* करीब 20 लाख की निधि का बंटाधार
* जलजीवन मिशन योजना के तहत किया गया काम
धारणी/ दि. 3- धारणी में जनता के लिए जलजीवन मिशन योजना के तहत पानी की टंकी का निर्माण कार्य और कुएं से टंकी तक पाइप लाइन बिछाने का काम करीब 20 लाख रूपए की लागत से किया गया. परंतु यह टंकी धारणी में एक ‘अजूबे’ से कम नहीं है. ठेकेदार के कर्मचारियों ने नशे में धुत होकर काम किया. यह टंकी एक ओर से पूरी तरह टेढी निर्माण की गई है. इस टंकी के निर्माण पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. जबकि संबंधित अधिकारियों के पूछे जाने पर वे कहते है कि मिस्त्री ने टेढा लोहा बांधकर उसका फार्मा टेढा लगाया था. यह केवल उपरी हिस्से के ढांचे में ऐसा हुआ है. परंतु ठेकेदार को पत्र देकर उसे ठीक कर लिया गया है. जबकि यह पानी की टंकी केवल शब्दों में ही ठीक दिखाई दे रही है. हकीकत में प्रशासन का मुंह चिडाते हुए टंकी को देखा जा सकता है.
बता दे कि धारणी से करीब 12 किलो मीटर दूर गंभेरी गांव में पानी की किल्लत के कारण प्रशासन ने जलजीवन मिशन के तहत एक पानी के टंकी के काम को मंजूरी दी. पानी की टंकी पर करीब 9 लाख 50 हजार की लागत को मंजूरी दी. इसके साथ ही गांव के समीप स्थित कुएं से पानी की टंकी तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाने ऐसे लगभग 20 लाख रूपए की लागत मंजूर की गई. नगर पंचायत के अधिकारी राव और अभियंता दीपेन्द्र कोरडे के नेतृत्व में ठेकेदार को काम सौंपा गया. पंरतु इंजीनियर ने कभी इस ओर ध्यान नहीं दिया. ठेकेदार की उपस्थिति ना के बराबर रही. यहां का काम मजदूर और मिस्त्री ने ही अपने स्तर पर निपटा डाला. प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो इस टंकी का काम करनेवाले मजदूर नशे में धूत होकर काम करते दिखाई देेते थे. वह टंकी का निर्माण कार्य शराब के नशे में किए जाने के कारण टंकी भी मेलघाट क्षेत्र की अजूबा बन गई. नशे में रहनेवाले मजदूरों के कारण उनकी ही तरह टंकी भी एक तरफ से टेढी निर्माण हो गई. इस टंकी को देखकर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है. इस बारे में अधिकारी राव से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि मिस्त्री ने टंकी के उपरी भाग में 20 एमएम की लेअर बनाते समय लोहा टेढा बांध दिया था और उसका फार्मा भी टेढा लगाए जाने के कारण केवल उपरी भाग का ही हिस्सा टेढा निर्माण हुआ है. इस बारे में उन्होंने ठेकेदार को ही पत्र लिखा था. इसके बाद टंकी का वह हिस्सा सीधा कर दिया गया है. अब टंकी उपयोग युक्त बन चुकी है. परंतु हकीकत में देखा जाए तो टंकी उसी तरह टेढी प्रशासन की खिल्ली उडाते हुए दिखाई दे रही है. टंकी को देखकर मजाक उडाया जा रहा है. यह विषय प्रशासन के लिए भी गंभीर बात है. इस ओर ध्यान देते हुए ऐसा काम करनेवालों के खिलाफ कडी कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग गांववासियों द्बारा वरिष्ठ अधिकारियों से की गई है.