‘महासंस्कृति महोत्सव’ में भक्ति और कला का अनोखा संगम
पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल का कथन
* मूकबधिर छात्रों के कला अविष्कार को सराहा
अमरावती /दि. 22– देश स्वाधीनता का अमृत महोत्सव मना रहा है. इस निमित्त देश की सभ्यता, संस्कृति का जतन करने तथा स्थानीय कलाकारों को मंच उपलब्ध करवाने राज्य के 36 जिलों में राज्य सरकार की ओर से ‘महासंस्कृति महोत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है. इस महोत्सव के माध्यम से कला के प्रति कलाकारों की भक्ति का अनोखा संगम प्रस्तुत करने की कोशिश की जा रही है. उन्हें मंच उपलब्ध करवाने का प्रयास किया जा रहा है, इस आशय का कथन पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने किया.
सायन्सकोर मैदान पर पर्यटन व सांस्कृतिक कार्य विभाग व जिलाधीश कार्यालय के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को महासंस्कृति महोत्सव को पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने भेंट दी. इस समय वे बोल रहे थे. इस अवसर पार्श्वगायिका बेला शेंडे, आनंदी जोशी, सांसद डॉ. अनिल बोंडे, नवनीत राणा, विधायक प्रवीण पोटे पाटिल, पूर्व महापौर चेतन गावंडे, तुषार भारतीय, निवेदिता चौधरी, जिलाधीश सौरभ कटियार, जि.प. मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजीता मोहपात्रा, मनपा आयुक्त देवीदास पवार, अपर जिलाधीश सूरज वाघमारे, उपविभागीय अधिकारी अनिल भटकर, पुरुषोत्तम मुंधडा आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि, देश की 141 करोड जनता को दो वक्त की रोटी मिल पाए इसके लिए शासन ने नि:शुल्क अनाज वितरण की व्यवस्था की. लोगों को 100 दिन रोजगार मिलना चाहिए, इसके लिए प्रयास किए. अमृत वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित इस महासंस्कृति महोत्सव के माध्यम से अब मन की भूख दूर करने का प्रयास किया जा रहा है. 100 दिन प्रत्येक को सख्ती का रोजगार मिल रहा है. महासंस्कृति महोत्सव के माध्यम से मन की भूख मिटाने के लिए हम सभी ने प्रयास करने की आवश्यकता है. स्थानीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिल रहा है. तथा उनके लिए अवसरों के नए द्वार खुल रहे है, ऐसा पालकमंत्री ने कहा.
मूकबधिर छात्रों ने महोत्सव का भव्य बनाया
महासंस्कृती महोत्सव के चौथे दिन कलाकारों को शुभकामनाएं देने के लिए पालकमंत्री पाटिल उपस्थित थे. इस अवसर पर श्री बुलीदान राठी मूकबधिर विद्यालय के विद्यार्थियों ने प्रस्तुत किए कला अविष्कार की पालकमंत्री ने सराहना की. पालकमंत्री ने कहा कि, ईश्वर इन्हे यदि एक अवयव कम दिया होगा तो कला अविष्कार प्रस्तुत करते समय इन छात्रों ने अपने भीतर की कला को जीवित रख कर सही मायने में महासंस्कृति महोत्सव को भव्य बनाया है. पालकमंत्री ने प्रत्यक्ष मंच पर जाकर मूकबधिर विद्यार्थियों की सांकेतिक भाषा में प्रशंसा की और अपने हाथ की घडी निकालकर उनके शिक्षक की कलाई पर बांधी और उनका अभिनंदन किया.मूकबधिक विद्यालय को नियोजन समिति से निधि उपलब्ध करवाई जाएगी, तथा जनसहयोग से भी स्वयं पांच लाख रुपए देने का आश्वासन पालकमंत्री पाटिल ने इस समय दिया.
* महासंस्कृति महोत्सव में पार्श्वगायिका बेला शेंडे और आनंदी जोशी ने मराठी गीतों की प्रस्तुति से मंत्रमुग्ध कर दिया. महोत्सव में सिंघम आदिवासी नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा.