अमरावती

बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि से ठिठूरा जिला

शहर सहित जिले में आम जनजीवन बुरी तरह अस्त-व्यस्त

जगह-जगह जल जमाव व बर्फ की परत, बडे पैमाने पर फसलें बर्बाद
2100 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती किसानी का नुकसान होने की खबर
अमरावती/दि.20- गत रोज दोपहर 4 बजे तक आसमान पूरी तरह से साफ था और मौसम खुला रहने के साथ ही धूप भी खिली हुई थी, लेकिन करीब 4 बजे के आसपास अचानक ही पानी की हल्की फुल्की बौछारें पडनी शुरु हो गई. जिसका देखते ही देखते जोर बढने लगा और कुछ ही मिनट के भीतर मूसलाधार बारिश शुरु होूने के साथ ही ओलावृष्टि भी शुरु हो गई. जिसके तहत बेर के आकार वाले ओले तडातड बरसने शुुरु हो गए. बारिश व ओलावृष्टि का यह सिलसिला करीब 1 घंटे तक चलता रहा और इस 1 घंटे के भीतर ही आम जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया. 1 घंटे तक हुई बारिश व ओलावृष्टि से शहर सहित जिले में जल जमाव वाली स्थिति बन गई. साथ ही कई स्थानों पर जमीन पर बर्फ की सफेद चादर भी बनी दिखाई दी. बेमौसम मूसलाधार बारिश व अतिवृष्टि होने के चलते तापमान में अचानक गिरावट आई और मौसम अचानक ही बेहत सर्द हो गया. इसकी वजह से शहर सहित जिले में ठिठूरन महसूस की गई.
उल्लेखनीय कि जिले में विगत करीब 3-4 दिनों से लगातार बदरीला मौसम बना हुआ है और रुक-रुककर बारिश भी हो रही है. इसके बारे ंमें मौसम विभाग व्दारा पहले ही अंदेशा जताया जा चुका था, जो पूरी तरह से सही साबित हुआ है. वहीं मौसम विभाग व्दारा जताए गए अनुमान के अनुरुप ही कल रविवार 19 मार्च को अमरावती शहर सहित जिले के अधिकांश हिस्सों में दोपहर के बाद अचानक ही झमाझम पानी बरसना शुरु हुआ. साथ ही साथ चने के आकार से लेकर बेर के आकार वाले ओले भी गिरे. इसकी वजह से जहां रिहायशी इलाकों आम जनजीवन बुरी तहर से अस्त-व्यस्त हुआ, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों में खेती किसानी का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. हालांकि इस बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि की वजह से जानोमाल का नुकसान होने की कहीं से कोई खबर नहीं मिली है.
* राजस्व महकमे ने नुकसान को लेकर बनाई नजरअंदाज रिपोर्ट
ज्ञात रहे कि, इस समय पुरानी पेंशन की मांग को लेकर कृषि विभाग के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हडताल पर है, ऐसे में राजस्व महकमे के अधिकारियों व्दारा बारिश व ओलावृष्टि से हुुए नुकसान को लेकर नजरअंदाज सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसके मुताबिक जिले में करीब 2100 हेक्टेयर क्षेत्र में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि की वजह से फसलों का नुकसान होने का अनुमान है. इसमें सर्वाधिक 1498 हेक्टेयर क्षेत्र में खेती किसानी का नुकसान अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्र में होने की जानकारी दर्ज की गई है. वहीं चिखलदरा में 470, चांदूर रेलवे में 62, अचलपुर में 19.5 हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं, चना, प्याज, संतरा व तरबूज की फसल का नुकसान हुआ है.
* अचानक मौसम बदलने से मची भागमभाग
ज्ञात रहे कि, कल रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहने के चलते अधिकांश लोगबाग अपने-अपने घर परिवार के कामों को निपटाने में व्यस्त थे. साथ ही सामने ही गुढी पाडवा का पर्व रहने के चलते कई लोग बाजार में खरीददारी करने हेतु पहुंचे थे. साथ ही हर रविवार की तरह गत रोज भी इतवारा बाजार में लोगों की साप्ताहिक खरीददारी के लिए अच्छी खासी भीडभाड थी. जिसकी वजह से चारों और चहल-पहल वाला नजारा था. लेकिन दोपहर 4.30 बजे के आसपास मौसम में अचानक ही करवट बदली और हल्की बूंदाबांदी शुरु होने के बाद तेज बारिश व ओलावृष्टि होने लगी. जिसके चलते एक तरह से भागमभाग वाली स्थिति बन गई और लोगबाग बारिश व ओलावृष्टि से बचने हेतु आसरा खोजते दिखाई दिए. वहीं शहर की कई सडकों विशेषकर इतवारा बाजार परिसर में चल रहे फ्लाईओवर के निर्माणस्थल के आसपास बडे पैमाने पर जलजमाव वाली स्थिति बन गई, ऐसे में वाहनों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित हुई.
