अमरावती

विवि की कोविड टेस्ट लैब का होगा अपग्रेडेशन

एनआयवी की सैटेलाईट लैब खुलेगी

  • अमरावती में ही जिनोम सिक्वेंसिंग की सुविधा होगी उपलब्ध

  • विवि प्रशासन द्वारा प्रस्ताव भेजने की तैयारी शुरू

अमरावती/दि.10 – इस समय पूरी दुनिया कोविड नामक एक ऐसे वायरस से जूझ रही है, जो कुछ समय अंतराल पश्चात अपने स्वरूप को बदल लेता है और हर बार नये स्वरूप के जरिये इस वायरस की महामारी का संक्रमण फैलता है. वैज्ञानिक भाषा में इसे वायरस की जिनोम सिक्वेंसिंग कहा जाता है. जिस पर प्रयोगशालाओं के जरिये नजर रखी जा सकती है. यह काम राष्ट्रीय विषाणु प्रयोगशाला में ही होता है. इस तरह की केवल 6 प्रयोगशालाएं पूरे देश में उपलब्ध है. जिसमें से महाराष्ट्र में इस प्रयोगशाला की सुविधा केवल पुणे में उपलब्ध है. ऐसे में अमरावती शहर सहित जिले में कोविड संक्रमित पाये जानेवाले कई मरीजों के सैम्पलों को किसी भी तरह का संदेह होने पर पुणे स्थित एनआयवी प्रयोगशाला में जांच हेतु भेजा जाता है. जहां से रिपोर्ट मिलने में करीब 10 से 12 दिनों का समय लग जाता है. इस बात के मद्देनजर अब अमरावती स्थित कोविड टेस्ट लैब का अपग्रेडेशन करते हुए यहां पर एनआयवी से संलग्न रहनेवाली सैटेलाईट लैब खोलने और इस लैब में जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट की सुविधा उपलब्ध कराने का विचार किया जा रहा है, ताकि किसी भी सैम्पल को लेकर संदेह होने पर उसकी तुरंत ही जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट करते हुए वायरस के नये स्वरूप और उससे फैलनेवाले संक्रमण पर नजर रखी जा सके. इस हेतु विद्यापीठ प्रशासन सहित सरकारी कोविड टेस्ट लैब के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत ठाकरे द्वारा सरकार के पास प्रस्ताव तैयार कर भेजने की तैयारी की जा रही है.
बता दें कि, वर्ष 2019 में कोरोना नामक वायरस सामने आया था. जिसे कोविड-19 का नाम दिया गया था. इसके पश्चात इस वायरस के डेल्टा व डेल्टा प्लस नामक दो नये वेरियंट सामने आये. जिनसे कोविड महामारी की दूसरी लहर पैदा हुई थी और बडे पैमाने पर लोगबाग इस महामारी की चपेट में आये थे. साथ ही बडे पैमाने पर संक्रमितों की मौतें भी हुई थी. दूसरी लहर का खतरा जारी रहने के दौरान ही अमरावती स्थित सरकारी कोविड टेस्ट लैब को वायरस के नये वेरियंट का पता लगाने हेतु कुछ हद तक अपग्रेड कर दिया गया था तथा कोविड टेस्ट लैब के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत ठाकरे ने जिनोम सिक्वेंसिंग पर नजर रखने और वायरस के नये स्वरूप का अध्ययन करने हेतु एक प्रशिक्षण भी पूर्ण किया था. वहीं अब अफिक्री देशों में कोविड वायरस के ओमिक्रॉन नामक नये स्वरूप का पता चला है और महाराष्ट्र में भी इस नये वेरियंट के संक्रमित मरीज पाये जा चुके है. विदेशों से आये नागरिकों की वजह से भारत तक अपनी पहुंच बना चुके इस वायरस का पता लगाने हेतु कोविड संक्रमित मरीजों के थ्रोट स्वैब सैम्पलों की जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट करना बेहद अनिवार्य है. किंतु यह टेस्ट करने की सुविधा फिलहाल केवल देश की 6 एनआयवी प्रयोगशालाओं में ही उपलब्ध है. जिसके चलते अब देश में एनआयवी से संलग्नित रहनेवाली सैटेलाईट प्रयोगशालाओं को बढाने पर विचार किया जा रहा है. जिसके चलते राज्य में सरकार की ओर से चलाई जा रही सभी कोविड टेस्ट लैब को अपग्रेड करते हुए एनआयवी से जोडने का प्रस्ताव विचाराधीन है. ऐसे में अमरावती स्थित कोविड टेस्ट लैब में भी जिनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा उपलब्ध कराने हेतु तमाम आवश्यक प्रयास किये जा रहे है.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, विगत मंगलवार 7 दिसंबर को अमरावती मनपा क्षेत्र में एक ही दिन के दौरान 9 कोविड संक्रमित पाये जाने के चलते जबर्दस्त हडकंप मच गया था और जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर की अगुआई में तुरंत एक समीक्षा बैठक बुलाई गई थी. जिसमें जिला प्रशासन की ओर से अमरावती विद्यापीठ को जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट लैब शुरू करने के संदर्भ में प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया गया था. पश्चात विद्यापीठ प्रशासन द्वारा इसे लेकर आवश्यक तैयारियां शुरू की गई.

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इस संदर्भ में जानकारी देते हुए संगाबा अमरावती विद्यापीठ स्थित सरकारी कोविड टेस्ट लैब के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत ठाकरे ने बताया कि, दुनिया के सभी देशों की तरह भारत में भी संक्रामक महामारी फैलानेवाले विषाणुओं तथा संसर्गजन्य बीमारियों का अध्ययन करने हेतु प्रयोगशालाओं की सेंट्रलाईज व्यवस्था उपलब्ध है. किंतु भारत में इस केंद्रीयकृत व्यवस्था से जुडी प्रयोगशालाओं की संख्या बेहद सीमित है. ऐसे में इन प्रयोगशालाओं पर काम का काफी अधिक बोझ रहता है और अमरावती जैसे छोटे शहरों से भेजी जानेवाले सैम्पलों की रिपोर्ट मिलने में काफी लंबा समय लग जाता है, जो संक्रामक महामारी के संक्रमण काल के लिहाज से काफी खतरनाक साबित होता है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, सभी सरकारी कोविड टेस्ट लैब में जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट की सुविधा भी उपलब्ध हो और सभी टेस्ट लैब सैटेलाईट के जरिये एनआईवी प्रयोगशालाओं से जुडी रहे, ताकि तुरंत ही जानकारियों सहित सूचनाओं का आदान-प्रदान हो सके. डॉ. ठाकरे के मुताबिक अमरावती की कोविड टेस्ट लैब में सिक्वेंसिंग टेस्ट की सुविधा आंशिक रूप से उपलब्ध है तथा खुद उन्होंने विगत दिनों इससे संबंधित प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है. ऐसे में यदि अमरावती में एनआईवी की सैटेलाईट लैब खोलते हुए यहां पर जिनोम सिक्वेंसिंग टेस्ट की सुविधा उपलब्ध करायी जाती है, तो वायरस के नये स्वरूप पर नजर रखना और इससे संबंधित रिपोर्ट तुरंत प्राप्त करना संभव हो पायेगा. जिसके चलते समय रहते तमाम आवश्यक प्रतिबंधात्मक उपाय लागू करने के साथ ही प्रशासन द्वारा जल्द से जल्द जरूरी कदम भी उठाये जा सकेंगे.

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