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उद्धव ठाकरे, तुम किस खेत की मूली हो?

भरी सभा में सांसद नवनीत राणा की हुंकार

* उद्धव की सभा वाले स्थानों के शुद्धिकरण की भी घोषणा
अमरावती/दि.6 – हनुमान जयंती पर्व के निमित्त स्थानीय बडनेरा मार्ग स्थित वीर हनुमान खंडेलवाल लॉन में आयोजित सामूहिक हनुमान चालीसा पठन कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए जिले की सांसद नवनीत राणा ने एक बार फिर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर जमकर निशाना साधा और कहा कि, उद्धव ठाकरे अपना घर तक नहीं संभाल पाए. जिस विचारधारा पर उनके 40 विधायक चुनकर आए थे, उस विचारधारा और उन 40 विधायकों को भी नहीं संभाल पाए. साथ ही उद्धव ठाकरे ने हनुमान भक्ति का भी विरोध किया. जिससे उनकी राज्य में सत्ता उखड गई. इस प्रतिपादन के साथ ही सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा कि, हनुमान भक्ति का विरोध करने वाले और हनुमान भक्तों को जेल में डालने वाले उद्धव ठाकरे तुम किस खेत की मूली हो,
इस समय सांसद नवनीत राणा ने यह भीक हा कि, जो लोग हनुमान चालीसा और प्रभू श्रीराम को नहीं मानते, ऐसे लोग जहां पर खडे होते है, वह स्थान अपवित्र हो जाता है. ऐसे में महाराष्ट्र में जहां-जहां पर उद्धव ठाकरे द्बारा जनसभा ली जाएगी. उन सभी स्थानों पर हनुमान चालीसा का पठन करते हुए उन स्थानों का शुद्धिकरण किया जाएगा. विगत वर्ष मातोश्री बंगले के समक्ष हनुमान चालीसा का पठन किए जाने की घोषणा पश्चात खुद को जेल में डाले जाने और राष्ट्रद्रोह के तहत अपराध दर्ज किए जाने के प्रसंग को याद करते हुए सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, जेल कैसी होती है, इस बात का उन्होंने सपने में भी विचार नहीं किया था और जेल में डाले जाने के बाद वे 12-12 घंटे तक एक ही स्थान पर खडे रहकर विचार किया करती थी कि, उन्होंने अपने जीवन में ऐसी कौन सी गलती कि है, जिसकी वजह से महाराष्ट्र राज्य को ऐसी अहंकारी सरकार और अत्याचारी मुख्यमंत्री मिले है. उस समय उन्हें 14 दिन तक जेल में रखा गया. साथ ही अगले एक महिने तक जेल में ही रखने की तैयारी भी की गई थी. ऐसे में उनके छोटे-छोटे बच्चे भी उनसे पूछते थे कि, मां तूमने ऐसा क्या किया, जो सरकार ने तूम्हे जेल में डाला है. इस बात का इस उस कोई जवाब नहीं था. यह कहते हुए सांसद नवनीत राणा की भरी सभा में आसूं भी बह निकले, जिसकी वजह से सभी उपस्थितों की भी आंखें नम हो गई.
अपने जेल के अनुभव को बताते हुए सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा कि, रात 12 बजे लॉकअप में डालने के बाद से अगले दिन कोर्ट में ले जाए जाने तक वे एक ही जगह पर खडी थी. क्योंकि लॉकअप में उन्हें बैठने के लिए खुर्सी भी नहीं दी गई थी. ऐसे में उन्हें होने वाली वेदनाओं को देखकर लॉकअप पर तैनात पुलिस कर्मी भी व्यथित हो गए थे. साथ ही उनके खिलाफ देशद्रोह की धाराएं भी लगाई गई. यदि राम के नाम पर 14 दिन की बजाय 14 साल भी मुझे और रवि राणा को जेल में डालते, तो हमे इसका गम नहीं था. लेकिन देशद्रोह के नाम पर जेल में डालने का दुख असहनीय था. लेकिन उस समय अपने विश्वास को मजबूत बनाए रखने के लिए रोजाना 101 बार हनुमान चालीसा पठन करते हुए प्रभू श्रीराम और हनुमानजी का नामस्मरण करने का काम जारी रहा. जिसके चलते 14 दिन बाद हम जेल से बाहर आए और इसके कुछ ही समय बाद हम पर अत्याचार करने वाली महाविकास आघाडी सरकार गिर गई. साथ ही मुख्यमंत्री पद के अहंकार में चूर उद्धव ठाकरे की सत्ता खत्म हो गई. ऐसे में उद्धव ठाकरे ने यह नहीं भूलना चाहिए कि, भक्ति की शक्ति के सामने वे किसी भी खेत की मूली नहीं है.
पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यकाल को जमकर आडे हाथ लेते हुए सांसद नवनीत राणा ने कहा कि, जिस विचारधारा के लिए दिवंगत बालासाहब ठाकरे ने अपना खून-पसीना एक करते हुए पूरा जीवन समर्पित किया. उस विचारधारा को डूबो देने का काम उनके ही बेटे उद्धव ठाकरे द्बारा किया गया. उद्धव ठाकरे ने अपने पिता की विरासत को बर्बाद करने के साथ-साथ अपने खानदान की इज्जत को भी मिट्टी में मिला दिया है. यहीं वजह है कि, बालासाहब की विचारधारा को मानने वाले शिवसेना के 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे का साथ छोड दिया. वहीं ठाकरे परिवार के अधिकांश सदस्य भी इस समय शिंदे गुट यानि बालासाहब के विचारों के साथ खडे है, ऐसे में उद्धव ठाकरे ने अब इस बात पर आत्म परिक्षण करना चाहिए कि, 33 महिने तक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने क्या हासिल किया.

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