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एसटी कर्मियों का बेमुदत संप शुरू

सैकडों फेरियां रद्द

* संभाग के ढाई हजार में से 2100 कर्मी धरना में शामिल
* सरकारी कर्मचारी जैसी पगार की मांग
अमरावती/दि.3- महाराष्ट्र एसटी कामगार संयुक्त कृति समिति के आवाहन पर आज से आयोजित बेमियादी धरना आंदोलन अमरावती संभाग में भी शुरू हो गया. जिसके कारण एसटी निगम को सैकडों फेरियां रद्द करनी पडी. फलस्वरूप ऐन गौरी गणपति के त्यौहारों के दिनों में आम यात्रियों को परेशानी झेलने का दृश्य दोपहर तक नजर आया. संप कर्मियों ने जहां हडताल को प्रभावी बताया. वहीं एसटी के विभागीय नियंत्रक नीलेश बेलसरे ने दावा किया कि सुबह 10 बजे तक नियमित फेरियां चली. इसके बाद 61 फेरिंया रद्द करनी पडी हैं. 213 फेरियां अपने समयानुसार गंतव्य के लिए रवाना होने का दावा बेलसरे ने अमरावती मंडल से बातचीत में किया.
क्या है डिमांड, क्यों हुई हडताल
एसटी कामगार कृति समिति के अध्यक्ष असलम खान ने अमरावती मंडल को बताया कि सरकार गत माह से एसटी निगम कर्मियों की डिमांड की ओर अनदेखी कर रही हैं. यह हडताल गत 9 अगस्त से ही होनी थी. सीएम के आश्वासन पर टाला गया. सीएम ने 20 अगस्त तक हमारी मांगो पर समाधान का वादा किया था. आज 3 सितंबर तक समय देने पर भी मांग पूरी नहीं होने से एसटी कर्मी पूरे राज्य में धरना आंदोलन में सहभागी हो गए हैं. यात्रियों को हो रही असुविधा के लिए शासन और प्रशासन जवाबदार रहने का आरोप असलम खान ने किया .
सरकारी कर्मी जितना वेतन
कृति समिति ने कहा कि हमारी केवल इतनी मांग है कि हमें सरकारी कर्मचारी जितना वेतन और समय समय पर उन्हें दिए गए इन्क्रीमेंट हमें भी लागू की जाए. उन्होंने दावा किया कि 2016 से यह डिमांड लगातार की जा रही हैं. पिछली बार भी शासन के आश्वासन पर हडताल स्थगित की गई थी. इस बार ऐसा नहीं होगा. कृति समिति के सचिव एसटी कामगार संगठन के मोहित देशमुख ने हालांकि जानकारी दी कि सीएम शिंदे ने कल 4 सितंबर को शाम 7 बजे बैठक आहूत की हैं. जिसमें क्या निर्णय होता हैं. इस पर सभी कर्मचारियों की निगाहें टिकी हैं.
संभाग में बडी सफलता
मोहित देशमुख ने दावा किया कि अमरावती संभाग के 2500 कर्मचारियों में से लगभग 2100 कर्मचारी बेमुद्दत धरना आंदोलन में शामिल हैं. जिसके कारण 80 प्रतिशत एसटी बस सेवा प्रभावित हो गई हैं. 1700 फेरियां रद्द होने या अधबीच में कैंसल होने का दावा देशमुख ने किया. उन्होंने बताया कि हडताल में ड्राइवर, कंडक्टर, लिपीक, यांत्रिक और स्वच्छता कामगार शामिल हैं.
जिले के 8 डिपो, 2 यूनिट
अमरावती जिले के सभी 8 डिपो में आज सुबह 9 बजे से हडताल शुरू होने का दावा कर एसटी कामगार पदाधिकारियों ने बताया कि पर्यवेक्षक के 400 पदों में से 250 हमारे साथ धरना आंदोलन में शामिल हैं. उन्होंने पुनः आम यात्रियों को हो रही दिक्कत के लिए खेद व्यक्त किया.
अधिकारियों का कहना
डिपो मैनेजर पवन देशमुख ने अमरावती मंडल को बताया कि सुबह 9 बजे तक नियमित फेरियां चली. उसके बाद 13 फेरियां रद्द करनी पडी. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री कल एसटी कर्मियों से बात करेंगे. उसी प्रकार प्रशासन स्तर पर हडताली कर्मचारियों को काम पर लौटने का आवाहन कर बातचीत और चर्चा लगातार शुरू रहने का दावा भी पवन देशमुख ने किया.
यह संगठन हडताल में पुरजोर
एसटी कामगारों के अनेक संगठन आज के राज्यस्तरीय प्रदर्शन आंदोलन में बढचढ कर शामिल हैं. उनमें महाराष्ट्र एसटी कामगार संगठन, महाराष्ट्र एसटी कामगार सेना, कास्ट्राईब राप कर्मचारी संगठन, महाराष्ट्र एसटी कर्मचारी कांग्रेस, महाराष्ट्र मोटर कामगार फेडरेशन, महाराष्ट्र एसटी कामगार कांग्रेस, राज्य परिवहन यांत्रिकी कामगार संगठन, बहुजन संगठन संयुक्त कृति समिति, परिवहन मजदूर युनियन, रिपब्लिकन एसटी कर्मचारी संगठन, राष्ट्रीय एसटी कामगार कांग्रेस का समावेश हैं.
यात्री परेशान, विद्यार्थी भी लटके
एसटी निगम की धरना हडताल के कारण सुबह 10 बजे के बाद अमरावती डिपो से गिनती की बसें चांदूर बाजार, चंद्रपुर के लिए रवाना हुई. जिससे डिपो पर सैकडों यात्री एसटी बसों की राह ताकते बैठे थे. चांदूर बाजार की बस आते ही यात्रियों का बडा जत्था उसमें सवार होने के लिए होड करने लगा. यह दृश्य हमारे संवाददाता ने देखा. यही स्थिती चंद्रपुर बस में भी देखी गई. परतवाडा और आसपास के नगरों की ओर जाने वाले यात्री बसों का इंतजार कर रहे थे.
मंगला गौर, गणपति की धूम
मंगला गौर और दो दिन बाद गणेशोत्सव में एसटी बस की हडताल से आम यात्री परेशान देखे गए. विशेषकर महिलाएं और पास धारक छात्र-छात्राओं की दिक्कत बढ गई थी. एसटी में महिलाओं को आधे टिकट पर सफर की सुविधा हैं. ऐसा ही मामला पास धारक विद्यार्थियोें का हैं.
डबल पैसे, निजी वाहनों की पौ बारह
एसटी बसों की हडताल के कारण पहले ही दिन यात्रियों को निजी वाहनों का आश्रय लेना पडा. जहां उन्हें लगभग डबल किराया देकर सफर करने पर विवश होना पडा. अमरावती मंडल के प्रतिनिधियों ने प्रत्यक्ष देखा कि बसों की राह देखते खडे मुसाफिरों के पास निजी वाहन ट्रैवल के एजंट पूछ परख और लुभाने का प्रयत्न कर रहे थे. कई चारा न देख निरुपाय यात्री निजी वाहनों में सवार हुए.

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