यूनियन बैंक का नया कारनामा आया सामने
ग्राहक ने तीन लाख भरे, बैंक ने एंट्री ही नहीं की
* कर्ज की रकम बाकी रहने की बात कहकर गिरवी सोना वापिस देने से किया था इन्कार
अमरावती/दि.19- ग्राहकों द्वारा लॉकर में रखे गये सोने के असली आभूषणों को बदलकर नकली सोने के आभूषण लॉकर में रखते हुए करीब 3 करोड रूपये मूल्य के 5 किलो 800 ग्राम सोने की हेराफेरी करने के मामले को लेकर चर्चा में चल रही यूनियन बैंक ऑॅफ इंडिया की राजापेठ शाखा के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधडी व जालसाजी का मामला दायर हो चुका है. वही अब एक नई जानकारी सामने आयी है, जिसके मुताबिक इसी बैंक में करीब एक माह पूर्व े3 लाख रूपयों के अपहार का मामला सामने आया था. जिसे बैंक द्वारा दबा दिया गया. साथ ही राजापेठ पुलिस ने भी उस समय कोई कडे कदम नहीं उठाये थे. जिसके चलते अपने गोल्ड लोन के खाते में 3 लाख रूपये की आखरी किश्त जमा करने के बावजूद संबंधित ग्राहक को अपने द्वारा गिरवी रखा गया सोना वापिस पाने हेतु अब तक बैंक और पुलिस थाने के चक्कर काटने पड रहे है.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक बुधवारा परिसर निवासी कपिल इंगोले ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की राजापेठ शाखा में अपना सोना गिरवी रखकर कर्ज लिया था और विगत 5 अगस्त को इस गोल्ड लोन की आखरी किश्त के तौर पर 3 लाख 7 हजार 890 रूपये भरे थे. कैश काउंटर पर रहनेवाले लिपीक ने रकम बैंक में जमा हो जाने की स्लीप बैंक के सही-सिक्के सहित इंगोले को दी थी और इंगोले ने उसी समय गिरवी रखा गया अपना सोना वापिस मांगा था. परंतू कंप्यूटर बंद रहने की बात कहते हुए उन्हेें बाद में आने को कहा गया. पश्चात कुछ दिनों बाद कपिल इंगोले अपना सोना वापिस पाने हेतु दुबारा बैंक पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि, आपकी पूरी रकम बैंक में जमा ही नहीं हुई है, तो सोना कैसे वापिस दिया जा सकता है. इस समय जब इंगोले ने अपने पास रहनेवाली रकम भरने की बैंक स्लीप दिखाई, तो बैंक अधिकारियों ने टालमटोल करनी शुरू कर दी. इस समय स्लीप जारी करनेवाले कर्मचारी से बैंक प्रबंधन द्वारा कोई पूछताछ तक नहीं की गई. जिसके बाद करीब 15 दिनों तक बैंक के चक्कर काटने के बाद परेशान हो चुके कपिल इंगोले ने 20 जुलाई को राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई और राजापेठ पुलिस से ‘निमंत्रण मिलने के बावजूद बैंक के शाखा व्यवस्थापक ने अपनी बैंक में सबकुछ ‘ऑलवेल’ रहने की भूमिका कायम रखी. जिसके बाद इस मामले में एक वरिष्ठ राजनीतिक नेता की एंट्री हुई और जिस लिपीक ने इंगोले से बैंक की स्लिप देते हुए 3 लाख 7 हजार 890 रूपये लिये थे, उसी लिपीक ने 23 जुलाई को यह रकम नकद स्वरूप में इंगोले को अपनी शिकायत वापिस लेने की शर्त पर लौटायी. जिसके चलते इस पहले फ्रॉड पर उसी समय लिपापोती करते हुए मिट्टी डाल दी गई.
वही दूसरी ओर विगत 10-11 अगस्त को अकोली रोड परिसर के अंचलविहार कालोनी में रहनेवाले उज्वल मलसने नामक व्यक्ति ने राजापेठ पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई कि, उसने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की राजापेठ शाखा में कर्ज प्राप्त करने हेतु करीब 100 ग्राम सोना गिरवी रखा था और कर्ज की पूरी रकम ब्याज सहित अदा करने के बाद उसे बैंक लॉकर से निकालकर जो सोना वापिस देने हेतु दिखाई गया, वह नकली है, यानी बैंक द्वारा उसके साथ करीब साढे पांच लाख रूपये की जालसाजी करने का प्रयास किया जा रहा है. पहले तो राजापेठ पुलिस ने इसे बैंक का अंदरूनी मामला बताया था, लेकिन बाद में जैसे ही इस मामले को लेेकर मीडिया में खबर फैली तथा कुछ अन्य लोगों की शिकायतें भी सामने आयी, तो राजापेठ पुलिस ने बैंक प्रबंधन के नाम नोटीस जारी करने के साथ 12 अगस्त को बैंक के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधाडी व जालसाजी का मामला दर्ज किया. इस समय तक बैंक प्रबंधन की ओर से अपनी ऑडिट रिपोर्ट राजापेठ पुलिस को सौंपते हुए यह स्वीकार किया गया कि, उसके 59 लॉकरों में रखे गये 5 किलो 800 ग्राम सोने में गडबडी हुई है और इन लॉकरों में असली सोने के आभूषणों को बदलकर वहां नकली सोने के आभूषण रखे गये है. ऐसे में अब बैंक के सभी लॉकर धारकों व गोल्ड लोन धारकों में अच्छा-खासा हडकंप मच गया है. साथ ही साथ बैंक में बचत व करंट खाता रखनेवाले लोगबाग भी अपनी रकम की सुरक्षा को लेकर चिंता में डूब गये है. लोगों को भय है कि, फ्रॉड उजागर होने के बाद दिवालिया हो चुके अन्य कई बैंकों की तरह यूनियन बैंक की स्थिति भी हो सकती है. ऐसे में सैंकडों ग्राहकों ने अब बैंक में रखे अपने फिक्स डिपॉझिट को विड्रॉल करना शुरू कर दिया है. साथ ही कई खाताधारक अपने लॉकर्स में रखे सोने की मांग कर रहे है. जिन्हें यह डर भी सता रहा है कि, कहीं उनके लॉकर्स में भी असली सोने की बजाय नकली सोना तो नहीं रख दिया गया. ऐसे ही डर की वजह से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की राजापेठ शाखा में कल से बैंक के खाताधारकों की अच्छी-खासी भीड उमड रही है और यह सिलसिला आज लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा.
* बैंक अधिकारियों के बयान हुए दर्ज
– तीन दिन में उजागर हुआ पूरा मामला
वही आज आर्थिक अपराध शाखा ने यूनियन बैंक ऑॅफ इंडिया के अधिकारियों को अपने कार्यालय में बुलाकर उनके बयान दर्ज किये. जिसके तहत कई घंटे तक हुई पूछताछ में इस मामले से संबंधित हर तरह की जानकारी हासिल की गई. साथ ही सभी अकाउंटस् व लॉकरों के बारे में भी पूछा गया. जानकारी के मुताबिक इस समय बैंक अधिकारियों ने आर्थिक अपराध शाखा पुलिस को बताया कि, फिलहाल बैंक में सभी खातोें का ऑडिट चल रहा है, जिसे पूरा होने में और दो से तीन दिन का समय लगेगा. जिसके बाद ऑडिट रिपोर्ट को आर्थिक अपराध शाखा के सुपुर्द किया जायेगा. ऐसे में कहा जा सकता है कि, दो-तीन दिन के बाद ही इस मामले से जुडा पूरा सच सबके सामने आ पायेगा.