अमरावती

ऑनलाईन ठगे जा रहे बेरोजगार

वेबसाईट के जरिये की जा रही जालसाजी

  • साईबर अपराधों में हुई बढोत्तरी

  • साईबर सेल में तीन वर्ष दौरान पांच मामले दर्ज

अमरावती/प्रतिनिधि दि.१५ – इन दिनों बेरोजगार युवाओं को रोजगार का झांसा देते हुए डमी वेबसाईट के जरिये फंसाने और उनके साथ जालसाजी करने के मामले बढ गये है और विगत तीन वर्षों के दौरान पांच लोगों को जालसाजी का शिकार बनाया गया है. जिसके तहत उनसे लाखों रूपयों की धनउगाही भी की गई है. ऐसी जानकारी साईबर सेल पुलिस द्वारा की गई जांच में सामने आयी है.
बता दें कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान मुंबई, पुणे जैसे महानगरों में जाकर काम करनेवाले कई लोगों की नौकरियां चली गई है और वे बेरोजगारी का सामना कर रहे है. ऐसे में सरकार की अधिकृत वेबसाईट की तरह दिखाई देनेवाली डमी वेबसाईट के जरिये बेरोजगारों को नौकरी का झांसा देनेवाले साईबर अपराधियों का गिरोह सक्रिय हो गया है, जो इन वेबसाईट पर अपना आवेदन डालनेवाले लोगों को लाखों रूपयों से चुना लगाता है. ऐसी वेबसाईट के झांसे में आकर लाखों रूपये गवानेवाले कई लोगों द्वारा साईबर पुलिस थाने में पहुंचकर अपनी शिकायतें दर्ज करायी गयी है. जिसके आधार पर साईबर पुलिस द्वारा साईबर अपराधियों के खिलाफ अपराध दर्ज किये गये है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक शाहीन डॉट कॉम एअरपोर्ट एथारिटी इंडिया डॉट कॉम जैसी वेबसाईट के जरिये बडे पैमाने पर नौकरी के अवसर उपलब्ध दिखाये गये और बेरोजगार युवाओं से आवेदन मंगाये गये. जिन पर भरोसा करते हुए कई युवाओं ने नौकरी मिलने की उम्मीद के तहत इन वेबसाईट पर आवेदन किया. साथ ही आवश्यक शुल्क भी जमा कराया. लेकिन इसके बावजूद उन्हें कोई नौकरी अथवा रोजगार प्राप्त नहीं हुए और अपने साथ हुई जालसाजी की बात समझ में आते ही उन्होंने इसकी शिकायत साईबर सेल पुलिस थाने में दी. पश्चात साईबर सेल पुलिस द्वारा ऐसे तमाम मामलों की जांच शुरू की गई.
उल्लेखनीय है कि, लॉकडाउन काल के दौरान लगभग सभी लोगबाग अपने-अपने घरों में थे और अधिकांश कामकाज ऑनलाईन तरीके से चल रहा था. जिसका फायदा उठाते हुए साईबर अपराधियों ने लोगों के साथ ऑनलाईन जालसाजी करना शुरू की. चूंकि ज्यादातर साईबर अपराधी अन्य राज्यों में बैठकर अपने शातीर दिमाग के जरिये इस जालसाजी व धोखाधडी को अंजाम देते है. जिसकी वजह से उन तक पहुंचने में पुलिस को काफी सिरदर्द और माथापच्ची से होकर गुजरना पडता है. जिसके चलते साईबर पुलिस द्वारा बार-बार नागरिकों से ऑनलाईन व्यवहार करते समय सतर्क रहने का आवाहन किया जाता है.

  • ये सावधानियां बरते

– सरकारी नौकरी के संदर्भ में सरकार की ओर से बनायी गई अधिकृत वेबसाईट के डोमेन के आखरी में जीओवी डॉट इन अथवा डॉट एनआयसी लिखा होता है.
– अपेक्षा से अधिक प्रलोभन दिखाये जाने पर तुरंत ही सतर्कता बरती जानी चाहिए. साथ ही जिस बैंक खाते के जरिये ऑनलाईन व्यवहार किया जाता है, उस बैंक खाते में झिरो बैलेन्स रखना चाहिए.
– जिन वेबसाईट द्वारा बेरोजगारों को अपेक्षा से अधिक वेतन दिये जाने की बात कही जाये और जहां पर नौकरी देने की ऐवज में रकम की मांग की जाये, ऐसी वेबसाईट पर किसी भी तरह का व्यवहार करना टाले.
– किसी के साथ भी अपना ओटीपी शेयर ना करे और जालसाजी होने की बात ध्यान में आते ही तुरंत साईबर पुलिस अथवा बैंक से संपर्क करे.

  • ऐसे हो सकती है जालसाजी

– प्रकरण 1 – शाहीन डॉट कॉम के जरिये जालसाजी होने का एक मामला गत वर्ष शहर साईबर सेल के पास दर्ज हुआ था. जिसमें फिर्यादी द्वारा नौकरी के लिए आवेदन किया गया था. पश्चात साईबर अपराधी ने फर्जी साक्षात्कार लेते हुए फिर्यादी के साथ झांसेबाजी की.
– प्रकरण 2 – एअरपोर्ट एथारिटी ऑफ इंडिया की एक डमी वेबसाईट पर एक युवक द्वारा संपर्क साधे जाने के बाद उसे नौकरी की लालच देते हुए फर्जी नियुक्ती पत्र दिया गया और ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन किया गया. जिसके जरिये इस मामले में लाखों रूपयों की जालसाजी की गई.
-प्रकरण 3 – एक युवक को डेटा एंट्री ऑपरेटर के तौर पर नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था. और उसे ऑनलाईन आवेदन करने हेतु कहा गया. पश्चात काम के दौरान डेटा एंट्री करते समय हुई गलती के चलते सिस्टीम खराब हो जाने की बात कहते हुए धमकाया गया कि, अगर कार्रवाई से बचना चाहते हो, तो अमूक रकम तुरंत खाते में जमा करो. इस मामले की शिकायत भी साईबर सेल पुलिस में दर्ज करायी गई.

  • वेबसाईट के बारे में अधिक से अधिक जानकारी हासिल करे

– अपरिचित लिंक व वेबसाईट पर जाना टाले.
– फर्जी एवं घातक वेबसाईट को एंटी वायरस के जरिये ब्लॉक करे.

नौकरी के संदर्भ में सरकार की अधिकृत वेबसाईटपर जाकर ही पंजीयन कराये. इसके बारे में भी आवश्यक जांच-पडताल कर ले. साथ ही जालसाजी होने पर तुरंत ही पुलिस से संपर्क करे. किसी भी वेबसाईट पर व्यवहार करते समय सावधान रहे और अपना ओटीपी किसी के साथ भी शेयर न करे.
– सीमा दातालकर
पुलिस निरीक्षक, साईबर सेल

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