अमरावती
अंततः आदिवासी विकास निगम ने निकाला मुहूर्त
अन्न आपूर्ति विभाग ने दिए समर्थन मूल्य पर खरीदी के आदेश
-चिखलदरा-धारणी में मका,ज्वार की शासकीय खरीदी
परतवाड़ा/मेलघाट दी १०-आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिए गठित आदिवासी विकास निगम को एक माह देर से अनाज-धान्य खरीदने की सुध आई है.देर आये दुरुस्त आये. आदिवासी विकास निगम के धारणी व्यवस्थापक नरेंद्र रणमले ने बताया है कि अन्न-धान्य खरीदने के संदर्भ में शासन से आदेश प्राप्त हो चुके है.7दिसंबर2021 से 31जनवरी 2022 तक निगम के पोर्टल पर पंजीयन करा चुके सभी आदिवासी भाइयों से अनाज की खरीदी अग्रक्रम देकर की जाएंगी.
राज्य में आदिवासियों के साथ छल-कपट करके उनसे नाममात्र भाव पर अनाज खरीदने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए विकास निगम की स्थापना की गई है.एक माह विलंब से निगम ने मका,ज्वार व अन्य फसल खरीदने का मुहूर्त निकाला है.आदिवासी अंचल से मिली जानकारी के अनुसार इसी बीच चिखलदरा-धारणी तहसील का करीब डेढ़ लाख क्विंटल मका निजी व्यापारियों और अचलपुर कृषि मंडी में कम भाव मे बिक चुका है. कम भाव मे मक्का बिकने के कारण सैकड़ो गरीब आदिवासियों को आर्थिक फटका लगा है.
अब विगत मंगलवार को राज्य के अन्न व नागरी आपूर्ति मंत्रालय ने खरीदी करने के आदेश जारी किए है.बता दे कि राज्य के आदिवासी क्षेत्रों में हर साल 1नवंबर से अनाज की शासकीय खरीदी निगम द्वारा शुरू की जाती है.मेलघाट में करीब दो लाख क्विंटल से बहु ज्यादा मक्का उत्पादित हुआ है.अन्य अनाज व दलहन की पैदावर भी जमकर होने की बात कही जा रही है.किसानों का पंजीयन सात बारह के अनुसार पोर्टल पर किया जाता है.1137 किसानों ने निगम की साइट पर पंजीयन किया.अन्न व नागरी विभाग से आदेश न आने के कारण उक्त खरीदी ही बंद पड़ी थी.मजबूरन किसानों को घर मे पड़ी मक्के की फसल को खुले में बेचना पड़ा.आदिवासी क्षेत्र की खरीदी बाधित होने पर विकास निगम की ओर से शासन को पत्रव्यवहार किया गया.विधायक राजकुमार पत्रल,पूर्व विधायक व संचालक केवलराम काले ने भी तत्काल खरीदी शुरू करने की मांग की थी.तब कही जाकर शासन ने खरीदी करने के आदेश जारी किए है.
-खुले बाजार में बिक गया मक्का-: आदिवासी विकास निगम की खरीदी शुरू होने से पूर्व चिखलदरा और धारणी तहसील का लगभग डेढ़ लाख क्विंटल मक्का खुले बाजार में बिक चुका है.परतवाड़ा की मंडी में 1300 से 1525 रुपये प्रति क्विंटल की दर से व्यापारियों ने माल की खरीदी कर ली.शासन द्वारा जारी मक्के के न्यूनतम समर्थन मूल्य 1870,ज्वार हाइब्रिड 2738,बाजरा के लिए 2250 की दर घोषित की गई है.खुले बाजार में मक्का बेचने पर आदिवासियों को प्रति क्विंटल 300से 500 रुपये का घाटा सहन करना पड़ा है.
-31 जनवरी तक होंगी खरीदी-: समर्थन मूल्य योजना यह केंद्र सरकार द्वारा संचालित की जाती है.योजना के तहत सरकार प्रत्येक फसल के न्यूनतम मूल्य की घोषणा करती है.किसान अपनी इच्छा अनुसार खुले में अथवा सरकार को अपनी उपज बेच सकता है.किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम भाव मे कृषिउपज बेचने की नौबत न आये इसके लिए यह व्यवस्था की गई है.इसके लिए राज्य सरकार की ओर से अधिकृत अभिकर्ता गैर आदिवासी क्षेत्र में महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन मुंबई और आदिवासी अंचल में आदिवासी विकास निगम की नियुक्ति की जाती है.अब 7 दिसंबर से 31 जनवरी 22 तक पंजीकृत हुए आदिवासियों से मक्का,ज्वार और बाजरा की खरीदी की जाएंगी.