिला. यशोमति ने उद्धव के मुख्यमंत्रीत्व काल में मंत्री के रुप में कार्य किया है. जिससे दस मिनट की यह बैठक आधा घंटा से अधिक चली. पत्रकार प्रतीक्षा करते रहे.
* सेना में नए जोश का संचार
उद्धव ने सर्किट हाऊस पर अनेक निवेदन-प्रतिवेदन स्वीकार किए. जब उनका काफिला सभास्थल संत ज्ञानेश्वर सांस्कृतिक भवन पहुंचा तो उस समय तक यह भवन खचाखच भर गया था. 1200-1300 की क्षमता वाले भवन में 2000 से अधिक लोग मौजूद थे. यहां भी देखा गया कि बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता न केवल उद्धव को चाव से सुनने पहुंची, बल्कि उद्धव और सावंत तथा दानवे के भाषणों के दौरान जयकारे एवं नारे लगाने में महिला कार्यकर्ता अग्रणी रही.
* अमरावती शिवसेना में नया जोश
साफ है कि उद्धव की एक विजिट से अमरावती में शिवसेना में नया जोश, नया उत्साह आ गया, उसकी बड़ी झलक सोमवार दोपहर सांस्कृतिक भवन में दिखाई पड़ी. यहीं शिवसेना गत कुछ समय से पहले कोरोना और पिछले वर्ष पार्टी में हुए विभाजन से थोड़ी बिखरी-बिखरी और मायूस नजर आ रही थी. अनेक विषयों पर शिवसैनिकों ने गत कुछ माह से प्रदर्शन, आंदोेलन चला रखे हैं. किन्तु अब उद्धव ठाकरे द्वारा भरा गया जोश निश्चित ही जादू सा असर करने का दावा निष्ठावान शिवसैनिक कर रहे हैं. उन्हें कांग्रेस का भी साथ मिल रहा है. कांग्रेस हाल की चुनाव सफलताओं से उत्साह से परिपूर्ण है.

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