* और दो दिन बारिश होने की संभावना
जिले में विगत 16 मार्च से बेमौसम बारिश का दौर शुरु हुआ है तथा अभी ओर दो दिन यानी 21 मार्च तक कुछ स्थानों पर हल्के व मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना मौसम विभाग व्दारा जताई गई है, ऐसे में इसे लेकर विशेष रुप से किसानों में काफी हद तक चिंता वाला माहौले है. क्योंकि ऐन फसल कटाई के समय मौसम में आए इस बदलाव की वजह से पूरी तरह से पककर कटाई हेतु तैयार हो चुकी फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हो रहा है.
* हर ओर बरसे ओले
कल सबसे खास बात यह रही है कि जिले में चंहू ओर बेमौसम बारिश होने के साथ-साथ हर ओर ओले भी बरसे. हमारे विभिन्न तहसील संवाददाताओं से मिली जानकारी के मुताबिक तिवसा से लेकर धारणी तक तथा नांदगांव खंडेश्वर से लेकर वरुड तहसील के लगभग सभी क्षेत्रों में बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि हुई है. कई स्थानों पर लोगों ने आसमान से बरसने वाले ओलोे को अपने घर के बरर्तनों में पकडा. इसमें विशेष रुप से बच्चा कंपनी सबसे आगे रही. जिन्होंने इस बर्फबारी का जमकर मजा भी लिया.
* ‘नंदनवन’ में मौसम बदला
आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र की धारणी व चिखलदरा में भी कल बारिश और ओलावृष्टि का आलम रहा. जिसके चलते इस पहाडी इलाके में मौसम पूरी तरह से बदल गया. विदर्भ का नंदनवन कहे जाते पर्यटन स्थल चिखलदरा में गत रोज दोपहर 4 बजे से मूसलाधार बारिश सहित ओलावृष्टि शुरु हुई. जिससे यह हिलस्टेशन देखते ही देखते बर्फ की सफेद परत और कोहरे की घनी चादर में लिपटा नजर आने लगा. इसके साथ ही हरिसाल, तारुबांदा, खडीमल, चुनखडी व नवलगांव सहित कई पहाडी व दुर्गम गांवों में भी बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि होने की समाचार है. जिसकी वजह से यह पूरा परिसर सर्दी में ठिठूरता नजर आया.
* रेनकोट और स्वेटर-मफलर फिर बाहर निकले
विगत कुछ दिनों से तापमान को लगातार उपर उठने और गर्मी का प्रमाण बढ जाने के चलते लोगबाग सूती दुपट्टे, गॉगल व टोपी जैसी वस्तुओं का धूप से बचने हेतु प्रयोग करने लगे थे, लेकिन विगत 4-5 दिनों से मौसम लगातार बदरीला बना हुआ है और रुकरुककर बारिश हो रही है. जिसकी वजह से वातावरण काफी सर्द हो गया है. साथ ही गत रोज ओलावृष्टि के साथ ही अच्छीखासी बारिश होने की वजह से ठंड का प्रमाण काफी बढ गया. ऐसे में एक बार फिर रेनकोट सहित स्वेटर-मफलर व रजई-कंबल को उपयोग हेतु बाहर निकालना पडा.
* धारणी की महादेव नदी में जलस्तर बढा
धारणी तहसील के गोलाई नामक पर्वतीय क्षेत्र में रविवार की दोपहर तूफानी बारिश हुई. जिसके चलते विगत 4 माह से लगभग सुखी पडी महादेव नदी में अचानक ही जलस्तर बढ गया और यह नदी दोनों तटो से भरक बहने लगी. जिसकी वजह से महादेव झरने में भी जान आ गई और यह झरना भी फूट पडा. जिससे यहां पर बारिश के मौसम जैसा नजारा दिखाई दे रहा था.
* फसल बीमा के लिए किसानों की दौडभाग
– 72 घंटे के भीतर देनी होती है सूचना
जिले में विगत चार दिनों से लगातार हो रही बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि के चलते रबी फसलों सहित संतरा बागानों का बडे पैमाने पर नुकसान हो रहा है. ऐसे में फसल बीमा योजना में शामिल किसानों की फसल बीमा का लाभ पाने हेतु फसल बीमा कंपनी कार्यालय में अच्छीखासी दौडभाग देखी जा रही है. क्योंकि नुकसान होने के उपरांत 72 घंटे के भीतर कंपनी को इस बारे में सूचित करना आवश्यक होता है. उल्लेखनीय है कि इस योजना में रबी फसलों के लिए जिले के 8034 किसानों ने अपना पंजीयन किया है. जिसके जरिए 9.37 हेक्टेयर क्षेत्र को बीमा संरक्षित किया गया है. संरक्षित क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा की वजह से फसलों का नुकसान होने पर संबंधित किसान को 72 घंटे के भीतर इसकी सूचना फसल बीमा कंपनी को देनी होती है. इसके बाद कंपनी व्दारा व्यक्तिगत स्तर पर पंचनामे करते हुए नुकसान भरपाई निश्चित की जाती है. इस बार रबी फसल बीमा योजना

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