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… अंतत: कोविड से मिली मुक्ति, आज कोई संक्रमित नहीं

तीसरी लहर खत्म, संक्रमण का असर व प्रभाव हुए सुस्त

अमरावती/दि.28– आज लंबे समय बाद अमरावती शहर सहित जिले में एक बार फिर कोई भी व्यक्ति कोविड संक्रमित नहीं पाया गया. बीते 24 घंटे के दौरान कुल 218 संदेहितों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की गई. जिसमें से एक की भी रिपोर्ट पॉजीटीव नहीं आयी. ऐसे में कहा जा सकता है कि, अंतत: अब कोविड संक्रमण की तीसरी लहर का असर और प्रभाव खत्म हो गया है. साथ ही अब संभवत: कोविड की महामारी से धीरे-धीरे मुक्ति मिल रही है.
बता दें कि, विगत दिसंबर माह के अंत और जनवरी माह के प्रारंभ से कोविड संक्रमण की तीसरी लहर का असर शुरू हुआ था. जिसमें सर्वाधिक खतरा कोविड वायरस के ओमिक्रॉन वेरियंट को लेकर जताया जा रहा है. जिससे पिछली दो लहरोें के अनुभवों को देखते हुए नागरिकों में काफी हद तक डर और हडकंप व्याप्त था और जनवरी व फरवरी माह के दौरान करीब साढे 11 हजार लोग संक्रमण की चपेट में आये. लेकिन राहतवाली बात यह भी रही कि, इस दौरान संक्रमितों में बीमारी के तीव्र लक्षण नहीं देखे गये और ज्यादातर मरीजों को अस्पताल में भरती भी नहीं करना पडा. वहीं पिछले कुछ दिनों से रोजाना पाये जानेवाले संक्रमितों की संख्या घट रही है और विगत 24 घंटे के दौरान अमरावती जिले में एक भी व्यक्ति कोविड संक्रमित नहीं पाया गया. यह अपने आप में बेहद राहतवाली खबर रही. जिससे यह संदेश मिल रहा है कि, अब संक्रमण की रफ्तार लगभग पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. राहतवाली बात यह भी रही कि, विगत दो लहरों की तुलना में तीसरी लहर के दौरान होनेवाली मौतों की संख्या काफी हद तक कम रही और विगत दो माह में तीसरी लहर के दौरान 30 से भी कम संक्रमितों की इस बीमारी की वजह से मौत हुई है.
उल्लेखनीय है कि, तीसरी लहर के दौरान बडे पैमाने पर ओमिक्रॉन वेरियंट का खतरा बताया जा रहा था. जिसके चलते दिसंबर माह के दौरान से थ्रोट स्वैब सैम्पलों में एसजीन ड्रॉप रहने पर संबंधितों के सैम्पलों को ओमिक्रॉन टेस्टिंग हेतु पुणे व दिल्ली स्थित प्रयोगशालाओं में भिजवाया जा रहा था. जिसमें से अब तक करीब 28 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है. ध्यान देनेवाली बात यह भी है कि, जनवरी माह के तीसरे सप्ताह में ही राज्य सरकारने निर्णय लेते हुए यह तय कर लिया कि, अब कोविड संक्रमित पाये जानेवाले सभी मरीजोें को ओमिक्रॉन संक्रमित ही माना जायेगा और अलग से उनकी टेस्ट नहीं करायी जायेगी. जिसके चलते सैम्पलों को बेहद जरूरी होने पर ही जांच हेतु पुणे की प्रयोगशाला में भिजवाया जाने लगा. यहां से रिपोर्ट मिलने में 10 से 12 दिन का समय लगता है. इस दौरान संबंधित मरीज कोविड अस्पताल से डिस्चार्ज भी हो चुका रहता है. ऐसे में कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि, विगत दो लहरों की तुलना में तीसरी लहर काफी हद तक कम खतरनाक रही.
* इस समय केवल 13 मरीज भरती
बता दें कि, इस समय जिले में एक्टिव पॉजीटीव मरीजों की संख्या 37 है. इन एक्टिव पॉजीटीव मरीजों में मनपा क्षेत्र के 13 तथा ग्रामीण क्षेत्र के 24 मरीजों का समावेश है. इनमें से 13 मरीज कोविड अस्पताल में भरती है. वहीं मनपा क्षेत्र में 17 व ग्रामीण क्षेत्र में 7 मरीजों को होम आयसोलेशन में रखा गया है. वहीं आज 1 मरीज को कोविड मुक्त हो जाने के चलते डिस्चार्ज दिया गया.

* पॉजीटिविटी रेट शून्य व रिकवरी रेट 98.43 फीसद
बीते 24 घंटे के दौरान जिले में 218 संदेहितों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जांच की गई. जिसमें से किसी की भी टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटीव नहीं आयी है. वहीं इस समय कोविड संक्रमित मरीजों के कोविड मुक्त होने का प्रमाण 98.43 फीसद के स्तर पर है.

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