अमरावती

युनायटेड फोरम ऑफ महाबैंक युनियन्स आज और कल हडताल पर

95 प्रतिशत अधिकारी व कर्मचारी शामिल हुए

अमरावती/ दि.9 – बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सैकडों अधिकारी-कर्मचारी आज से दो दिन की हडताल पर चले गए हैं. यूनाइटेड फोरम ऑफ महाबैंक ने दावा किया कि 95 प्रतिशत अधिकारी व कर्मचारी इस दो दिवसीय हडताल में सहभागी हैं. जिसके कारण बैंक की अमरावती की दर्जनों शाखा में कामकाज लगभग ठप हो गया है. देशव्यापी संप करते हुए स्थानीय अधिकारी और कर्मचारियों ने रुख्मिणी नगर स्थित बैंक की स्थानीय मुख्य शाखा के सामने एकत्र होकर जमकर नारे भी लगाए.
हडताल पर गए अधिकारियों व कर्मचारियों के अनुसार युनायटेड फोरम ऑफ महाबैंक युनियन्स (जो बैंक में कार्यरत 7 युनियन्स का समुह है) ने 9 व 10 फरवरी 2023 को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में अखिल भारतीय हडताल का अहवान किया है।युनियन्स के अहवान पर 27 जनवरी 2023 की हडताल को अभुतपूर्व सफलता प्राप्त हुई तथा पुरे देश में 93 प्रतिशत से अधिक अधिकारी व कर्मचारी हडताल में शामील हुआ. हमें यह सुचित करते हुआ. अत्यंत दुःख होता है कि, देश भर के कर्मचारियो के गुस्से व चिंताओ की परवाह न करते हुआ बैंक व्यवस्थापन मंडल अपने अडियल रूख व विचारों पर अडीग है तथा किसी भी प्रकार का सकारात्मक कदम उठाने को त्यार नही है.
बैंक में पर्याप्त मात्रा में भर्ती के, युनियन के सभी प्रयास असफल हो गये हैं तथा व्यवस्थापन मंडल दुर:भावना के साथ, बैंक में संविधा के आधार पर नियुक्तीयाँ करने की पॉलिसी के साथ, बैंक के मुख्य कार्य को अस्थाई कर्मचारियो के हाँथ में देने जा रहे है. इससे बैंको की गोपनियता, सुरक्षा व जनता की जमा की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लग गया है. इस, कर्मचारियों की पर्याप्त मात्रा में भर्ती के मुद्दे को लेकर युनियन्स ने 9 व 10 फरवरी 2023 को हडताल का अहवान किया है.
बैंक अधिकारी व कर्मचारियों की मांगों के अनुसार हमारे प्रमुख प्रश्न व माँगे निम्नानुसार है. बैंक में अधिकारी, लिपीकों व अधिनस्थ कर्मचारियों की पर्याप्त मात्रा मे भर्ती, पिछले दशक में बैंक के धंदे में 253 प्रतिशत की वृद्धी हुई है, वही कर्मचारियों की संख्या 9.16 प्रतिशत से कम हो गई है. बैंक में शाखाओं मे बढते काम के कारण कर्मचारियों को नियम, कायदे, कानुन से समझौता करना पडता है. जिसके कारण बैंको में फ्रॉड के केसेस बढ रहे है तथा कर्मचारियो के नौकरी में संकट के बादल छा रहे है. कर्मचारियो को आवश्यक कार्य के लिये भी छुट्टी मंजुर नही की जा रही है. इससे नौकरी व परिवार में संतुलन बनाये रखने में कठिनाईयाँ आ रही है. युनियन्स सें द्विपक्षीय करार व उनकी शर्तों का पालन, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में द्विपक्षीय करारों का लंबा इतिहास रहा है. जिसके अंतर्गत बैंक व्यवस्थापन व युनियन्स के बिच करार हस्ताक्षरित होते थे तथा दोनों पक्ष उन शर्तों का पालन करते थे. किंतु पिछले वर्षो से बैंक व्यवस्थापन, युनियन्स को विश्वास में लिये बिना मनमानें तरिके से कर्मचारियों की सेवा शर्तो में बदलाव कर रहा है. इस प्रकार की कार्यप्रणाली से कर्मचारियों में असंतोष की भावना पनप रही है.
कार्य व परिवार में सामाजस्य शाखाओ में अत्याधिक कार्य, देर रात तक कार्य करने व शनिवार व रविवार को कार्य के लिये बुलाने के कारण कर्मचारियो को कार्य व परिवार में सामंजस्य बैठाना मुशकिल हो रहा है. इसका परिणाम घरेलू वातावरण व स्वास्थ पर पड रहा है. दुर:भावनापूर्ण स्थानांतरण, बैंक व्यवस्थापन अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रताडित करने के लिये दुरः भावनापूर्ण व मनमाने स्थानांतरण का सहारा ले रहा है. अधिकारियों व कर्मचारियो को छोटे-छोटे कारण से विभागीय कार्यवाही की धमकी दी जा रही है. हमें इस बात का अच्छी तरह सज्ञान है कि, हमारे इस हडताल के अहवान से, हमारे सम्मानीय ग्राहकों को तकलीफ व असुविधा हो सकती है. किंतू हम मजबूर है तथा हडताल के कारणों के साथ ग्राहकों से संबंध स्थापित कर रहे हैं. हम ग्राहकों से हमारी वास्तविक माँगो के समर्थन में सहयोग की अपील करते है. आंदोलन में अनिल बोंडे, सुरेश अंबर्ते, क्रांतिल मनवर, सपना नाडगे, गितांजली तारे, संदीप वैद्य, गौरव कांडलकर, श्याम वारे, निलेश चाकर, मन्ना चाकर, गणेश गोहर, राहुल धोटे, किरण गावंडे, अजय देशपांडे, रुपेश राउत, प्रतिक अनासाने, अभिषेक जयस्वाल, प्रल्हाद कछवे, विजय भगत, शशांक शिरालकर, विनोद ठाकरे, संकेत ठाकरे, राजपाल चंदेल, साहिल साहू आदि अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे.

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