आखिरकार ‘वह’ प्रस्ताव हुआ रद्द
पांढरी खानमपुर की ग्रामसभा में सर्वसम्मति से लिया निर्णय
* आगे चलकर भी गांव में कोई प्रवेशद्वार नहीं बनाने का फैसला
अमरावती/दि.12- विगत कुछ दिनों से लगातार चर्चा में चल रहे पांढरी खानमपुर गांव की ग्रामपंचायत द्वारा आज विशेष ग्रामसभा बुलाते हुए 26 जनवरी 2020 तथा 26 जनवरी 2024 की ग्रामसभाओं में पारित प्रस्ताव क्रमांक क्रमश: 5 व 7 को सर्वसम्मति से खारिज कर दिया गया. साथ ही इस समय ग्रामसभा में उपस्थित गांववासियों के निवेदन एवं भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस फैसला भी लिया गया कि, आगे चलकर गांव की मुख्य सडक पर कभी भी किसी प्रवेशद्वार के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी.
बता दें कि, पांढरी खानमपुर गांव की मुख्य सडक पर प्रवेशद्वार बनाते हुए उसे डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का नाम देने की मांग को लेकर गांव में रहने वाले आंबेडकरी समूदाय के लोगों द्वारा विगत 6 मार्च को गांव से सामूहिक पलायन किया गया था और इसी मांग को लेकर कल सोमवार 11 मार्च को अमरावती स्थित संभागीय आयुक्त कार्यालय पर पांढरी खानमपुर से वास्ता रखने वाले आंबेडकरी समूदाय के लोगों ने जमकर हिंसा व तोडफोड की थी. जिसकी वजह से पांढरी खानमपुर गांव बीती रात से ही समूचे राज्य में चर्चा का विषय बन गया था. ऐसे में पांढरी खानमपुर की ग्रामपंचायत ने विवाद की जड को ही खत्म करने का निर्णय लेने हेतु इस विषय पर चर्चा करने हेतु आज मंगलवार 12 मार्च को सभी गांववासियों की ग्रामसभा बुलाई. जिसमें ग्रामसचिव द्वारा प्रस्ताव पेश किया गया कि, 26 जनवरी 2020 की ग्रामसभा में प्रस्तुत प्रस्ताव क्रमांक 5 तथा 26 जनवरी 2024 की ग्रामसभा में प्रस्तुत प्रस्ताव क्रमांक 7 को रद्द करने हेतु यह ग्रामसभा बुलाई गई है. अत: जो लोग इस प्रस्ताव के पक्ष में है, वे अपने हाथ खडे करें. इस समय ग्रामसभा में मौजूद लगभग सभी लोगों ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया. जिसके उपरान्त प्रस्ताव के विरोध में रहने वाले लोगों से हाथ उठाकर प्रस्ताव के खिलाफ अपना मत प्रदर्शित करने हेतु कहा गया, तो एक भी व्यक्ति ने हाथ उपर नहीं उठाया. जिसके चलते इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित घोषित कर दिया गया. साथ ही इस ग्रामसभा में उपस्थित कई नागरिकों ने यह प्रस्ताव भी रखा कि, गांव में होने वाले आपसी विवाद को देखते हुए यह प्रावधान भी किया गया कि, भविष्य में भी गांव की मुख्य सडक पर किसी भी तरह के प्रवेशद्वार का निर्माण नहीं किया जाएगा और गांव की किसी भी सार्वजनिक संपत्ति को किसी भी महापुरुष का नाम देने का काम भी नहीं किया जाएगा. इस प्रस्ताव का भी सभी लेागों ने करतल ध्वनि से समर्थन किया. जिसके बाद सरपंच सुषमा यशवंत पाटिल की अध्यक्षता के तहत गांव के ठाकरे मंगल कार्यालय में आयोजित इस ग्रामसभा का समापन कर दिया गया.
* ग्रामसभा के औचित्य पर उठ रहे सवाल
विशेष उल्लेखनीय है कि, गांव में प्रवेशद्वार बनाने के साथ ही प्रवेशद्वार को डॉ. बाबासाहब आंबेडकर का नाम दिये जाने की मांग को लेकर गांव में रहने वाले आंबेडकरी समाज के लोगों ने विगत 6 मार्च को ही गांव से सामूहिक पलायन कर लिया था, जो विगत गुरुवार को अमरावती पहुंचे थे तथा गत रोज संभागीय राजस्व आयुक्तालय पर आंबेडकरी समूदाय के लोगों द्वारा की गई हिंसा व तोडफोड के बाद सभी लोग फिलहाल ‘इधर-उधर’ हो गये है और गांव में इस समय आंबेडकरी समाज का एक भी व्यक्ति नहीं है. जिनकी गैरमौजूदगी के बीच यह आमसभा बुलाई गई और उनके अनुपस्थिति में ही बिना किसी विरोध के पुराने प्रस्तावों को खारिज भी कर दिया गया. ऐसे में आज की ग्रामसभा और इसमें लिये गये फैसले के औचित्य पर सवालिया निशान उठ रहे है, ऐसे में आगे चलकर इस मामले में क्या निर्णय होता है, इस ओर सभी का ध्यान लगा हुआ है.